बर्थडे गिफ्ट mein मिली मामी ki चूत

Xxx मामी चुदाई का मजा मुझे मिलता ही रहता था क्योंकि मैं नाना के घर रह कर पढ़ा हूँ. मामी मुझसे सेट हो गयी थी. पिछले जन्मदिन पर मैं अपने घर था तो मामी ने मुझे बुलाया.

दोस्तो, मेरा नाम अजय है और मैं मुंबई में जॉब करता हूँ. मेरी उम्र अभी 22 साल की है. मैं दिखने में बहुत ही हैंडसम हूँ. मैं अपनी इसी खूबसूरती का फायदा उठाकर कई भाभियों की जवानी का रस ले चुका हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी मामी के बीच की है.

मेरी मामी का नाम कोमल है. उनकी चूचियां 34 इंच की हैं, कमर 30 की और बाहर को निकली हुई मोटी 38 इंच की गांड किसी को भी घायल कर दे, उनकी फिगर ऐसी है.

कुल मिलकर मामी दिखने में एकदम हॉट माल हैं, वे किसी अप्सरा के जैसी दिखती हैं.
सच कह रहा हूँ कि देखने मात्र से किसी का भी हथियार फायरिंग करने लगेगा.

मैं जब भी अपनी ननिहाल जाता तो उनके साथ में ही ज़्यादा समय बिताता था. मैं उनसे अपनी हर बात साझा भी करता था. मैं उन्हें चोद भी चुका था.

जब मैं मुंबई से दिसंबर महीने में घर आया तो करीब एक हफ्ता बीत गया था.
मैं घर पर कम ही रुकता था और अगल बगल के दोस्तों के साथ घूमता रहता था.

एक दिन मेरी मामी ने फोन लगाया- क्या बात है राज, घर आने के बाद मामी को भूल गए हो क्या! मुंबई में थे तो हमारी बहुत याद आती थी और अब जब घर आ गए हो तो कभी फोन पर तक बात नहीं कर रहे हो! मामी को ऐसे ही दूर से पानी पिला रहे हो क्या?

मैंने कहा- नहीं मामी, मैंने सोचा कि मेरा बर्थडे आने वाला है, उसी दिन ही आपके घर घूमने आ जाएं.

मेरा बर्थडे उसी महीने में 26 दिसंबर को था. Xxx मामी चुदाई का मजा उसी दिन लेने का सोचा हुआ था मैंने!
मामी ने कहा- अच्छा तो मतलब उससे पहले नहीं आओगे. अब उसी को पकड़कर बैठ गए हो क्या?

मैंने कहा- नहीं मामी, आएंगे तो जरूर और अब उसी दिन आएंगे.
मामी ने कहा- चलो ठीक है.

फिर मैंने मामी से कहा- अच्छा मामी आप बताओ कि मुझे क्या गिफ्ट मिलेगा?
मामी ने कहा- पहले आ जाओ. फिर जो चाहिए होगा, वह सब मिल जाएगा. परेशान मत हो.

धीरे धीरे समय बीतता गया और वह दिन आ गया.

मैं तैयार होकर घर से इजाज़त लेकर निकल गया और शाम को नानी के घर पर पहुंच गया.

मैंने देखा कि नाना जी घर के बाहर बनी हुई अपनी दुकान पर बैठे थे और नानी मार्केट गई हुई थीं.

मामी घर में अन्दर रसोई में थीं और खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं.

तभी नाना ने आवाज़ लगाई- कोमल, अजय आ गया है बेटा … पानी लेकर आओ तो जरा!

मैंने नाना जी से कहा- रहने दो नाना जी, आप दुकान पर ही रहो, मैं मामी से घर में जाकर मिल लेता हूँ.

मामी मुझको देखकर बहुत खुश हुईं और बोलीं- अभी आ रहे हो!

मैंने कहा- हां, अभी ही तो केक काटने का समय आने वाला है. दिन में तो नहीं कटेगा ना!

मामी हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा तुम यहीं बैठो. मैं नाश्ता लगा कर ले आती हूँ.

मैंने मामी से कहा- रहने दो मामी जी, आप भी यहीं आकर बैठो, नाश्ता तो होता रहेगा.

वे मेरे पास बैठ गईं.
ऐसे ही हम दोनों में हंसी मज़ाक चल रहा था.

मैंने मामी से कहा- मामी आप तो दिन प्रतिदिन और भी खूबसूरत और हॉट होती जा रही हो.

मामी ने हंसकर कहा- अच्छा! लगता है तुम्हें आज और कोई नहीं मिला, जो मामी को मस्का लगा रहे हो!

तभी नानी आ गईं.
मैंने उनके पैर छुए और उन्होंने हाल चाल पूछा.

फिर केक कटा और सभी लोगों के साथ हंसी मज़ाक हुआ.

मेरे कुछ बचपन के दोस्त भी आ गए थे क्योंकि मैं बचपन से ही नानी के पढ़ रहा था तो बहुत सारे पुराने दोस्त भी थे.

