हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग आशा करता हूँ की आप सभी लोग अच्छे ही होंगे। आज की कहानी मेरे और मेर भाई के ऊपर हैं। जानिए सोते हुए भाई ने मारी चूत कैसे मारी। इस कहानी को केवल मनोरंजन के लिए पढ़े।
तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।
मेरा नाम पिंकी हैं। मेरे परिवार में हम कुल 4 जाने रहते हैं। जिसमे मेरा भाई पापा और माँ रहते हैं। हमारे घर में 2 कमरे हैं और छत हैं।
मेरी माँ और पापा दोनों साथ ही सोते हैं और मेरा भाई छत पर ही सोता हैं। पर कुछ दिन पहले भाई की तबियत खराब हो रही थी तो पापा ने भाई को छत पे सोने के लिए मन किया था।
पर भाई नहीं मान रहा था वो जिद करके छत पर ही सो जाता था। रोज की तरह भाई छत पर सोने के लिए गया पर उस दिन रात में बारिश होने लगी।
तो भाई अद्धी रात में निचे मेरे कमरे में सोने आ गया। मैं आधी नींद में थी पर भाई के आने के बाद मेरी आँखे खुल गई। मैंने हलके से अपनी आँखे खोली तो मैंने देखा भाई मुझे देख रहा है।
मैंने भाई को जताया नहीं की मैं उठ चुकी हूँ। वो थोड़ी पास आया और देखने लगा मैं थोड़ा डर गई थी। फिर वो आराम से लेट गया पर इस बार वो मेरे काफी करीब लेट हुआ था।
उसने अपना हाथ मेरे पेट के ऊपर रख दिया। मैं उठी और मैंने भाई को बोला ये क्या कर रहे हो तुम भाई। तो भाई ने बोला की नींद में रख दिया होगा बहन मैंने। फिर मैंने भाई को बोला ठीक हैं।
पर करीब आधे घंटे बाद उसने फिर से मेरे ऊपर अपना हाथ रखा पर मैंने सोचा की क्या पता सोये हुए में रखा होगा पर इस बार मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई मेरे पीछे से चीज महसूस रहा हो।
फिर भाई धीरे धीरे अपने हाथ मेरे पेट के ऊपर से मेरे चुचो की तरफ बढ़ने लगा। फिर हाथ फेरते फेरते मेरी चूत की और बढ़ने लगा जैसे ही उसने मेरी चूत के अंदर अपनीं ऊँगली डाली तो मेरी सुरसुरी छूट गई।
मैं सोने का नाटक कर रही थी मेरी चूत गिल्ली हो गई थी। और मैं गर्म भी हो गई थी। भाई ने धीरे धीरे मेरी पजामी उतरनी सूरी की और में भी भाई का पूरा साथ दे रही थी मेने भी अपनी गांड हलकी सी ऊपर उठा दी थी ताकि भाई आसानी से पजामी उतार ले।
और उसे शक भी न हो की मुझे महसूस हो गया हैं। उसने मेरी पजामी तो निचे कर दी थी पर अब वो मेरी पैंटी को निचे करके मेरी चूत को चाटने लगा। उसकी गरम जीभ मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रही थी।
वो बोला सॉरी बहन तुम इतनी हॉट हो की मेरसे रहा नहीं गया। अब मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। भाई ने अब मेरी चूत के अंदर अपनी जीभ दे दी और मेरी आह निकल गई।
मैं उठी और चौंक कर भाई को बोली ये क्या कर रहे हो तुम। मैंने नाटक करते हुए कहा मैं ये सब माँ पापा को बता दूंगी। भाई बुरी तरह से डर गया और मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगा प्लीज़ज़ बहन माँ पापा को कुछ मत बताना मैंने भाई को कहा ठीक हैं पर तुम मेरा एक काम करोगे। तो भाई ने झट से हाँ कर दी।
मैंने उसे कहा की तुम्हे मेरी चूत को चाटना पड़ेगा। भाई यह सुनकर खुस हो गया वो तो चाहता ही था । मेरी चूत मारना वो मेरे पास आया और मुझे नीचे गिरा के जोर जोर से मेरी चूत को चाटने लगा।
मैं तो पहले से ही गरम थी और भाई को मेरी चूत मारने की परमिशन मिल गई थी तो वो बिना डरे पुरे जोश से चूत चाट रहा था। मैं बहुत जल्दी झड़ने वाली हो गई मैंने भाई को बोला रुको रुको अहह मेरा आने वाल हैं।
भाई ने बोला आने दो बहन मैं तुम्हारा सारा पानी पि जाऊंगा। मैं भी अब अपनी कमर हिलाते हुए अपनी चूत को भाई के मुँह से चुदवाने लगी। कुछ देर बाद मेरा पानी निकल गया और मेने भाई के मुँह को अपनी चूत में दबा लिया था। भाई ने मेरी छूट का सारा पानी पि लिया और फिर मैं शांत हो गई।
भाई ने बोला तुम्हारा तो हो गया पर में क्या करू। उसने अपने पाजामे में अपने तने लंड को दिखते हुए कहा आप तुम्हारा तो हो गया मेरा कौन करेगा। मैंने बोला ठीक हैं मगर मैं थोड़ा सा ही करुँगी ज्यादा नहीं।
भाई ने कहा ठीक हैं। जैसे ही भाई ने अपना पजामा निचे किया तो मैंने उसका लंड पहली बार देखा। उसका लंड 6 inc का था और रस में पूरा भीगा हुआ था। फिर मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया बहुत गन्दा लगा यार।
