चाची भतीजा चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी रिश्ते की चाची हमारे घर के पास रहती थी. मैं उन्हें चोदना चाहता था. उनकी बेटी से मेरी दोस्ती थी तो मैं बार बार उनके घर जाता रहता था.
दोस्तो,
मैं अभिषेक, सभी चूत की मल्लिकाओं और मेरे लण्डधारी भाइयों को प्रणाम.
मेरी उम्र अब 25 साल है और में उत्तरप्रदेश के शहर अलीगढ़ से हूँ. मैं एक बिजनेसमैन हूँ जिससे मेरी अच्छी कमाई हो जाती है.
मेरी लम्बाई 5 फुट 7 इंच है.
जिम जाने के कारण मेरे बदन गठीला है.
मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 1.5 इंच मोटा है जो किसी भी लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लिखने जा रहा हूँ, यह मेरे और मेरी चाची के बीच हुए एक रोमांचक सेक्स की कहानी है.
यह कहानी आज से दो साल पहले की है.
तो कहानी शुरू करने से चूत की मल्लिका अपनी चूत में उंगली डाल लें और लण्डधारी अपने हाथ में लन्ड पकड़ लें.
इस चाची भतीजा चुदाई कहानी में मैंने चाची व अपना नाम बदलकर रख दिये हैं ताकि गोपनीयता बनी रहे.
और बाकी सब असली है जो घटना मेरे साथ घटित हुई.
मेरे घर में मेरे मम्मी पापा में और मेरा छोटा भाई है.
और पड़ोस में ही चाची का घर है.
यह मेरी सगी चाची नहीं है.
मेरी चाची की उम्र 40 साल है.
चाची एक शानदार हुस्न की मल्लिका है. उनका रंग एकदम दूध सा गोरा, लम्बाई 5 फुट 5 इंची है.
उनके शरीर पर उनकी उभरी हुई गांड और चूचे बुड्ढों का भी लण्ड खड़ा कर दे, ऐसी है चाची के शरीर की बनावट!
उनकी एक लड़की है, उनकी लड़की भी मेरी गर्लफ्रेंड रही है.
लेकिन अब उसकी शादी हो गई तो वो कहानी बाद में!
अभी चाची की चुदाई का आनंद लेते हैं.
मैं चाची को पहले से ही पसंद करता था.
जब मेरी उनकी लड़की से सेटिंग हुई तो उसके बाद उनके घर आना जाना मेरा बढ़ गया.
मैं उनके घर जकार चाची के कामों में भी हाथ बंटाने लगा.
तो सभी मुझको पसंद करते थे.
चाचा कहीं बाहर जाते तो कोई काम होता तो मुझे बता जाते!
और जब भी मैं चाची को देखता तो बस मेरा मन करता कि चाची को यहीं पटक कर चोद दूँ.
ऐसे ही दिन निकले जा रहे थे.
यह बात दिसम्बर 2020 की है.
चाचा के दोस्त के लड़के की शादी दिल्ली में थी. तो वहाँ जाने का प्रोग्राम सभी का था.
लेकिन किसी काऱणवश चाची नहीं जा पाई तो चाची घर पर अकेली रह गयी.
और मैं ही उन्हें सुबह बस में बिठाने गया.
वहाँ से वापस आया तो रास्ते में से सेक्स की गोली ले आया.
सोचा कि यही मौका है, कुछ ट्राय करके देखता हूँ.
ऐसे ही शाम हो गयी और रात के 8 बज गए.
जब मैं चाची के घर गया, चाची खाना खा रही थी.
चाची ने मुझे देखा और खाने के लिए पूछा.
मैंने मना कर दिया.
फिर हमारी इधर उधर की बात चलती रही.
उन्होंने खाना ख़त्म किया और वे उठ कर जाने लगी.
तो मैं भी जाने लगा.
तब उन्होंने मुझे रोका और मुझसे कहा- अगर तुमको कोई परेशानी न हो तो क्या तुम आज रात मेरे यहां सोने आ सकते हो?
मेरे मन लड्डू फूटे और मैंने झट से हां कर दी.
उन्होंने कहा- ठीक है, तुम फ्री होकर आ जाओ. तब तक मैं भी फ्री हो जाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है!
और मैं वहां से मन ही मन खुश होते हुए चला आया.
