बस के सफर का मजा चाची के साथ भाग -2

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग।  antarvasnastory.in में आपका स्वागत हैं। तो फिर आज मैं बस के सफर का मजा चाची के साथ भाग -2 की पूरी कहानी बताता हूँ। 

जैसा की आपने बस के सफर का मजा चाची के साथ भाग -1 में पढ़ ही लिया होगा।  अगर आपने भाग- 1 नहीं पढ़ा हैं तो किर्प्या पहले उसे पढ़े नहीं तो आपको कहानी पढ़ने में मजा नहीं आएगा।  

तो चलिए इस कहानी की सुरवात करते हैं।  

जैसा की आपको पता हैं की मुझे रात के समय बिना वीडियो देखे नींद नहीं आती तो मैं चाची के बगल में लेट कर गन्दी वीडियोस देख रहा था।  मैं तो वीडियो देखने में मस्त था और भूल चूका था की मैं चाची के साथ में लेटा हुआ हूँ।  मुझे चाची के उठने की भनक तक नहीं लगी। 

 चाची ने मेरे पीछे सीसे में सब देखा की मैं कोनसी वीडियो देख रहा हूँ।  मेरा लंड तो खड़ा ही था। मैंने अपना फ़ोन निचे किया और चाची को देखा कही वो उठी तो नहीं हैं।  मैंने देखा तो चाची ने अपनी आँखे बंद कर ली और सोने का नाटक करने लगी।  हीर कुछ देर बाद मैं अपने लंड को धीरे धीरे हिलाने लगा।  अब चाची को पता चल गया था की मैं अपने लंड को हिला रहा हूँ। 

 चाची ने अपनी करवट बदली और अपनी गांड मेरे लंड से चिपका दी।  मेरा खड़ा लंड चाची की टांगो के बिच अटक गया था अब  ना तो मैं अपने लंड को हिला सकता था और ना ही उसे बहार निकाल सकता था।  

पर चाची को तो मस्ती सूझी हुई थी वो बार बार हिलती और मेरे लंड को अपनी गांड से हिलाती।  मुझे तो अभी तक  ऐसा लग रहा था की चाची अभी भी सो राखी हैं।  और आप लोगो को सायद पता तो होगा ही की सिलीपर बस में इतनी जगह भी नहीं होती।

 मुझे बहुत मन कर रहा था की आप चाची की गांड में अपना लंड घुसा ही दू।  पर डर भी उतना ही लग रहा था की कही चाची भरी बस में बवाल न खड़ा कर दे।  कुछ देर ऐसा ही चलता रहा।  कुछ देर बाद रास्ते में एक गाढ़ा आया वह पर रोड थोड़ी सी टूटी हुई थी तो ड्राइवर ने ध्यान नहीं दिया और बिना ब्रेक मार बढ़े के ऊपर से ले गया।

  बस का पहिया जैसे ही गढ़े में आया तो बस हिल पड़ी और मेरा लंड चाची की गांड में पूरा घुस गया।  जैसे ही लंड अंदर घुसा चाची के दर्द हुआ और वो उछल पड़ी।  मैंने अपनी आँखे बंद कर ली मुझे लग रहा था की मेरे थपड अभी पड़ा तभी पड़ा पर चाची ने मुझे कुछ नहीं कहा। 

 मैंने अपना लंड चाची की गांड के छेद के अंदर से बहार निकाला और देखा चाची के सलवार में छेद हो गया था।  अब चाची मेरी साइड को घूमी और मुझे देखा मुझे लग रहा था की चाची मुझे अभी गाली सुनाएगी। चाची ने मुझे कहा मुझे सब पता हैं तुम कौनसी वीडियो देख रहे थे। 

 मैं जबसे सोइ नहीं थी।  मैंने चाची से विनती की और कहा चाची किर्प्या चाचा को कुछ मत बताना।  चाची ने मुझसे कहा ठीक हैं पर तुम्हें मेरा एक काम करना होगा। मैंने पूछा चाची से की मुझे क्या करना होगा।  चाची ने सीधा सीधा बोल दिया की क्या तुम मेरी चूत की प्यास बुझाने में मेरी मदत करोगे।

 मैं मन ही मन सोच रहा था की मैं खुद अपने लंड की प्यास आपकी चूत से बझाना चाहता हूँ।  फिर मेने चाची को कहा अगर मैं ऐसा करूँगा तो।  तो चाची ने कहा तुम मेरी प्यास बुझाओ और मैं तुम्हारे लंड की।  

चाची में  मुझे बिठाया और मेरा पाजामा आधा उतार मेरा लंड बाहर निकाल दिया और उसे हिलाने लगी।  चाची में मुझे कहा की तेरा लंड तो तेरे चाचा से भी बड़ा हैं।  वो थोड़ा निचे को ओर खिसकी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।  

कुछ देर चाची मेरा लंड ऐसे ही चुस्ती रही।  फिर मैंने चाची को सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड पे थूक लगाकर उनकी चूत में घुसा दिया।  चाची की एकदम आवाज निकली आह।  

फिर मैं चाची की चूत में अपने लंड को अंदर बहार अंदर बहार करता रहा और उनके चुचो को चुस्त और कभी दांतो से काटता।  कुछ देर चूत मारने के  बाद मैंने चाची को उल्टा किया और उनकी गांड में लंड घुसा दिया। 

मुझे गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था और चाची को मरवाने में।   चाची चाचा की चुदाई से खुश नहीं थी पर घर वालो की सरम के मारे उसने कभी ऐसा कदम नहीं उठाया की किसी बहार वाले के साथ सम्बन्ध बनाये हो।  

पर अब मैं जो चाची को मिल चूका था चाची की चूत की प्यास को बुझाने के लिए। अब मेरा लंड ढीला पढ़ने लगा था तो मैंने चची को सीधा किया और उनकी चूत में लंड घुसा कर चूत के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया। 

फिर मैं कुछ देर चाची के ऊपर कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा और चाची के चुचो पे सर रख के सो गया।

  
तो दोस्तों कैसे लगी आपको मेरी ये सच्ची कहानी आशा करता हूँ की आपको हमारी कहानी जरूर पसंद आई होगी अगर हैं कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव जरूर दे और यदि आप में से कोई भी अपनी कहानी हमें भेजना चाहता हैं तो आप हमें अपनी कहानी भी भेज सकते हैं।    धन्यवाद।

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