झमाझम बारिश हो रही थी और चाची का बल खाता हुआ भीगा बदन देखकर मेरे लंड से भी झमाझम बारिश हो रही थी। मेरा नाम कुणाल है और मैं अपनी फैमिली सेक्सी स्टोरी लेकर आया हूं आप लोगों को सुनाने के लिए। आप लोगों से गुजारिश है कि मेरी इस अंतर्वासना कहानी को पूरा पढ़ें तभी मजा आएगा!!!
मेरी चाची जी को बारिश बहुत ही ज्यादा पसंद है और जब भी बारिश होती है वह आती जरूर है। चाची का मानना यह है नई बारिश नई खुशियां लेकर आती है और ही इसे हमें जी भर कर एंजॉय करना चाहिए।
लेकिन उस दिन जब बारिश हो रही थी तब माहौल बदल गया और एंजॉयमेंट किसी और चीज का होने लग गया और मैंने चाची को चोदा बरसात में।
चाची और मैं घर पर बिल्कुल अकेले थे क्योंकि बाकी लोग बाहर शॉपिंग करने के लिए मॉल गए थे। चाची जी का मन नहीं था जाने का तो वह घर पर ही रुक गई और मेरे तो पेपर चल रहे थे तो मैं पढ़ाई की वजह से घर पर रुका हुआ था।
पढ़ते-पढ़ते बहुत ही जोर से बारिश होने लगी झमाझम बारिश हो रही थी। और बारिश होती है चाची से रोका नहीं गया वह छत के ऊपर आकर बारिश में भीगने लगी। मुझे भी पता था बारिश हो रही है और चाची को बारिश बहुत पसंद है तो वह छत के ऊपर गई होंगी।
तो मैंने सोचा पढ़ते-पढ़ते बोर हो गया हूं चाची बारिश में नहा रही होगी उन्हें नहाते हुए देख लूंगा और मजे लूंगा। और मैंने जैसा सोचा वैसा ही हुआ चाची बारिश में भीग रही थी उनका भीगा हुआ बदन देखकर बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
चाची कब्बल खाता हुआ पतन जब बारिश के पानी से भीग रहा था तो उनके अंदर का सामान साफ साफ दिख रहा था। चाची के बड़े बड़े बूब्स उनकी मोटी मोटी गांड साफ दिख रही थी और जिसे देखकर मेरे लंड से पानी टपकने लग रहा था।
चाची बहुत ही ज्यादा खुश थी और उन्हें देखकर मुझे खुशी और कामवासना की चाहत दोनों हो रही थी। वहीं पड़ोस में स्पीकर रखे हुए थे तो मैंने उसमें रोमांटिक रोमांटिक गाने बजा दिया।
प्यार भरे गाने सुनकर चाची का मूड और भी ज्यादा अच्छा हो गया और बहुत ही ज्यादा खुश हो गई और खुशी के मारे बारिश में नाचने लगी। उन्होंने मुझे देखा और कहा आ जाओ तुम भी आकर मेरे साथ नहा लो।
बहन चोद मन तो बहुत कर रहा था लेकिन झूठ का मुखौटा भी हो रहा था वह सभी बच्चे दिखाना था तो मैंने मना कर दिया।
लेकिन भगवान का शुक्र है चाची ने मुझे जबरदस्ती बारिश में कर दिया। और मैं भी चाची के साथ बारिश में भीगने लगा हम दोनों एक साथ बारिश में नहाने लगे और खूब डांस करने लगे।
तभी अचानक चाची का पैर फिसल गया और मैंने उनको पकड़ लिया। चाचा की धड़कन में बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और वह मेरी आंखों में देखती ही जा रही थी और मैं उनकी आंखों में देखता जा रहा था।
और अचानक से स्पीकर में भी “तुम ही हो” गाना बज गया था आशिकी 2 वाला, तो माहौल और भी ज्यादा रोमांटिक हो चुका था।
और हम दोनों के काम वासना जागने लग गई चाची भी गर्म गर्म सांसे छोड़ने लग गई थी जिन्हें अपने गालों पर साफ साफ महसूस कर पा रहा था।
और उस पल मैंने यही मन में सोचा – भोसड़ीके कुणाल तेरे पास बहुत ही बढ़िया मौका है फायदा उठा ले!!!
