लॉकडाउन हटा और प्रेमिका चुदी

जबसे लॉकडाउन लगा हुआ था तब से मैंने अपनी इच्छाओं को दबा रखा था। जैसे ही लॉकडाउन हटा है वैसे ही मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को जो चोदा है उसके जो मैंने प्रचंड चुदाई करी है, उसे और मुझे दोनों को याद रहेगा।

मेरा नाम अविनाश है और यह मेरी लॉकडाउन सेक्स स्टोरी है जिसे मैं आप लोगों के साथ इस वेबसाइट द्वारा शेयर कर रहा हूं।

मेरी यह अंतर्वासना एक बहुत ही ज्यादा Sexy Story कथा है जिसको पढ़ कर आप लोग मुठ जरूर मारना चालू कर दो।

जैसा आप लोगों को पता है लोग डाउन बढ़ता ही जा रहा था और उसके चक्कर में हम जैसे प्रेमियों का मिलना मुश्किल हो गया था। बाहर निकलते ही गांड पर ठंडे पड़ रहे हैं अब हम जैसे प्रेमी करें तो करेंगे क्या।

बाद सिंपल है हम कुछ कर भी नहीं सकते थे और चुपचाप मुट्ठ मार कर सो जाते थे। उम्मीद की वह किरण लिखी जब लॉकडाउन हटा और हम जैसे थके हारे प्रेमियों को एक नई रोशनी मिली।

लॉकडाउन के हटते ही मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कमरे पर बुलाने के लिए जिद करनी चालू कर दी। साला पूरा लॉकडाउन पोर्न सेक्स कर कर ही काम चलाया है अब जाकर तो कुछ मौका मिला है।

किन हमेशा की तरह मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही ज्यादा भाव खा रही थी और उसको मनाने में मुझे बहुत जोर लगाना पड़ा।

मैंने बोला – हमने बस फोन सेक्सी करा है और तब से हम मिल भी नहीं पाए हैं जब तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो क्या तुम्हारा मन नहीं करता है कि हम दोनों प्यार करें

उसने बोला – ऐसी बात नहीं है बाबू मैं तुमसे प्यार करती हूं लेकिन

मेने बोला – अब लेकिन लेकिन कुछ नहीं हमें मिलना है तो बस मिलना है समझा करो यार आ जाओ ना!!!

बहुत ज्यादा मन आने के बाद वह मान गई और मैंने जल्दी से कमरा बुक किया। जैसे ही हम दोनों कमरे पर पहुंचे वैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया और अपनी गर्लफ्रेंड के चिपक गया।

गर्लफ्रेंड बोली – अरे क्या कर रहे हो थोड़ा तो सब्र करो

मैंने बोला – पूरा लॉकडाउन सबर किया है अब इतना सब्र नहीं होगा मुझसे!!

और मैंने उसे जोर जोर से चूमना चालू कर दिया मैं पागलों की तरह उसके होठों पर पूछ रहा था। और मेरी बंदी है हॉट भी बहुत ही मोटे और रसीले थे उनको चूसने में बहुत ही ज्यादा मजा आता था।

फिर मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा और को मसलने लगा। बहुत जोर जोर से उसके बूब्स को दबा रहा था उसके निप्पुल को भी दबा रहा था जो कि दबाने से टाइट हो गए थे।

वह बोली – क्या कर रहे हो मुझे दर्द हो रहा है आ आ अहह!!

मैंने बोला – कोई बात नहीं यह तो मेरा प्यार है और लॉकडाउन भर इन को दबाया नहीं है ना इसलिए अभी थोड़ा ऐसा लग रहा है!!

फिर मैंने उसे बेड के ऊपर लेटा दिया और उसकी पेंट खोल कर उसकी चूत को चाटने लगा। इसमें मैंने उसकी चूत को बहुत ही ज्यादा याद किया और उसको चाटने में सूंघने में बहुत ही ज्यादा वासना आनंद मिला था।

उसकी चूत को चाट चाट कर मैंने गीला कर दिया और फिर फट से मैंने अपना लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में झट से घुसा दिया।

वो एकदम से चीख पड़ी – आ आ आ अहह आ ऊह आ आ ऊह ऊह अहह अहह

और मैंने उसके बड़े बड़े बूब को पकड़ा और उसकी चूत की चुदाई करने लगा। मैं बहुत ही ज्यादा दबा दबा कर उसकी चूत की प्रचंड चुदाई कर रहा था जिसके उसके बड़े-बड़े चुचे ऊपर नीचे हो रहे हैं।

देख कर और भी ज्यादा मजा आ रहा था फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को उसके सिर तक पीछे कर दिया, और अपना पूरा लंड उसकी चूत में अपने अखरोटो तक घुसा दिया।

और घचाघच दबा दबा कर मैं उस की चुदाई करने लगा। और चुदाई करते करते मेरा झाड़ गया तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया।

और मैं और मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही जोर जोर से सांसे भरने लगी खासकर मेरी गर्लफ्रेंड तो बिल्कुल ही थक गई थी।

लेकिन मेरी वासना को अभी भी संतुष्टि नहीं मिली थी और मेरा लंड अभी भी खड़ा था।

मेरे खड़े मोटे लंड को देखकर मेरी बंदी हैरान हो गई और बोली – तुम्हें अभी भी शांति नहीं मिली है।

मैंने दोबारा उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत में अपने लंड घुसा कर उसकी चुदाई करने लगा। अब से दबा दबा कर चोद रहा था और उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था।

उसकी गांड पर थप्पड़ मार मार कर उसको चोद रहा था जिससे उसका बार-बार मुत निकल रहा था। मेरी प्रचंड चुदाई से वह पागल ही हो रही थी और अपने मुंह में बाय-बाय हिला रही थी।

मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार और ज्यादा बढ़ा दी और उसके ऊपर पूरा लद गया। मैं उसके ऊपर लाद कर उसकी चूत की चुदाई करने लगा और उसके बड़े बड़े बूब्स को साथ में दबाने भी लगा।

एक बार फिर से मेरा झड़ने वाला था और जैसे ही मेरा चढ़ा मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर अपनी सारी मलाई अपनी बंदी की गांड पर छोड़ दी।

दूसरी बार कामवासना आनंद पाने के बाद मुझे पूरी तरह से संतुष्टि मिली। मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही बुरे तरीके से थक गई थी और बहुत जोर जोर से सांसे भर रही थी।

मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और मेरे चेहरे से हंसी नहीं जा रही थी।

मेरी बंदी बोली  – पागल हो क्या तुमने तो मेरा भूत ही बना दिया!!!

मैं उसकी शक्ल देख देख कर हंसने लगा और उसको दोबारा से उसके होठों पर चूमने लगा।

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