हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी का antarvasnastory.org पे मज़े लेने वालों को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसके बारे में मैंने पहले कभी सोचा भी ना था और वो सब मेरे साथ हुआ। दोस्तों वैसे तो बचपन से ही मुझे सेक्स करने में बहुत रूचि रही है और में उसके लिए कोई ना कोई नये नये जुगाड़ लगाने में हमेशा आगे रहता था। मैंने अपने दोस्तों के बताने पर सेक्सी कहानियों को पढ़ना भी शुरू किया जिसके बाद मेरा यह मज़ा और चुदाई की तरफ का आकर्षण पहले से भी ज्यादा बढ़ गया। अब में कहानियों को पढ़कर मुठ मारकर अपने लंड को शांत करने लगा था। दोस्तों ऐसा से भी कब तक मेरा खुश रहता और इसलिए में किसी चूत की तलाश में लगा और फिर एक दिन मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा साथ देकर मुझे अपनी एक दूर की रिश्तेदार भाभी के साथ चुदाई का वो मौका दिया, जिसके साथ मैंने मन की इच्छा वो काम किया जिसको आज भी सोचकर में खुशी से झूम उठता हूँ। दोस्तों अब आप सभी को ज्यादा देर बोर ना करके में अपनी उस घटना को पूरी तरह विस्तार से सुनाता हूँ कि कैसे मैंने अपनी भाभी के साथ क्या क्या किया?
दोस्तों किसी भी जवान औरत के साथ जमकर सेक्स करना और उस औरत को इतना चोदना कि वो आगे होकर चुदाई के लिए मना और करे रुकने का आग्रह करे, यह हर एक जवान लड़के का सपना होता है। दोस्तों मेरा भी एक सपना था कि एक बार जरुर में किसी अल्हड़ मस्त जवान औरत की गांड मारी जाए और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर उसका रस भी एक बार जरुर चखा जाए और उस औरत की भारी भारी, कसी कसी उठान लिए ब्लाउज में दूध से भरे हुए बूब्स हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी तरफ आकर्षित किया करते थे और में उनको दबाने के सपनो में हमेशा खो जाता था कि कब उसके ब्लाउज के बटन को खोलकर में उन बूब्स को आज़ाद करूँगा? ब्लाउज के हुक को खोलकर ब्रा को हटाकर दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर में उनको दबाने का वो मज़ा लूँ और कब में उस औरत के बूब्स को अपने हाथों में लेकर उनको छूकर दबाकर मुझे कितना मस्त मज़ा आएगा? और कब में भी उन निप्पल को अपने मुहं में लेकर उनका रस पीकर मज़े करूंगा? यह सभी में दिल्ली की हर एक जवान गोरी सुंदर और प्यारी भाभी के बारे में सोचता कि रात को यह कितना मज़ा लुटवाती होगी और लंड की सवारी करके रोज़ जन्नत भी घूमने जरुर जाती होगी।
दोस्तों वैसे मेरे पड़ोस की हर एक भाभी भी मुझसे बहुत घुली मिली हुई थी, इसलिए में उनके साथ बहुत हंसी मजाक किया करता था और उनको कभी भी कोई भी काम होता, तब उनका यह प्यारा देवर हमेशा उनके हर काम को करने के लिए तैयार ही रहता था। एक बार मेरे एक दूर के भैया हमारे यहाँ कुछ दिनों के लिए अपनी बीवी के साथ रहने आ गए और यह बात एक रात की है। उस रात को मुझे ज्यादा गरमी होने की वजह नींद नहीं आ रही थी और में ऐसे ही अपने कमरे से बाहर आँगन में निकलकर आ गया। उस समय मेरे घर के सभी सदस्य सो चुके थे, लेकिन में उठा हुआ था। फिर उसी समय मेरी नजर सामने बेडरूम की खिड़की की तरफ चली गई। मैंने देखा