घर गया, सेक्स वाली गोली निकाली और उन्हें पीसकर कर एक कागज़ में कर लिया.
मैंने घर पर बोल दिया- चाचा के घर सोने जा रहा हूँ.
उसके बाद मैं चाची के घर पहुंचा.
तो चाची किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी.
मेरे जाने के करीब 2 मिनट और बात की और फ़ोन काट दिया, और वे मुझसे बोली- तुम आ गये!
मैंने भी हाँ कहा.
वे बोली- तुम बैठो, मैं गाय बांध कर आती हूँ, फिर तुम्हारा बिस्तर लगाती हूँ.
मैं बोला- मेरा चाय पीने का मन है. जब तक आप गाय बांध कर आओ, मैं चाय बना लेता हूँ.
उन्होंने बोला- अरे नहीं, मैं आकर बना देती हूँ, तुम बैठो!
मैं बोला- आज हमारे हाथ की भी चाय पी लो!
उन्होंने ‘ठीक है’ कहा और चली गयी.
मैं रसोई में गया, चाय बनाने लगा.
चीनी के साथ ही मैंने सेक्स की गोली भी मिला दी.
मैं चाय बना ही रहा था, जब तक चाची आ गयी.
उन्होंने मुझसे कमरे जाने के लिए कहा- मैं लेकर आती हूँ.
फिर वे चाय लेकर आयी.
हमने साथ चाय पी और थोड़ी देर इधर उधर की बात की.
दोस्तो, मैं जानकारी के लिए बता दूँ कि सेक्स की गोली को गर्म और मीठी चाय के साथ देने से सेक्स चढ़ने की स्पीड दुगनी हो जाती है.
हमने 10 मिनट इधर उधर की बात की, फिर चाची उठ कर जाने लगी.
मैंने उनकी आँखों की तरफ देखा तो उनमें भी सेक्स का असर सा दिखाई देने लगा था.
फिर वे वहां से चली गयी.
मैं कमरे में बैठ कर इंतज़ार करने लगा, मेरे दिल की धड़कनें भी तेज़ होने लगी.
मन में डर भी था, कहीं चाची को कुछ पता न लग जाये.
गांड भी फट रही थी और मन में लड्डू भी फूट रहे थे.
करीब 5 मिनट तक चाची वापस नहीं आयी, मैंने चाची को आवाज लगाई.
उधर से कोई जवाब नहीं आया.
मैं वहां से उठ कर रसोई की तरफ गया.
वहां जो देखा … बस देखता ही रह गया.
सच में वह नजारा मैं जब भी याद करता हूँ, मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
चाची ने अपनी साड़ी को ऊपर पेट पर चढ़ा रखा था, पैंटी पूरी उतार दी थी जिससे उनकी गोरी गोरी जांघ एकदम दूध की तरह दिख रही थी.
उनका सर पीछे की तरफ झुका हुआ था, एक हाथ ब्लाउज के ऊपर से ही चूचे पर था और दूसरा हाथ चूत में उंगली कर रहा था.
चाची की आँखें बिल्कुल बंद थी और उनके मुंह से धीरे धीरे ‘अहह अह्ह्ह’ की आवाज आ रही थी.
ये सब देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया और चाची के पास जाकर नीचे बैठ गया.
उनके हाथ को पकड़ कर चूत से अलग किया, दोनों जांघों को कसकर पकड़कर अपनी तरफ खींचा और चूत पर अपना मुंह रख दिया.
चाची ने इसका बिल्कुल विरोध नहीं किया बल्कि मेरा सर पकड़ कर चूत पर दबा दिया.
वे और तेज तेज चूत रगड़वाने लगी.
चाची की चूत में से नमकीन पानी निकल रहा था.
‘अह्ह्ह अह्ह्ह’ की आवाज उनके मुंह से आरही थी.
थोड़ी देर में चाची मेरे मुँह में ही झड़ गयी, मैंने सारा पानी पी लिया और चूत को साफ़ किया.
फिर मैं उठा, चाची की चेहरे की तरफ देखा.
चाची मुझसे आँख नहीं मिला पा रही थी.
मैंने वहीं उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए.
उन्होंने मुझे धक्का दिया और अलग कर दिया.