पहली बार जो मेने लंड मुँह में लिया था इस लिए। जब मैं उसका लंड चूसने लगी तो मुझे अच्छा लगने लगा। भाई के मुँह से भी आह आह की आवाजे निकलने लगी। मैंने भाई से पूछा क्या हुआ भाई बोला करती रह बहन बहुत मजा आ रहा हैं।
ऐसे ही चुस्ती रहो अच्छे से मैं भाई के लंड को और भी अच्छे से चूसने लगी क्यों की मुझे भी अब लंड चूसने में मजा आने लगा। 5 मिंट तक चुसवाने के बाद मेरा सर उठा के बोला बस बहन अब तुझे चोदने का मन कर रहा हैं।
उसने मुझे कहा अपनी चूत में मुझे लंड डालने दो पिलज़ज़। अब खुजली तो मेरी चूत में भी मची थी तो मैंने भी मोके का फायदा उठाया और चूत खोल के भाई के सामने लेट गई।
फिर भाई मेरी टांगो के बिच में आया और मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। मैं भी पूरी गर्म हो गई थो और मजा आने लगा था। अब मेरा मन खुद ही चुदने को करने लगा था।
मैंने भाई को कहा भाई जल्दी मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दे। पर भाई भी कमीना निकला वो मेरी चूत के ऊपर लंड को रगड़ता गया। फिर एकदम से भाई ने अपने लंड को मेरी चूत में दाल दिया और मेरी आह निकल गई।
मैंने पहले भी बहुत बार अपनी छूट में ऊँगली की थी पर मुझे नहीं पता था की मेरी चूत अभी इतनी कुवारी हैं। भाई का लंड मेरी चूत में फस गया मुझे दर्द तो हुआ पर मैं बरदास कर गई।
फिर भाई अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बहार करने लगा और मेरी चूत को चोदने लगा। हम दोनों के मुँह से सिसकारियां निकलने लगी और हम दोनों भूल गए थे की घर में माँ पापा भी हैं।
वो तो अच्छा हुआ की बहार जोरो से बारिश हो रही थी वार्ना हम भाई बहन की चुदाई की आवाज माँ पापा को सुनाई दे जाती। मुझे चुदाई में मजा आ रहा था और भाई भी मुझे पागलो की तरह चोदने में लगा हुआ था।
अब मैं बहुत गरम हो चुकी थी और मैं जोरो से छोड़ना चाहती थी। मैंने बोला लड़ी से चोदो मुझे भाई फिर बोला हां कर रहा हूँ पर तुम्हे इतनी जल्दी क्यों मची हुई हैं।
हमें कही जाना हैं क्या मेने भाई को बोला तुम जोर से चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा हैं। मैं भाई को बोली चोद भाई चोद बहन की चूत भाई के लंड से चुदना चाहती हैं। फिर भाई मुझे जोर जोर से चोदने लगा।
फिर भाई थकने लगा तो मैंने उसे निचे लिटाया और उसके लंड के ऊपर बैठ कर आगे पीछे होने लगी। उसको थोड़ा रहत मिली और हम दोनों फिर एक दूसरे का साथ देने लगे।
मेरी चूत में से पानी निकल रहा था जो भाई के लंड को गीला कर रहा था। पच पच की आवाज आने लगी थी भाई ने बोला मेरा झड़ने वाला हैं मैं क्या अंदर ही झाड़ दू। मैंने भाई को अंदर झाड़ने से मना कर दिया।
तो भाई ने बोला तो ठीक हैं मैं बाहर ही झाड़ देता हूँ। मैंन बोला नहीं बाहर भी नहीं झाड़ना। तो उसने बोला ना अंदर झाड़ू ना बाहर झाड़ू तो झाड़ू कहाँ। मैंने बोला मेरे मुँह के अंदर झाड़ दो मैं भी जानना चाहती हूँ की लंड के माल का स्वाद केसा होता हैं।
तूने तो मेरी चूत के रस का स्वाद ले लिया अब मैं लंड के माल का स्वाद लुंगी। फिर जब भाई का निकलने को हुआ तो भाई ने मेरी चूत में से लंड को निकाल के मेरे मुँह में दे दिया।
वो अपने लड़ से मेरे मुँह को चोदने लगा और मैं भी उसके लंड को चूसने लगी और उसके गीले लंड का स्वाद लेने लगी। उसका वीर्य आने में समय था। फिर वो जोर जोर से आहे भरने लगा और उसके वीर्य की गरम गरम पिचकारी सीधे मेरे मुँह के अंदर आके लगी।
मुझे बहुत अजीब स्वाद लगा पर वीर्य को मुँह में गिरवाने का भी अलग ही मजा हैं। मैं वीर्य को अपने मुँह में रखे रही और खिड़की पे जाके थूक आई। मैं बाथरूम में गई और कपडे पहने और कुल किया।
इतने में भाई भी बाथरूम में आया अब उसका लंड सुकड़ गया था। वो वापसी आया ओर नगा ही लेट गया उसका लंड मुझे बहुत ही रसीला लग रहा था। मैं दुबारा से उसके लंड से खेलने लगी फिर उसने एक बार फिर मुझे चोद दिया।
इस तरह से हमने उस रात को चार बार चुदाई की थी। मैं अपने भाई से रोज ही चुदने लगी। कई बार तो उसने मुझे ओयो रूम पर लेके जाकर भी चोदा हमने होटल रूम में भी चुदाई के बहुत मजे लिए।
तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी आशा करती हूँ की आपको मेरी ये कहानी पढ़ने में मजा आया होगा किर्प्या मुझे कमेंट बॉक्स में लिख कर बताये आपको यह कहानी कैसी लगी। साथ ही अगर आप हमें अपनी कहानी भेजना चाहते हैं तो आप भी हमें भेज सकते हैं।