कि वहां से हल्की सी लाइट की रोशनी बाहर आ रही थी, क्योंकि खिड़की के काँच पर कपड़ा पड़ा था और कुछ हिस्सा खुला हुआ था। दोस्तों उस समय उस खिड़की का एक दरवाज़ा हल्का सा टेढ़ा खुला था जिसकी वजह से बाहर की साफ ठंडी हवा कमरे में आ जा सके। फिर मैंने कुछ देर बाद मन ही मन में सोचा कि यह भैया इतनी रात को ऐसा क्या पढ़ रहे है? जो उन्होंने कमरे में उजाला किया है। अब मैंने हल्के से दबे पैर पास जाकर खिड़की के नीचे से अंदर की तरफ झांककर देखा और उसके बाद तो बस मेरी सांसे जैसे रुक ही गई। में बिल्कुल चकित होकर अपनी आखें फाड़कर देखने लगा।
दोस्तों मैंने देखा कि भाभी उस समय पूरी नंगी होकर पेट के बल लेटी हुई थी और उनके मस्त गोरे बड़े आकार के गोलमटोल कूल्हे उस समय ऊपर की तरफ थे। अब भैया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे थे और साथ-साथ वो उनके कूल्हों की भी मसाज कर रहे थे। अब भाभी अपने मुहं से हल्के-हल्के आह्ह्ह्ह सस्स्सईईईइ उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी और जब भैया तेल लगाकर अपनी उंगली को भाभी के कूल्हों को फैलाकर गांड के अंदर डालते। फिर उसी समय भाभी कह उठती ऊईईइ प्लीज धीरे धीरे डालो बाबा, मुझे बड़ा तेज दर्द होता है। अब भैया लूँगी को पहने अपने दोनों हाथों से उनके ऊपर जाँघो पर बैठकर दोनों कूल्हों को वो बड़े प्यार से मसाज कर रहे थे। दोस्तों गांड की मालिश करने की वजह से भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी। उनके चेहरे से मुझे उनकी झलकती हुई खुशी साफ नजर आ रही थी। फिर भाभी के उल्टा होकर लेटने से मैंने देखा कि भैया हल्के से लेटकर पीछे से उनकी गांड में अपनी जीभ को भी लगा रहे थे, जिसकी वजह से भाभी अब आआहह ऊह्ह्ह करती जाती। फिर पीछे से ही भैया ने भाभी के कूल्हों को फैला दिया, जिसकी वजह से उनकी चूत भी दो फांको में बट गई और चूत के गुलाबी छेद में अपनी उंगली को डालकर वो अब अंदर बाहर करने लगे। अब भाभी को वो अजीब सा नशा चढ़ने लगा और वो उसकी वजह से मदहोश होने लगी थी।
फिर भैया धीरे से भाभी के कूल्हों के नीचे आ गये और अपनी जीभ से उन्होंने भाभी की चूत को लप लप करके चाटना शुरू किया। अब इस वजह से भाभी के मुहं से वो सिसकियाँ और साँसे और गरम और तेज़ हो चुकी थी और फिर भाभी अब अपनी पीठ के बल लेट गई और भैया ने उनके आगे वाले हिस्से की मालिश करना शुरू कर दिया। दोस्तों भैया अब भाभी के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उनकी गोरी जांघो को रगड़कर उनकी भी मालिश करने लगे थे और वो अपने अंगूठों से चूत के दोनों सिंघाड़ो की मसाज भी करने लगे थे। फिर उन्होंने ढेर सारा थूक डालकर उनकी चूत पर उसका लेप लगा दिया और फिर उन्होंने अपनी जीभ से चूत को रगड़ रगड़कर एकदम लाल करके उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ को अंदर बाहर करके वो साथ ही उंगली को भी बड़ी तेज़ी से अंदर-बाहर करके चूत को गीला करके गरम करके चुदाई करने का विचार बनाया। दोस्तों भैया बार बार भाभी की चूत के ठीक बीच ऊपर उगी हुई हल्की काली, घुंघराली झांटो को भी अपने मुहं से होंठो में दबाकर नोचते जिसकी वजह से भाभी को मदहोशी का नशा सा छा जाता। दोस्तों झांटों के नीचे चूत की सुंदरता देखते ही बनती थी और वो बड़ा ही सुहावना, मनमोहक द्रश्य था जिसको देखकर मेरा लंड तनकर कुतुब मीनार सा टाइट खड़ा हो चुका था और अंडरवियर में लंड ने पानी भी छोड़ दिया था। दोस्तों ये कहानी आप antarvasnastory.org पर पड़ रहे है।