वे सब मुझे बाहर खींच ले गए और मैंने उन्हें पार्टी दी.

फिर जब मैं वापस घर आया तो सब खाना खाकर सो गए थे.
मैं घर में आया तो नाना जी जाग रहे थे.
उन्होंने कहा- अजय तुम्हारी मामी ने तुम्हारा बिस्तर लगा दिया है, जाकर सो जाओ.

मैं अपने लिए लगाए गए बिस्तर पर न जाकर धीरे से मामी के रूम में चला गया और अन्दर जाकर देखा तो कमरे में कम रोशनी वाली लाइट जल रही थी.
मामी सो रही थीं.

मैं मामी के बगल में जाकर लेट गया.
मैंने मामी के कान में कहा- यहां बुलाकर आप सो रही हो. क्या मुझे मेरा गिफ्ट नहीं मिलेगा?
तभी मामी ने कहा- नहीं, मैं जाग रही हूँ. मैं जानती हूँ कि मेरे भांजे अजय का जन्मदिन है और वह बिना मुझसे गिफ्ट लिए कैसे सो सकता है!

मैं धीरे धीरे मामी की साड़ी को हटाने लगा और उनके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूसने लगा.
मामी कामुक सिसकारियां लेने लगीं.

उनके होंठों को चूसने में इतना मजा आ रहा था कि क्या ही बताऊं.
लग रहा था कि बस उनके होंठों को काट ही लूं.

कमरे का माहौल भी एकदम कामुक बना हुआ था.

लाल रंग वाली छोटी लाइट जल रही थी और ऊपर से मामी की काली साड़ी में मानो वे कहर बरपा रही थीं.

मैंने मामी से कहा- मामी, आप इतनी हॉट हो कि बस जी करता है कि आपकी पूरी जवानी को चूस लूं. पता नहीं मामा जी आपको छोड़कर मुंबई में कैसे रह लेते हैं.
मामी बोलीं- तुम जैसे भांजे मेरा ख्याल रखने के लिए हैं ना, इसलिए मुझे क्या चिंता!

मैं भी मामी की बातों से खूब मजे ले रहा था और उनकी चूचियों को मसल मसल कर उनका दूध पी रहा था.
ऐसा लग रहा था कोई कुंआ ही प्यासे के पास आकर अपनी प्यास बुझा रहा हो.

मामी को भी अपने दूध पिलाने में खूब मजा आ रहा था और वे मादक सिसकारियां लेती हुई बोल रही थीं- आह चूस ले अपनी मामी के पके हुए आमों को … आह मस्त मजा दे रहा है. बस जल्दी से पेल दो अब रहा नहीं जाता.

मैं- मामी सब्र रखो, आज पूरी रात अपनी है. बस कोई जागे ना.
मामी बोलीं- कोई नहीं जागेगा, सब सो गए हैं और अब तो ये दोनों सुबह ही उठेंगे चाहे बम ही क्यों ना फट जाए.

करीब दस मिनट तक मामी के पके हुए आमों का मजा लेने के बाद मैं मामी के के पेट पर सरक आया और अपनी जीभ फेरने लगा.
मामी अकड़ने लगीं.

मैं धीरे धीरे उनकी चूत तक पहुंच गया. मैं उनकी दोनों टांगों के जोड़ पर ही अपना हाथ फेरने लगा.

मामी अपनी चूत की रगड़ाई से चिल्लाने लगीं- आह अजय, प्लीज़ जल्दी से डाल दो. अब यह सुरसुरी सही नहीं जाती.

मैंने अपना लंड निकालकर उनके हाथ में दे दिया और कहा- लो मामी आपके ताले की चाभी पकड़ो.

अपने हाथ में लंड लेने के बाद मामी उसे मसलने लगीं और बोलीं- अब ये जल्दी से मेरी चूत में पेल दो. मुझसे अब और रहा नहीं जाता.
मामी की ऐसी हालत देखकर मैंने भी देर ना करते हुए उनकी चूत में थूक लगाया और लंड को झटके से पेल दिया.

इससे मामी चिल्ला उठीं और बोलीं- आज रात भर चुदाई करनी है ना … फिर अभी ही फाड़ देगा क्या?
मैंने कहा- मामी, ये रफ़्तार बहुत ज़रूरी है.

मामी बोलीं- पेल तो दिया हैं ना अपनी मामी की चिकनी चूत में अपना लौड़ा, अब क्या करेगा!

मैंने मामी से कहा- मामी, मन करता हैं कि आपकी चूत में लंड डालकर ऐसे ही जीवन बिता दूँ. आपकी चूत और इन पके हुए आमों को ऐसे ही चूसता रहूं.
मामी कसमसाती हुई बोलीं- जितना हो सके, चूस ले और ले ले अपनी मामी की चूत का मजा. मेरी तरफ से यही तेरा गिफ्ट है.

हम दोनों धकापेल में लग गए.
करीब 20 मिनिट की चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया और अपनी मामी की चूचियों को चूसने लगा.