मैं वहां से कमरे में आ गया और बैठ कर मन ही मन सोचने लगा कि चाची कहीं चाचा को न बता दे!
बहुत डर रहा था मैं!
लेकिन दिमाग में वही सीन चल रहा था.
फिर दो मिनट बाद चाची आई, उन्होंने कमरे के दरवाजे को अंदर से बंद किया और मुझ पर टूट पडी.
उन्होंने मेरे होठों पर होंठ रख दिए.
मैं भी उनका साथ दे रहा था.
5 मिनट तक हमने किस किया.
अब चाची भतीजा चुदाई सही दिशा में आगे बढ़ रही थी.
मैंने चाची के चूचे पर हाथ रखा और जोर जोर से दबाने लगा, एक एक करके दोनों चूचों को दबाने लगा.
उनकी साड़ी को मैंने उनके शरीर से बिल्कुल अलग कर दिया.
चाची मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी.
फिर मैं चाची की गर्दन पर किस करने लगा.
धीरे धीरे मैंने ब्लाउज के हुक खोल दिए और चूचों को कसकर दबाने लगा.
मैंने ब्लाउज को उतार दिया और पेटीकोट को खोल दिया.
पेटीकोट खुलते ही नीचे खिसक गया.
उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी, अब वे मेरे सामने सिर्फ ब्रा में थी और चूचे भी ब्रा फाड़ कर बाहर निकलने को बेताब थे.
तभी मैंने ब्रा भी हटा दी.
चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.
सच में वे क्या क़यामत लग रह थी!
एकदम गोरे चूचे!
मैं चाची की चूचियों पर टूट पड़ा.
एक एक करके मैंने दोनों चूचों का रस पिया, ऊपर से नीचे तक सब जगह किस किया.
ये सब करते करते मुझे नहीं पता चला कि उन्होंने मुझे कब नंगा कर दिया.
वे नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और मेरे लंड पर किस करने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं चाची के बाल पकड़ कर लंड पर दबाने लगाने लगा.
चाची गुं गुं की आवाज के साथ मेरा लंड पिए जा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और हम 69 की पोजीशन में आ गये.
5 मिनट चूत चाटने के बाद चाची ने मुंह से लंड निकाला और मुझसे बोली- जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो, अब रहा नहीं जाता!
रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा था, मैंने भी देर न करते हुए लंड को उनकी चूत पर रखा.
चूत पहले से ही इतनी गीली थी कि लण्ड अपने आप उसमें जाने लगा.
मैंने भी एक तेज झटका मारा, पूरा लण्ड एक ही बार में अंदर तक उतार दिया.
उनके मुंह से चीख निकल गयी, वे मुझसे बोली- आराम से कर … बहुत दिनों से मैंने किया नहीं है!
मैंने उनकी एक न सुनी, होंठों पर होंठ रखकर मैं तेज तेज झटके मारने लगा.
उन्हें और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
सच में दोस्तो, मैंने आज तक 9 लड़कियों को चोदा है लेकिन इतना मज़ा कभी नहीं आया जितना तब आ रहा था.
फिर मैंने चाची को घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा.
चाची मुंह से गाली बके जा रही थी- और जोर से चोद मादरचोद … बहुत दिनों से प्यासी है!
तब चाची ने तेज़ झटके देने शुरू कर दिए और वे झड़ गयी.
लेकिन मेरा अभी बाकी था तो मैं उन्हें चोदता रहा.
मैंने चाची को दीवार के सहारे खड़ा किया, एक टांग बेड पर रखी जिससे चूत और चौड़ी हो गई.
तब मैंने अपना लण्ड अन्दर डाला और चोदने लगा.
5 मिनट बाद मेरे होने को आया तो मैं बोला- कहा निकालूँ इसे?
उन्होंने बोला- अंदर ही निकाल दे!
इसके साथ वे भी एक बार और झड़ गयी.
चाची भतीजा चुदाई के बाद हम दोनों बेड पर लेट गए.
उसके बाद हमने उस रात दो बार और चुदाई की.
और अब जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं.
मैंने उनकी गांड भी मारी, वो कहानी फिर कभी बाद में!
प्यारे दोस्तो, आपको चाची भतीजा चुदाई कहानी कैसी लगी?
आप मुझे मेल करके जरूर बतायें.
thakurboyaligarh7@gmail.com