अब मेरा लंड भी खड़ा होकर मन में अपनी भाभी को चोदने के लिए पागल हो गया था और फिर मैंने देखा कि भैया भाभी के सर की तरफ अपने दोनों पैरों को करके लेट गये और वो अब भाभी की चूत में अपनी जीभ को अंदर बाहर डालकर उसके साथ खेल रहे है और उस समय भाभी भी भैया का 6 इंच लंबा और तीन मोटा लंड अपने हाथों में पकड़कर अपनी जीभ से भैया के लंड का हल्के गुलाबी रंग का टोपा चाट रही थी। फिर थोड़ी देर में भाभी ने भैया का लंड मुहं में पूरा अंदर ले लिए और वो बड़ी ही शांति के साथ लंड को अंदर बाहर करके मज़ा लेने लगी और भाभी ने अपने एक हाथ से मज़बूती से लंड को पकड़कर पूरा खड़ा कर दिया। फिर कुछ देर चले इस कार्यक्रम के बाद भैया ने उठकर अपने लंड को भाभी की चूत को पूरा फैलाकर उसके अंदर डाल दिया और तभी लंड खप की आवाज़ के साथ नरम रेशम सी चिकनी चूत की मखमली गहराई में वो पूरा लंड एक ही बार में अंदर तक समा गया। फिर धीरे धीरे अंदर बाहर अपने लंड को करके भैया ने भाभी को जन्नत की असली सैर के मज़े करवाने शुरू कर दिए और वो दोनों कुछ देर बाद बराबरी से धक्के देकर चुदाई के मज़े लेकर दूसरी दुनिया में सफर करने लगे थे। फिर कुछ देर बाद भाभी ने जोश में आकर कहना शुरू किया आह्ह्ह उफ्फ्फ हाँ अब तुम मेरी गांड में भी इसको डालकर धक्के मारो।
अब इतना सुनने पर भैया ने भाभी की चूत से तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकालकर उनकी गांड के छेद पर लगाकर एक जोरदार धक्के के साथ पूरा अंदर डालकर मज़े लेने शुरू किए। दोस्तों में उन दोनों का वो जोश भरा कार्यक्रम देखकर बड़ा चकित रोमांच से भर चुका था, क्योंकि वो दोनों एक जैसे जोश के साथ अपने उस काम को पूरा करने में लगे थे। फिर वैसे ही कभी तेज और कभी हल्के, लेकिन लगातार धक्को के साथ गांड की धुनाई करके भैया पांच सात मिनट के बाद झड़ गये और अब उनके लंड से गरम वीर्य का वो फव्वारा देखकर मेरा भी लंड मस्ती में भीग आया, लेकिन में उससे ज्यादा करता भी क्या? अब मुझे वापस दबे पैर अपने कमरे में आकर सोना पड़ा, में सच कहूँ तो वो रात मेरी बड़ी मुश्किल से कटी। अब मैंने भी अपनी भाभी की गांड मारने की बात सोची और में उनकी चुदाई के सपनों को देखकर ना जाने कब सो गया। दोस्तों दूसरे दिन से मेरा मन और नियत दोनों ही बिल्कुल बदल चुकी थी और अब मुझे उस मौके की तलाश थी जिसका फायदा उठाकर में अपने मन की उस इच्छा को पूरा कर सकता था। अब वैसे मैंने अपनी भाभी से बातें हंसी मजाक करके हमारे बीच की उस दूरी को पहले से बहुत कम कर दिया था और वैसे मेरी वो भाभी बहुत खुले विचारों की हंसमुख स्वभाव की थी इसलिए में बहुत ही कम समय में उनके बहुत करीब आ गया था।
