हेलो मेरे दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर से मेरी कहानी पर दोस्तों आज की कहानी पड़ोसन सेक्स स्टोरी पड़ोसन की जवानी के ऊपर है।
मैं फरीदाबाद का रहने वाला हूं मेरी उम्र 27 साल है और मैं बीटेक कर चुका हूं।
दोस्तों मेरे पड़ोस में एक हफ्ते पहले ही एक नया परिवार रहने आया है।
मैं शाम को ऑफिस से आ रहा था तो मैंने उसमें ही परिवार में एक हसीन लड़की देखी।
हैरानी इस बात की हुई कि वह मुझे छोटी उम्र की लग रही थी पर वह शादीशुदा थी।
उसकी उम्र भी 28 साल के आसपास थी पर देखने से वह 21 22 साल की लग रही थी।
उन्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि वह शादीशुदा और 28 साल की होंगी।
दिखने में एकदम खूबसूरत और उनका फिगर बहुत ज्यादा शानदार था ।
संडे का दिन था मेरी छुट्टी थी और मैं घर पर ही आराम फरमा रहा था ।
अचानक मेरे घर का दरवाजा किसने खटखटाया मैंने जाकर देखा तो वही महिला थी जिसका मैंने उसे कर किया।
उन्होंने मुझे हेलो कहा और कहा कि थोड़ी सी मदद चाहिए तो मैंने भी हेलो का और उनकी मदद के लिए तैयार हो गया ।
पहले मुझे लगा कोई बड़ा काम होगा या मुश्किल काम होगा पर मैंने जब जाकर देखा तो मुझे बहुत हंसी आई।
दोस्तों काम था की उनके कमरे में शायद एक चूहा घुस आया होगा जो थोड़ा बड़ा था और वह डर रही थी इसलिए मेरे पास आ गई।
घर पर कोई नहीं था तो उन्होंने मुझे बुलाया सही समझा चुकी उन्हें बहुत डर लगता है कि वह से ।
मैं जल्दी से अपने घर से चूहा पकड़ने वाला पिंजरा लेकर आया और उसमें खाने का कुछ लगाकर वही छोड़ दिया।
मैंने उन्हें घर बंद कर कर मेरे घर में आने को कहा था। मैं अपने घर में जब तक छुआ बाहर ना चला जाए तो पर नहीं बैठ पा रही थी।
इसलिए मैंने उनको अपने घर बुलाया और उनके लिए चाय बना दी।
हमने खूब बातें करें और मुझे ऐसा लगने लगा था कि वह शायद मुझे पसंद कर रही है।
हम वापस गए और देखा कि चूहा पिंजरे में कैद हो चुका था। यह देख कर वह महिला पिंजरे को उठाने गई लेकिन तभी चूहे ने आप बड़े मचा दी।
वह डरकर मुझ पर चिपक गई और मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि वह मुझ पर चिपकी हुई थी।
उनके बूब्स मेरे सीने को छू रहे थे और मुझे अंदाजा हुआ की उनके खड़े बूब्स है।
अब तो साला मेरा उनके साथ चुदाई करने का मन करने लगा। पर एकदम से ऐसा नहीं कर सकते थे तो मैंने उन्हें संभाला और बोला अरे वह पिंजरे में बंद है कुछ नहीं करेगा।
मैं उस चूहे को दूर छोड़ कर आ गया और जब वापस आया तो वह महिला बहुत खुश थी और उन्होंने मुझे धन्यवाद कहा।
उन्होंने मुझे अपना नाम बताया उनका नाम रीमा था और मैंने उन्हें प्रणाम बताया मेरा नाम अभिषेक है।
तो दोस्तों यह थी मेरी शुरुआत उनसे दोस्ती की और धीरे-धीरे वह मेरे घर आने जाने लगी।
