लेखक- सीमा सिंह
फिर उसने एक और उंगली अंदर घुसा दी अब धीरे धीरे वेंकट अपनी दो उंगलियों को अंदर बाहर कर रहा था, जब वेंकट को लगा की वो अब जेनिफर की गांड़ चोदने को तैयार है।
तो वेंकट ने अपने लंड पर ऑयल लगाया और जेनिफर की गांड़ के छेद पर रख दिया, जेनिफर दर्द के डर की वजह से मरी जा रही थी, उसने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था।
कि वो अपनी पूरी लाइफ में कभी ऐसा करेगी, वो तो एक साधा सा जीवन जीना चाहती थी, उसकी आंख से आसू बहने लगे, तभी उसे महसूस हुआ कि उसकी गांड़ में किसी ने गर्म गर्म रोड़ डाल दी हो।
उसकी जोर से चीख निकल गई उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईईईई प्लीज बाहर निकालो उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह मेरे बहुत दर्द होह्ह्ह्ह्ह् रररर रररर ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईईईई।
वेंकट ने एक जोर के झटके से अपना पूरा लंड जेनिफर की गांड़ में घुसा दिया, उसे अपने लंड पर जेनिफर की कसी गांड़ का पूरा अहसास हो रहा था।
वेंकट ने जल्दी से अपना लंड बाहर खींचा और फिर से तेजी से अंदर पेल दिया, जेनिफर की फिर से चीख निकल गई उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह ओ माई गॉड।
और वेंकट लगातार झटके लगाता रहा, जेनिफर रोती और चीखती रही, और उसे छोड़ने की कहती रही, अब मुरली ने भी वेंकट के लंड के साथ ताल मिलाकर जेनिफर की चूत में झटके लगाने शुरू कर दिए।
इस समय जेनिफर की चूत और गांड़ में एक साथ दो लंड थे और अंदर बाहर हो रहे थे, जेनिफर की चीखे पूरे कमरे में गूंज रही थी।
जेनिफर दर्द के मारे मरी जा रही थी, जेनिफर अपनी चूत और गांड़ में एक एक लंड लेकर रोते हुए सहायता के लिए प्रताप की ओर देखने लगी, कि वो उसके ऊपर कुछ उपकार करेगा।
और मुरली और वेंकट को रोक देगा, पर ऐसा नहीं हुआ प्रताप अपनी आंखों से जेनिफर को डराने लगा और कहने लगा मुरली और वेंकट को अपनी पसंद से चूदाई करने दो नहीं तो परिणाम देख लेना।
उसकी आंख के इशारे का मतलब समझकर और परिणाम के बारे में सोच कर वो कुछ नहीं कर पाई और चूदाई में दोनों का साथ देने लगी।
प्रताप खड़ा हुआ और पलंग के पास में जाकर सही से देखने लगा, उसे ऐसा लगा दो काली ब्रेड के बीच में एक पनीर की सिलाइस दबी हो ।
ऐसा देखकर प्रताप को ब्लू फिल्म से भी ज्यादा मजा आ रहा था, दो काले लंड जेनिफर की चूत और गांड़ में तेजी से अंदर बाहर हो रहे थे, प्रताप ने अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा।
दस मिनट के बाद उन्होंने जेनिफर को पलट दिया अब जेनिफर की गांड़ में मुरली का लंड था और उसकी चूत में वेंकट का लंड था वो दोनों बड़े मजे से उसकी चूदाई कर रहे थे।
हर दस मिनट के बाद वो जेनिफर को घुमा देते और उसकी चूदाई करते थे, एक घंटे से ज्यादा देर तक चूदाई करने के बाद मुरली ने उसकी चूत में और वेंकट ने उसकी गांड़ में अपना वीर्य छोड़ दिया।
और उससे चिपक कर अपने आप को शांत करने लगे, कुछ देर बाद जेनिफर उठी और बाथरूम में जाने लगी, पर उसकी गांड़ में बहुत दर्द हो रहा था।
जैसे ही उसने पानी से अपनी गांड़ को धोया उसे बहुत दर्द हुआ वो जोर से चीखी, और इधर जेनिफर की आंख खुल गई वो जोर से चिलाई, जैसे ही जेनिफर हॉस्पिटल बेड पर चिल्लाई ।
तो एक नर्स उसके पास आ गई और उसे शांत करने लगी, कुछ देर रोने के बाद वो फिर से सौ गई, दो दिन बाद हॉस्पिटल में उससे मिलने डाक्टर आए।