फिर कुछ दिन इंतजार उनके साथ वैसे ही मज़े मस्ती करने के बाद मुझे उस दिन वो मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बड़ी बेसब्री से इंतजार था। दोस्तों एक दिन में अचानक भाभी के बेडरूम में जा घुसा, उस समय भाभी नहाकर एक टावल को लपेटकर बाथरूम से बाहर निकली थी। अब वो अचानक मुझे अपने सामने इस तरह से देखकर तुरंत समझ गई थी कि इस लड़के को मेरी चूत चाहिए, लेकिन फिर भी वो झूठा नाटक करते हुए मुस्कुराकर बोली कि आज घर में कोई नहीं है, सभी लोग शादी में गए है और इसलिए कल तक हम दोनों इस पूरे घर में अकेले ही है। फिर मैंने उनको कहा कि हाँ भाभी में यह बात बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ इसलिए ही तो में ऐसे यहाँ पर आया हूँ, क्योंकि मुझे आज आपसे कुछ अपने मन की सच्ची बात कहनी है और फिर मैंने हिम्मत करके एक ही साँस में कह दिया कि भाभी आप बहुत सुंदर हो और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। अब वो हंसकर मुझसे पूछने लगी क्यों आज मेरी इतनी तारीफ क्यों हो रही है? फिर में उनको कहने लगा कि भाभी आज आप एक बार मेरे दिल की वो इच्छा पूरी कर दो प्लीज। अब वो मुझसे पूछने लगी क्यों तुम्हारी वो इच्छा क्या है? दोस्तों उस समय भाभी के सुंदर गोरे चेहरे पर एक कातिल हसीना वाली मुस्कुराहट थी।
फिर मैंने भी तुरंत ही बिना देर किए झट से कह दिया मुझे एक बार आपकी गांड मारनी है, सच भाभी इतनी सुंदर जवान मदमस्त भरी फूली हुई साँचे में ढली गांड को मैंने आज से पहले कभी नहीं देखा, तुम्हारी गांड इतनी मस्त है कि में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता। प्लीज आप एक बार मुझे अपनी इस गोरी गोरी गांड के दर्शन करवा दो भाभी, तुम्हारी इस सुंदरता की कसम में उसके बाद ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम रहूँगा। दोस्तों अपने मुहं से यह शब्द कहकर में तुरंत ही उनके टावल से लिपट गया और मैंने उनको अपनी बाहों में उठा लिया, दोस्तों भाभी को बाहों में भरकर गोद में उठाने से उनका वो टावल उसी समय नीचे सरककर निकलकर ज़मीन पर आ गिरा और वो अब मेरी बाहों में ब्रा और पेंटी में आ गई थी। दोस्तों वो उस समय उस हल्की गुलाबी रंग की ब्रा और पेंटी में बहुत ही मादक हॉट सेक्सी लग रही थी। फिर वो मुस्कुरा उठी मैंने भी जल्दी से उनके होंठो को अपने होंठो में क़ैद किया और तीन चार मिनट तक दोनों होंठो को अपने होंठो में दबाए रखा और मैंने अपनी जीभ से उनकी जीभ को लड़ा भी रहा था और अब हमारे थूक का आदान प्रदान भी हो रहा था और अब में उनके होंठो को चूसता, लेकिन वो मेरे होंठो के मज़े लेती। दोस्तों उनके वो होंठ बहुत ही मीठे थे, एकदम गुलाबी, बड़े मुलायम और गुलाब की पंखुड़ी की तरह नाजुक भी थे और उनको उस समय में अपनी गोद में ऊपर उठाए था।
अब उस हालत में होने की वजह से उनकी दोनों गोरी जांघे मेरी कमर के इधर उधर थी। अब मैंने उनको बिस्तर पर लाकर उनको एकदम सीधा लेटा दिया और फिर में उनको मसाज करने लगा और उसके बाद भाभी की ब्रा को खोलकर उनके दोनों बड़े आकार के एकदम गोलमटोल बूब्स का रस अब में पीने लगा था। उनके वो निप्पल तो बहुत ही मीठे थे। फिर में अपने अंगूठे की चुटकी बनाकर निप्पल की मालिश करने लगा और फिर चूसने दबाने भी लगा था। दोस्तों मैंने दोनों बूब्स की बड़ी अच्छी