दोस्तों मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था कि मैं इस रिश्ते को आगे कैसे बढ़ाए तो मैंने एक प्लान बनाया।
प्लेन था की मुझे एक चूहा चाहिए और उस चूहे को मैं जब वह नहा रही होंगी बाथरूम में छोड़ दूंगा ताकि वह बाहर आ जाए बिना कपड़ों के।
रात को मेरे पिंजरे में चूहा फस गया और अब मैं रीमा के घर जाने का इंतजार कर रहा था।
मुझे इतना पता चल चुका था कि वह करीब दोपहर के 12:00 बजे नहाती है क्योंकि वह हमेशा कपड़े सुखाने ऊपर आती थी। पर उनके घर पर उसके पति और बच्चे सब थे इसलिए मैं इंतजार करता रहा।
साला मुझे हर दिन चूहे को खाना खिलाना पड़ता मैं उसे फेक भी नहीं सकता था मैं दिल्ली उसे खाना और पानी दे रहा था।
करीब 2 दिन बाद उसके घर वाले फिर कहीं चले गए और वह घर पर अकेली थी।
मैं बहुत घबराया हुआ था और मैं करीब 11:30 बजे उनके घर चला गया।
जल्दबाजी में थी उन्होंने कहा हमें कहीं जाना है तो मैंने कहा हां ठीक है मैं तो बस ऐसे ही आया था।
उन्होंने कहा मैं जल्दी-जल्दी नहा लेती हूं मेरा फोन आएगा तो मुझे निकलना पड़ेगा।
मैंने कहा ठीक है मैं थोड़ी देर में निकल जाऊंगा और मैं नहाने चली गई ।
मैं भागकर अपने घर गया और चूहा लेकर आया और मैंने बाथरूम के दरवाजे के पास उसे छोड़ दिया।
चूहा सीधा बाथरूम में घुस गया और मैंने भागकर पिंजरा वापस रख दिया।
मैं दरवाजे के आस पास ही खड़ा था कि कब बाहर निकले।
शायद अब तक उन्होंने चूहे को देखा नहीं था कुछ देर बाद चूहे ने अपना कमाल दिखा दिया।
रीमा जोर से चिल्लाई और मैं थोड़ी देर बाद बोला क्या हुआ तभी दरवाजा उड़ने की आवाज आई।
वह बाथरूम से डोलिया लपेटकर बाहर आई और मुझ पर चिपक गई।
अबकी बार तो मुझे यह भी महसूस हुआ कि उनके बूब्स बहुत पड़े हैं क्योंकि अबकी बार उन्हें कुछ नहीं पहना था।
मैंने पूछा क्या हुआ उन्होंने कहा बाथरूम में चूहा है और वह आंखें बंद करके मुझ पर चिपकी हुई थी।
मैंने कहा आप कमरे में चाहिए मैं सुबह देखता हूं पर वह कमरे में चली गई दरवाजे से चुपचाप देखने लगी कि चूहा कहां गया। मैं चूहे को जैसी पकड़ने गया वह भागकर उसी कमरे में चला गया जहां रीमा थी।
दिमाग पर आ गई है भाग कर बैठ के ऊपर चढ़ गई और इस भागा दौड़ी में उनका तोलिया गिर गया था।
मैं कमरे में आ चुका था उन्हें शायद पता भी नहीं था कि वह पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी है क्योंकि उनके दिमाग में बस चूहे का ही डर था।
उनके बूब्स सच में बहुत बड़े थे और बिल्कुल खड़े थे और उनकी चूत पर हल्के बाल थे पर बहुत ही मस्त थी।
जैसे ही उन्हें चूहा दिखता वह आंखें बंद कर कर घूम जाती। जब वह घूम जाती तो मुझे उनकी गांड दिखती जो कि बहुत मस्त थी बिल्कुल गोल और गोरी।
और चूहे की पूछ पकड़ ली और भागकर उस नाली में फेंक दिया और मैं कहीं और चला गया।
aage part 2 mei pade