उसके साथ उसकी वाइफ भी थी, वो एक गईकोलोजिस थी, उन्होंने जेनिफर से उसका नाम पूछा जेनिफर ने अपना नाम बता दिया, फिर उन्होंने उसे पूछा की तुम क्या करने यहां पर आई थी।
तभी उसे नर्स की आपस की बात याद आई वो आपस में बात कर रही थी कि जंगल में इस पर किसी जानवर ने हमला कर दिया था, और ये जान बचाकर आ गई थी।
यही झूठी बात जेनिफर ने उन्हें बता दी, डॉक्टर बोला इस हमले में आपका चेहरा खराब हो चुका है, और तुम्हारे नीचे के पार्ट में भी इंजरी हो गई अब तुम कभी सेक्स नहीं कर सकती हो।
तभी उस डाक्टर की बीबी ने उसे सहनभूति दी, और बोली तुम्हारी जान बच गई ये ही बहुत है, एक महीने में ही जेनिफर की हालत सही हो गई।
जब वो हॉस्पिटल आई थी तो उसके हाथ में तीन हीरों की अंगूठी थी और कुछ सोने के आभूषण थे, उसने डाक्टर की हेल्प से एक अंगूठी बेच दी, और हॉस्पिटल का बिल भर दिया ।
और एक कार दिल्ली के लिए बुक कर ली और कार में बैठ कर निकल गई, जेनिफर चाहती तो अपने खाते से बिल भर सकती थी, पर वो नहीं चाहती थी कि किसी को भी पता चले की वो अभी जिंदा है और अभी कहां है।
इसलिए अपनी अंगूठी बेची थी, वो अपनी पुरानी लाइफ के बारे में सोचने लगी और सो गई, उसकी मां लाना और पिता डेविड ने उसे किसी परी की तरह पाला था।
कॉलेज में उसे अपने सीनियर से प्यार हो गया, उसने उससे ही शादी की थी, दरअसल रोबिन के घर में कोई नहीं था, बस उसकी बूढ़ी दादी थी, एक बार बूढ़ी दादी की तबियत बहुत खराब हो गई।
और डाक्टर ने हाथ खड़े कर दिए, तब दादी ने रोबिन से शादी करने को कहा और पांच दिन में ही जेनिफर और रोबिन ने चर्च में शादी कर ली।
सात दिन बाद उसकी दादी मर गई, उसके दो महीने के बाद जेनिफर के माता पिता एक कार एक्सीडेंट में गुजर गए, जिसके बाद जेनिफर का मन उस शहर में नहीं लग रहा था।
जेनिफर की हालत को देखकर रोबिन ने अपने बोस से सलाह मांगी, तब उसके बोस ने उसे बताया कि उसके दोस्त का एक रिश्तेदार है।
जो शराब के ठेके लेता है, उसे एक अकाउंटेंट की जरूरत है, वो गुड़गांव के पास में ही रहता है पर उसका सारा काम पंजाब और हिमाचल में चलता है।
तुम्हें पंजाब में रहना होगा, तुम्हें एक घर भी मिलेगा रहने के लिए, सोच कर मुझे बता देना, रोबिन बोला सर आप अभी बात कर लो सोचने के कोई जरूरत नहीं है।
कुछ समय वो बाहर रहेगी तो इस गम से बाहर निकल जायेगी, और कुछ दिन बाद रोबिन जेनिफर के साथ पंजाब पहुंच गया, उदर कुछ ही दिन में जेनिफर का दिमाग धीरे धीरे सही होने लगा ।
रोबिन का काम प्रताप सिंह को बहुत अच्छा लगा, रोबिन ने जब काम ज्वाइन किया था बस उसी दिन ही उन दोनों की मुलाकात हुई थी उस दिन के बाद से प्रताप वापिस नहीं आया था।
पर फोन पर रोज बात करते थे, क्योंकि प्रताप अपने नए बिजनेस (बिल्डिंग बनाने) के काम में लगा हुआ था, चार महीने के बाद प्रताप अपने ऑफिस आया।
रोबिन को काम करता देखकर प्रताप बहुत खुश हो रहा था, रोबिन ने अपने बोस पर अपना इंप्रेशन डालने के लिए, उसे कल डिनर पर बुलाया।
पहले तो प्रताप मना करता रहा फिर रोबिन के जिद करने के बाद वो मान गया, रोबिन को नहीं पता था की ये जिद उसपर कितनी भरी पड़ने वाली है।
जिसके बाद उसकी जिंदगी पूरी नरक बन जाएगी, अगले दिन रात को 8 बजे रोबिन और जेनिफर घर पर प्रताप का वैट कर रहे थे, तभी घर के दरवाजे की वैल बजी।
