सेक्स विद फ्रेंड्स वाइफ का मजा मेरे पति के दो दोस्त ले गए मुझे चोद के! लेकिन उन से ज्यादा मजा तो मैंने लिया उनको अपना गुलाम बनाकर BDSM सेक्स किया.
मैं सिमरन हूं और मैंने अपने ठरकी रीडर्स के लिए अपने हस्बेंड की गोद में बैठकर ये कहानी लिखी है।
कहानी का मजा लें क्योंकि आखिर में आपको एक सरप्राइज मिलेगा, जिसके बारे में मेरे पति को भी पता नहीं है!
मेरी पिछली कहानी थी: सहेली ke पति se apni गांड चटवाई
मुझे अपने पति की ये आदत बिल्कुल अच्छी नहीं लगती है जब वो अपने पियक्कड़ दोस्तों को घर ले आते हैं।
मुझे उनकी इस बात से नफरत है।
लेकिन एक बार जब उन्होंने अपने दो दोस्तों को बुलाया था तो उस रविवार की रात को मैंने खूब मस्ती की थी और जोर से झड़ी थी.
उस दिन दोपहर बाद मेरे पति के दोस्त सचिन और तुषार हमारे घर आए।
मैं अपने बेडरूम में सो रही थी और दरवाजा खोलने पति ही गए थे।
उनके वाहियात चुटकुले शुरू हो गए और जोर से लग रहे ठहाकों से मेरी नींद टूट गई।
मुझे आधा घंटा पहले ही उठना पड़ा।
मैं उनको लात मारकर बाहर करना चाहती थी और बहुत गुस्से में थी।
जब मैं केवल अपनी पैंटी पहने बेडरूम से बाहर निकली तो उनका एक दोस्त बालकनी में आ गया।
मेरी फिगर और नंगी चूचियों को देखकर उसका मुंह खुला रह गया लेकिन मैंने जैसे उस पर ध्यान ही नहीं दिया और उसी हालत में मैं किचन में चली गई।
कुछ खाने का सामने देखने के लिए मैंने फ्रिज खोला।
जब मैं शराब या साफ्ट ड्रिंक के बीच में से किसी एक को चुनने के बारे में सोच रही थी तो वो कमीना किचन की चौखट पर खड़ा होकर मुझे घूर रहा था।
कुछ देर बाद उसका दोस्त भी आ गया।
वो दूसरा दोस्त ये देखने आया था कि आखिर पहले वाले को इतनी देर कहां लग रही है।
दोनों हवस के प्यासे मर्द मेरी सुडौल बॉडी पर नजर दौड़ा रहे थे। कमीनों के दिलोदिमाग में ‘सेक्स विद फ्रेंड्स वाइफ’ के ख्याल चल रहे होंगे.
कुछ देर मैंने उनको देखने दिया क्योंकि वे असली मर्द नहीं लग रहे थे बल्कि शर्मीले ठर्की थे।
मैंने संतरे के रस की एक बोतल निकाली और उनकी तरफ जाने लगी।
जब मैं उनके बीच से निकलने लगी तो मेरी चूचियां उनके कंधों से रगड़ खा गईं।
मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर लिया और उनकी बातें मेरे कान में पड़ीं।
एक ने कहा- मुझे भाभी की गांड को भींच देना चाहिए थी!
उसके बाद वो कुछ और खुसर-फुसर करके वहां से चले गए।
आधे घंटे तक मैंने उन लोगों को बर्दाश्त किया।
उसके बाद मैंने अपनी टीशर्ट और कॉटन ट्रैक पैंट पहनी और रूम से बाहर आ गई।
मैं बालकनी में घुसने ही वाली थी, जब मैंने अपनी बॉडी के बारे में उनको बात करते सुना।
ये लोग काफी नशे में हो चुके थे; उन्हें पता नहीं था कि वो क्या कह रहे हैं और क्या कर रहे हैं।
सैम (मेरे पति)- क्या उसने तुम्हें अपनी गांड और बूब्स दिखाए?
तुषार- हां, वो तो मेरा ध्यान खींचने के लिए मरी जा रही थी। तुम तो बहुत लकी हो यार! कितनी बार चोदा है उसको?
