तो दोस्तों, बात है उस रात की जब मैं घर बहुत ज्यादा नशे में गया था।
मुझे बिलकुल भी होश नहीं था हलाकि मुझे घर तक छोड़ने मेरा एक दोस्त आया था।
जहा तक मुझे याद है मेरे दोस्त ने मुझे घर के दरवाजे पर छोड़ा और वहाँ से चला गया।
जब मेने दरवाज़ा खोलने जा ही रहा था तो मेरे फ्लोर के ऊपर वाले फ्लोर में रहने वाली भाभी वहाँ आ कर मुझे देखने लगी।
उनके पति पुलिस में थे और उस दिन घर पर नहीं थे।
उन्होंने मुझसे पूछा की सब ठीक तो है न।
लेकिन मैं इतने नशे में था की मैंने उनकी बात ही नहीं सुनी।
वो ऊपर से सब कुछ देख रही थी। मैं अपने घर का ताला भी ठीक से नहीं खोल पा रहा था
तभी भाभी ऊपर से नीचे आयी और मेरे हाथ से चाबियां छीन के ताला खोलने लगी।
जैसे ही ताला खुला भाभी ने दरवाज़ा खोला और मुझे अंदर ले गयी।
उन्होंने मुझे पलंग पर लेटाया और मुझे सोने के लिए कहा।
मैं पूरी तरह से नशे में था लेकिन भाभी की कमर जो मुझे साडी और ब्लाउज के बीच के हिस्से से दिख रही थी मेरी हवस की प्यास को बढ़ा दिया।
भाभी अभी मुझे सही से पलंग पर बैठा ही रही थी की मैंने उनकी नंगी कमर पर अपना हाथ फेर दिया और मसलने लगा।
भाभी ने मुझे ज़ोर से धक्का दिया लेकिन मैं खुद को रोक नहीं पाया।
मेने भाभी का हाथ पकड़ा और उसे अपने ऊपर खेंच लिया।
शराब के नशे में धुत मैंने अपनी भाभी की साडी का पल्लू खिंच के भाभी ऊपर से अधनंगा कर दिया था।
अब तक भाभी भी समझ गयी थी की वो मुझसे चुदे बिना यहां से नहीं जा पाएगी।
जब मेने भाभी की गर्दन को चूमना शुरू किया तो भाभी को भी मज़ा आने लगा।
उन्होंने भी मेरे सर पर हाथ रख कर बालो के बीच में अपनी उंगलिया डाल के सहलाना शुरू कर दिया था।
अब भाभी मेरे हवस के जाल में फसते जा रही थी और मैं भी अपनी भाभी की मुलायम चुत मारने के लिए मरे जा रहा था।
तभी भाभी ने अपनी पल्लू को खींचा और साडी उतार दी।
भाभी अब बस ब्लाउज और पेटीकोट में थी जिसे देख कर मेरा बड़ा और शैतानी लंड मेरी पैन्ट में रह नहीं पाया।
मैंने हाथ डाल के अपनी पैन्ट उतार दी और भाभी मेरे बड़े और सख्त लंड को देख कर मानो जैसे पागल ही हो गयी हो।
वो बस उसे देखे जा रही थी और अपने पेटीकोट के ऊपर से अपनी चुत मसल रही थी।
तभी मैने भाभी को अपनी और खींचा और उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया।
भाभी भी मेरे लंड को मसल रही थी और बहुत ही अच्छे तरीके से उसे संतुष्टि दे रही थी।
मेने भाभी के ब्लाउज के हुक खोल कर भाभी को नंगा कर दिया और फिर भाभी ने खुद ही अपना पेटीकोट भी उतार दिया।
भाभी की गुलाबी चूत देख कर मुझसे और ज्यादा रुका नहीं गया और मैंने बस भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर पटक दिया।
भाभी की हलकी ही चींख निकल गयी लेकिन भाभी मुझे चूमने लगी।
मैंने और भाभी ने तकरीबन पंद्रह मिनट तक एक दूसरे की चूमा साथ ही मैं भाभी के स्तनों को अच्छे से मसल रहा था और भाभी मेरे गर्म और आठ इंच लम्बे लंड को।
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