दोनों ने दरवाजा खोला और प्रताप का स्वागत किया, प्रताप तो बस जेनिफर को देखता ही रह गया, रोबिन को उसके ऊपर सक न हो तो प्रताप सामान्य व्यवहार करने लगा।
उसने अपना लाया हुआ गिफ्ट रोबिन को दिया और सब ने खाना खाया, प्रताप का तो पूरा ध्यान जेनिफर पर ही था, वो जेनिफर के जिश्म को देखकर उसे अपनी निगाह से ही ऑब्जर्व कर रहा था।
प्रताप को जेनिफर के गोल गोल बूब्स आकर्षित कर रहे थे, टाइट फिटिंग ड्रेस पहनी होने के कारण उसके निपल्स का उभार साफ दिखाई दे रहा था।
उन्हें देखकर प्रताप बार बार अपने दात कटक रहा था, अगर उसका बस चलता तो वो अभी ही इस समय जेनिफर के सारे कपड़े उतार देता और उसे नंगा कर देता।
उसके मुंह को चोदता, उसकी चूत चाटता, उसको घोड़ी बनाकर उसकी चूत को मारता फिर उसकी गांड़ भी मारता, और पूरी रात में जेनिफर के तीनों छेद में अपना वीर्य डालता।
प्रताप ने मन ही मन ये पक्का कर लिया था की वो जेनिफर को अपनी दासी बनाकर रखेगा और जब उसका मन होगा तब जेनिफर के हुसन के जलवे देखेगा।
रोबिन के घर से जाने के बाद प्रताप जेनिफर को चोदने के लिए नए नए प्लान बनाने लगा, और जब एक अच्छा प्लान बन गया तो उसे पूरा करने में लग गया।
तभी कार ड्राइवर बोला मेडल दिल्ली आ गया है, अपने जहां बोला था हम दिल्ली में वही है, उसने कार ड्राइवर को पैसे दिए और एक नाश्ते के ठेले पर गई।
सुबह के 8 बज रहे थे, उसने कुछ नाश्ता किया, उसके बाद उसने उसी ठेले वाले से पूछा की यहां से शकुंतला आश्रम जाने का क्या साधन है ?, तो वो आदमी बोला मैडम आश्रम बहुत दूर है।
टैक्सी वाला 400 रुपए लेगा वहा पर जाने के, जेनिफर ने उसे थैंक्स बोला और वहा से चली गई, जेनिफर जब से हॉस्पिटल से निकली थी, तब से अपने चहरे को रूपटे से ढक रखा था ।
जिससे उसका खराब चेहरा किसी को न दिखे, एक घंटे बाद वो आश्रम के बाहर थी, इस आश्रम की शुरुआत शकुंतला देवी ने की थी।
इस आश्रम की एक खास बात थी, इस आश्रम के अनुयाई 16 साल से ऊपर की महिलाए ही हो सकती थी, मर्दों का यहां आना वर्जित था, ये इस आश्रम के नियम ने से एक था।
जेनिफर यहां किसी से मिलने आई थी, वो वहा कुर्सी पर बैठे वोलेंटियर के पास गई, वोलेंटियर वहां सभी बाहर से आ रही औरतों से बात कर रही थी।
जेनिफर ने उसे बताया की उसे साधना देवी से मिलना है, उस वोलेंटियर लड़की ने जेनिफर को बताया की साधना देवी अभी सो रही होंगी ।
मैं उन्हें बता दूंगी, तब आप उनसे मिल लेना, जब तक अब आश्रम में इंतजार को लो, जेनिफर इंतजार करने लगी, तभी वो वोलेंटियर लड़की बोली साधना देवी आपसे पांच बजे मिलेंगी।
पांच बजे जेनिफर एक कमरे में पहुंची, कमरा काफी बड़ा था उसमें पांच औरतें बैठी थी, तभी साधना देवी बोली तुम कौन हो ?, और मुझसे क्यों मिलने आई हो ?
तब जेनिफर बोली मैं आपकी पुरानी दोस्त लाना की बेटी जेनिफर हूं, ये सुनकर साधना देवी बहुत खुश हो गई, उसके साथ बाकी की औरतों के चहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।
साधना देवी बोली जेनिफर बेटा यहां पर आना कैसे हुआ, और घर पर कैसे हैं सब, और ये चेहरा क्यों ढक रखा है, तभी जेनिफर ने अपने चेहरे पर से रुपटा हटा दिया तभी जेनिफर के चेहरे के निसान देखकर वो रोने लगी।
उसने जेनिफर से पूछा ये कैसे हो गया, तब जेनिफर ने उसे सब कुछ बता दिया उसके साथ क्या क्या हुआ है ?, उसकी पूरी बात सुनकर साधना देवी बोली तुम क्या चाहती हो ?
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