तरह मसाज करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी, जिसकी वजह से उनके बूब्स टाइट हो फूलकर अब पहले से भी बड़े हो गए थे और फिर उनकी गर्दन को मैंने अपनी जीभ से चाटा और उसके बाद गोल गहरी नाभि के पास आकर सूंघकर महसूस किया उसकी महक बता रही थी कि मेरी वो भाभी किसी कस्तूरी हिरण के समान थी। अब भाभी बहुत गरम होकर पूरी तरह जोश में आकर बोली प्लीज अब तुम जल्दी से मेरी पेंटी को उतारो और चूत को चाटकर चूत की खुजली को शांत करो। फिर मैंने भी उनकी आज्ञा का पालन एक होनहार देवर की तरह ही किया और बिना समय गँवाए उनकी चूत की अपनी जीभ से सेवा शुरू कर दी और वो आह्ह्ह यार कितना मज़ा देते हो आअहह ऊह्ह्ह्ह, उनको अपनी चूत की खुजली और जलन शांत करवाने में बड़ा मज़ा मिल रहा था।
अब मेरी जीभ भाभी की चूत के अंदर बाहर सांप की तरह आ जा रही थी लप लप करके में उनकी चूत को गीला करके पूरी रफ़्तार से को चूत चाटने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके कूल्हों को ऊपर किए और गांड के नीचे एक तकिया रख दिया, जिसके बाद मैंने उनके गांड के ऊपर भी अपने प्यार का लेप लगाया। अब में चूत को अपने होंठो में दबाता और फिर जीभ को बाहर करके गांड के काले छेद पर भी थूक लगाकर हल्के से जीभ से गांड सहला देता, जिसकी वजह से उनकी जवानी को एक करंट का झटका सा लगता। अब में अपने लंड को उनकी चूत में डालकर मस्त चुदाई करने के लिए एकदम तैयार कर चुका था। फिर मैंने भाभी से कहा कि आप अपने दोनों पैरों को पूरा फैला लो जिसकी वजह से गांड में लंड को डालने में मुझे थोड़ी आसानी हो। फिर यह बात खत्म करते ही तुरंत मैंने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी गांड के अंदर जा चुका था और मैंने बड़े मज़े लेकर धक्के देकर उनकी गांड मारनी शुरू की और में पूरी तरह से जोश में आकर बड़ी तेज़ी के साथ धक्के देने लगा। फिर कुछ देर बाद में नीचे एकदम सीधा होकर लेट गया और भाभी सामने की तरफ अपने मुहं को करके मेरे लंड पर अपनी गांड को टिकाकर बैठ गई। अब मैंने उनकी गांड को एक बार फिर से चीरना शुरू किया और पीछे से हाथ बढ़ाकर में उनके दोनों बूब्स को दबाने लगा।
दोस्तों नीचे से में उनकी गांड की धुनाई करता जा रहा था और पीछे से दोनों बूब्स की मालिश भी कर रहा था, जिसकी वजह से उनको आराम भी मिलता जा रहा था और उनकी गांड के अंदर बाहर करने से मेरे लंड को एक अलग ही सुख मिल रहा था और कुछ देर बाद साथ ही मैंने अपनी दोनों उंगलियों को सामने की तरफ से चूत के गुलाबी छेद में डालकर अंदर बाहर करके चूत की चुदाई को भी शुरू कर दिया था। दोस्तों इतना सब एक साथ होने की वजह से भाभी को दुगना मज़ा मिलने लगा था और वो जन्नत की सैर का भरपूर आनंद ले रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने लंड को गांड से बाहर खींच लिया और भाभी के बूब्स पर अपना सारा वीर्य निकाल दिया। अब में अपने दोनों हाथों से अपने वीर्य से भाभी के बूब्स की मालिश करने लगा था। दोस्तों अपनी हॉट सेक्सी भाभी की गांड की सैर करके में अब उनका पूरा गुलाम बन चुका था और आज भी कभी कभी उनकी गांड मारने उनके घर चला जाता हूँ ।।
धन्यवाद …