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और मैं चाची के होठों पर किस करने लगा मैं उनके होठों को चूमने लगा। चाची भी मेरे होठों को चूमने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा उन्होंने मुझे बिल्कुल भी नकारा नहीं।
हम दोनों रिश्ते नाते और उम्र सब भूल चुके थे और परिवार में चुदाई जैसी क्रिया कर्म को अंजाम दे रहे थे। बारिश में भीगे हुए चाची के हॉट में पी रहा था और चाची मेरी जबान जूस रही थी।
हम दोनों एक दूसरे को वासना रस प्रदान कर रहे थे और कामवासना की आड़ में चल रहे थे। फिर मैंने चाची को पूरा फर्ज के ऊपर लेटा दिया और उनके भीगे हुए बूब्स को पीने लगा।
चाची के बड़े बड़े बूब्स को मैं मसल रहा था उन्हें मैं दबा रहा था और साथ में लड़कों पी रहा था।
चाची – आ आ आ अहह अहह ऊह
फिर मैं धीरे-धीरे चाची के पेंट तक पहुंच गया और मैं उनकी चूत वाली जगह पर चाटने लगा। चाची बहुत ही ज्यादा गरम हो चुकी थी और वह मेरा मुंह पकड़ कर अपनी चूत में और ज्यादा दबा रही थी।
चाची बोली – बेटा कुणाल अब मुझसे और नहीं रुका जा रहा है चलो सेक्स करते हैं!!!
मैंने कहा – नहीं चाची यह गलत है !!!!
वैसे भोसड़ीका मुझे कौन सा फर्क पड़ता है लेकिन अच्छा बनने के लिए यह सब बोलना पड़ता है ताकि लोग ये ना समझे आप कितने बड़े हरामि हो!!!!
चाची – नहीं मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता हम इतना आगे बढ़ चुके हैं जल्दी करो कुणाल… जल्दी करो… आ आ… जो मैं बोल रही हूं वही करो…!!!
मैं तो तेरा आज्ञाकारी और शरीफ लड़का मैंने चाची के पेंट उतारी और अपना 7 इंच का लोड़ा निकाला उनकी चूत में घुसा दिया
चाची – आया अहह अहह आ आ… अचानक से तो मत डालो कुणाल…
मैंने कहा – सॉरी चाची मैं थोड़ा ज्यादा बहक गया था और मैं चाची की चुदाई करने लगा। चाची को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था उनकी कसी हुई चूत में लंड को जकड़ी हुई थी।
और मैं अपने लंड को चाची की चूत में बहुत जोर जोर से अंदर बाहर कर रहा था जिसे उसके बड़े बड़े बूब्स ऊपर नीचे को हिला रहे थे।
चाची – हां हां हां कुणाल, ऐसे ही प्यार करो, अपनी चाची को, ऐसे ही करो कुणाल…
उनके मुंह से यह सुनकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया मैंने चाची के बहुत बहुत ही जोर से पकड़े और उनकी घचाघच चुदाई करने लगा।
मेरी गांड तो हिलना बंद ही नहीं कर रही थी और मैं चाची को लगातार चौथे ही जा रहा था और फिर मैं अपने चरम सुख की सीमा पर पहुंच चुका था और चाची भी।
बस मेरा कुछ ही देर में झड़ने वाला था तो मैं चाची को और जोर-जोर से खचाखच खचाखच चोदने लगा।
और जैसे ही मेरा जाने वाला था मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और चाची के पेट के ऊपर अपना सारा माल झाड़ दिया।
चाची को भी चरम सुख की प्राप्ति हो चुकी थी और वह बहुत जोर जोर से सांस ले रही थी। हम दोनों के बीच में एक नाजायज संबंध बन चुका था और इसके बाद हम दोनों का रिश्ता भी बदल गया।
चाची और मैं जब भी घर पर अकेले होते तो हम दोनों सेक्स करते थे। चाची मेरे लंड की आदी बन चुके थे और मैं भी अपनी चाची का प्यारा गुलाम बन चुका था जो उनकी सेक्सुअल डिजायर को पूरा करता है।
तो कैसी लगी आप लोगो को ये Desi Chudai Kahani। अगर पसंद आई तो हमे भी कुणाल की तरह अपनी कहानी भेजे, आपकी अति कृपा होगी। अपनी कहानी भेजने के लिए के पेज पर जाये, जो इस वेबसाइट के आखरी और मैन मेनू में है।