सचिन बीच में टोकते हुए- भाभी को देखकर लगता है कि वो पराये मर्द से भी चुदती है। सैम, क्या तुम उसको अभी पिला सकते हो? मेरा मतलब है कि कम से कम हम तुम दोनों की चुदाई तो देख लें।
तुषार- चुप रह कमीने! तुझे क्या लगता है कि ये अपने बीवी को दूसरे मर्द से चुदने देगा? लेकिन भाभी की गांड देखकर मुझे लगता है कि वो बहुत बड़ी रंडी है।
सैम- वैसे, कॉलेज के दिनों में उसका एक यार था। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ये दोनों अभी भी मेरे पीछे से मिलते होंगे। उसके आशिक की बजाय मैं तुम दोनों से उसको चुदवाना ज्यादा पसंद करूंगा।
सचिन और तुषार ने एक दूसरे की ओर देखा और दोनों सैम को थोड़ा और पटाने की कोशिश करने लगे।
मैं उनकी फूहड़ बातों से हैरान हो रही थी।
ये मेरे अंदर की डॉमिनेट करने वाली सिमरन को जगाने के लिए काफी था।
मैं अंदर गई और अपने पति के कंधों पर हाथ रखते हुए झुक गई।
सैम मेरी वासना भरी आंखों में देख रहा था और मैं अपनी गांड को उन पराये मर्दों को उकसाने के लिए गोल गोल हिला रही थी।
सचिन मेरी गांड के पास अपने मुंह को ले आया और तुषार उसके पीछे खड़ा होकर मेरी गांड का नजारा लेने लगा।
एक तरफ मैं सैम को सेक्स करने के लिए फुसफुसा रही थी और दूसरी तरफ उसके दोस्तों को अपनी उछलती गांड से सम्मोहित कर रही थी।
उनकी गर्मी को बढ़ाने के लिए मैंने अपनी ट्रैक पैंट को नीचे खींच दिया जिससे मेरी गोरी, कोमल, चिकनी गांड, मेरी बड़ी दरार और चूत के होंठ उनके सामने आ गए।
अगले ही पल मुझे अपनी गांड पर दो अलग-अलग हाथों का स्पर्श महसूस हुआ।
सैम के दोस्तों की गर्मी बढ़ती जा रही थी।
उनके हाथ मेरी गांड की फाड़ों को फैला रहे थे, Hindi Sex Stories मेरे छेद में उंगली कर रहे थे और मेरी चूत के होंठों को रगड़ रहे थे।
मैं- ओह, अपने दोस्तों को देखो सैम, वो मेरी गीली चूत और गांड के साथ खेल रहे हैं। कम से कम उनको सेक्स विद फ्रेंड्स वाइफ आराम से करने के लिए तो कह दो!
जब मैंने सैम के लंड पर हाथ रखा तो मुझे उसमें तनाव महसूस हुआ।
शादी के कुछ साल बाद उसके लंड में ऐसा तनाव कभी कभार ही आता था।
मुझे नहीं पता किसने … लेकिन किसी ने मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा और इससे सैम भी ताव में आ गया।
सैम- तुम्हें क्या लगता है तुम क्या कर रहे हो? बंद करो इसे! ये मेरी बीवी की गांड है।
तब सैम उठा और मेरा हाथ पकड़ कर बाहर ले गया।
वो इतनी पी चुका था कि बालकनी में जाते ही वो मेरे साथ एक तरफ सोफे पर गिर पड़ा।
मैं उसकी गोद में पड़ी हुई उन पलों का आनंद लेने लगी।
उसके दोस्त भी पीछे पीछे आ गए और उन दोनों के लंड तनाव में आ चुके थे और उनकी पैंट में तंबू बना रहे थे।
सोफे के पास खड़े हुए वो देख रहे थे कि कैसे एक पति अपनी नंगी बीवी को बांहों में लिए दो ठर्की मर्दों से उसकी रक्षा कर रहा है।
सोफे पर मैं दाहिनी तरफ थी।
मैंने अपनी टांगें फैला दीं और मेरी क्लीन शेव चूत की गुलाबी फांकें उन दोनों के सामने खुल गईं।
मैं- इन कुत्तों की तरफ देखो जानू, ये मेरी चूत को देखकर कैसे लार टपका रहे हैं। मुझे लगता है ये इसका स्वाद चखना चाहते हैं। क्या मैं इनको चाटने दूं?