मामी अपनी चूचियों के ऊपर ज़ोर ज़ोर से मेरा सर दबा रही थीं.
मैं मानो जन्नत में आ गया था.

कुछ देर बाद मामी ने भी अपना रस मेरे लंड पर छोड़ दिया क्योंकि मैं उनके ऊपर ही चढ़ कर उनकी चूचियों का रस पी रहा था.

करीब 10 मिनट के बाद मामी फिर से जोश में आने लगीं और बोलीं- अजय अब मेरी बारी. तूने मेरी चूत मारी है ना. अब देख मैं तेरे इस औजार को कैसे खड़ा करती हूँ.
मामी ने यह कहा और मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगीं.

मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था और मामी तो सातवें आसमान पर थीं.
कुछ देर के बाद लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया था.

मामी ने कहा- देखा भांजे, तेरी मामी ने कैसे खड़ा कर दिया?

मैं- मामी आपकी तो ये चूचियां, ये लचकती कमर और मोटी गांड को देखकर नाना जी जैसे बूढ़े का भी खड़ा हो जाए. फिर ये तो मेरा जवान लंड है.
वे मुस्कुराने लगीं.

मैंने कहा- मामी, अब मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ.

मामी- हां मार ले भांजे, आज ये तेरी मामी पूरी तरह से तुम्हें संतुष्ट कर देगी.

मैंने मामी को बेड पर उल्टा होने को कहा और उसके बाद अपना लंड उनकी गांड में झटके से पेल दिया.

मामी कराह कर बोलीं- कहीं भागी जा रही हूँ क्या … जरा आराम से चोद ना. इतनी तेज़ी से तो तेरे मामा भी नहीं चोदते हैं.

मैंने मामी से कहा- आप तो उनकी प्रॉपर्टी हो, वे जब चाहे तब इस्तेमाल कर सकते हैं. कैसे भी चुदाई कर सकते हैं. मुझे वह सुख कहां है. मुझे रोज रोज ये घुड़सवारी करनी है.

मामी हंसकर बोलीं- अच्छा तो फाड़ दे अपनी मामी की गांड … निकाल दे अपना सारा जोश … चोद दे मुझको और बुझा दे मेरी प्यास.
मैं पिल पड़ा.

ऐसे ही करीब 20 मिनट तक मैं अपनी मामी की गांड मारता रहा.
फिर जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने मामी से कहा- अन्दर ही रस छोड़ दूँ?

मामी ने कहा- हां, पर इसे अपनी मामी की चूत में डाल दे.
मैंने लंड गांड से निकाल कर उनकी चूत में फिट कर दिया और झड़ गया.

दो बार की चुदाई के बाद थोड़ी देर तक मैं मामी के रूम में उनके ही ऊपर लेटा रहा और उनकी चूत में उंगली करता रहा.

यूं ही मैं कब सो गया, कुछ पता ही नहीं चला.

सुबह मामी उठीं और बोलीं- अजय कपड़े पहन लो और अपने रूम में जाकर सो जाओ. सुबह होने वाली है.

मैं नंगा ही अपने मामी के साथ में सोया था.

मामी को सुबह सुबह देखकर मेरा फिर मूड होने लगा.
मैंने मामी से कहा- प्लीज़ मामी एक बार और!
मामी बोलीं- अभी नहीं.

मैं मान ही नहीं रहा था.
मैंने मामी के पीछे से जाकर उन्हें पकड़कर कहा- मामी, अपने इस छोटे जनाब को एक बार शांत कर दो. ये अब भी नहीं मान रहा है.

मामी मेरे लंड को पकड़कर बोलीं- रात को चूत और गांड मारने के बाद आराम नहीं मिला!
मैं हंस दिया.

मामी ने कहा- तुमसे पूरी रात अपनी जवानी चुदवाई. फिर भी ऐसे कर रहे हो?
मैंने मामी से कहा- मामी प्लीज़.

मामी बोलीं- ठीक है, अब भोर हो गई है और मैं नहाने जा रही हूँ. चलो वहीं पर करना. यहां तुम्हारे नानी नाना जाग गए तो काम हो जाएगा.

फिर बाथरूम में जाकर Xxx मामी चुदाई का मजा लिया और सारा माल उनके मुँह में ही छोड़ दिया.
कुछ देर बाद सुबह हो गई और नाश्ता करके अपने घर को लौट गया.

घर पर पहुंचने के बाद मामी ने फोन से पूछा कि आराम से पहुंच गए ना!
मैंने कहा- हां पहुंच गया हूँ, मगर आराम नहीं है. आपकी बहुत याद आ रही है.

मामी बोलीं- अजय, मेरा भी हाल बहुत बुरा है.

कुछ देर बात करने के बाद फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब जब भी ननिहाल जाऊंगा तो उन्हें जरूर चोदूंगा.

दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी को मैं आप लोगों के साथ जरूर शेयर ज़रूर करूँगा.
आपको मेरी यह सच्ची Xxx मामी चुदाई सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
ajaykumar361999@gmail.com

Leave a Comment