नशे की हालत में सैम उत्तेजित होते हुए बोला- हां, मैं इन कुत्तों को तुम्हारी चूत चाटते हुए देखना चाहता हूं। इन्हें इसके लिए भीख मंगवा दो।
मैं- सुना तुमने कुत्तो! अपने कपड़े निकालो और चार पंजों पर झुक जाओ यहां।
सचिन और तुषार मेरा हुक्म मानने के लिए उतावले हो रहे थे।
वो दोनों मेरी चूत को सूंघने के लिए अपने चारों पंजों पर आ गए।
उतावलेपन के लिए उनको तमाचा मारते हुए मैंने कहा- औकात में रहो कुत्तो, तुम (सचिन) मेरी चूत को चाटो और तुम (तुषार), मेरी गांड में जीभ को अंदर तक डालो।
सचिन ऊपर झुककर खड़ा हो गया और मेरी चूत को जीभ से चोदने लगा।
तब मैं थोड़ा आगे की ओर खिसक गई जिससे तुषार अपनी लम्बी जीभ को मेरी गांड में घुसा सके।
मैं- ओह्ह येस! देखो इन कुत्तों को सैम, देखो ये कैसे तुम्हारी रानी की अपनी जीभ से सेवा कर रहे हैं।
सैम ने अपना पजामा निकाल लिया और अपने तने हुए लंड की मुठ मारने लगा।
उसकी आंखों में ककॉल्ड सुख की चमक थी और मैं उसके चेहरे पर जलन और जोश के मिले जुले भाव देखकर आनंदित हो रही थी।
मैंने अपनी टीशर्ट निकाल दी और अपनी चूचियों के निप्पलों को काटने लगी ताकि बता सकूं कि मुझे कितना मजा आ रहा था।
मेरी ऊंची सिसकरियां उन मर्दों को अपनी जीभ मेरे टपकते छेदों में और ज्यादा सख्ती से घुसाने के लिए उकसा रही थीं।
सचिन ने मेरे क्लिटोरिस को चूसना और गुदगुदाना शुरू कर दिया जिससे मैं जोर से झड़ गई।
मैंने उन दोनों के सिर के बालों को खींच लिया उनके मुंह को अपने छेदों पर घुसा दिया।
मैं- आह्ह येस, येस, येस … तुम्हें मजा आ रहा है सैम? क्या तुम अपने इन कुत्ते दोस्तों से मुझे चुदते देखना चाहोगे?
सैम का चेहरा गंभीर हो गया लेकिन उसका लंड कह रहा था कि वो ये सब देखना चाहता है।
मैंने सचिन को सोफे पर खींच लिया क्योंकि वो तुषार से ज्यादा हट्टा कट्टा दिख रहा था।
सचिन के लंड पर थूक लगाने के बाद मैंने उसका लंड अपनी चूत में अंदर ले लिया और उस पर बैठ गई।
मैं धीरे धीरे अपनी गांड को लौड़े पर उछालने लगी ताकि चुदाई की स्पीड में रम जाऊं।
उत्तेजित हो चुके सचिन ने मेरी चूचियों को हाथों में भर लिया और मेरे निप्पलों को चूसने लगा।
मैं- उन्हें छोड़ दो कमीने कुत्ते! तुम्हें बस वो करना है जो तुम्हें करने के लिए कहा गया है। और तुम (तुषार) किस चीज का इंतजार कर रहे हो? अपने लंड को मेरी गांड में डालो और चोद दो इसे। अगर तुम में से किसी ने भी मुझे छुआ तो देखना मैं तुम्हारे लौड़ों के साथ क्या करती हूं फिर!
तुषार ने अपना लंड मेरी गांड में दे दिया और अब मैं दो लंड अपने छेदों में एक साथ ले रही थी।
मैं सचिन के लंड पर कूद रही थी और इसी के साथ तुषार भी अपना लंड मेरी गांड में घुसा रहा था।
मेरी मोटी और बड़ी चूचियां सचिन के चेहरे को ढके हुए थीं और तुषार ने मेरी गांड को थाम रखा था।
मैंने उसको और पास खींच लिया ताकि वो मेरी गांड को चोदने और चाटने का मजा अच्छे से ले सके।
मुझे थ्रीसम चुदाई का मजा लेते हुए देख सैम अपने लंड की तेजी से मुठ मार रहा था।
तुषार ने एकदम से जोर से सिसकारना शुरू कर दिया।
उसने मेरे बूब्स को कसकर भींच दिया और गांड में तेजी से चोदने लगा।
मैं उसके इस अचानक हमले से और ज्यादा आनंदित होने लगी।
लेकिन अगले 30 सेकेंड चोदने के बाद ही तुषार ने मेरी गांड में अपना माल गिरा दिया।
उसने अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकाल लिया और फर्श पर बैठते हुए जोर जोर से हांफने लगा।
अब सचिन का जोश भी बढ़ता गया और अपनी उत्तेजना को जाहिर करने के लिए वो मेरी चूचियों में मुंह देकर चोदने लगा।
उसने मेरे चूतड़ों पर हाथ कस लिए और मुझे अपने लंड पर जोर जोर से उछालने लगा।
जिस सख्ती से उसने मेरे चूतड़ों को खोला हुआ था, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
सैम को ये मजा और ज्यादा बर्दाश्त न हुआ, जो मैं पराये मर्दों के साथ ले रही थी।
उसने सचिन को एक तरफ धकेला और मुझे अपनी बांहों में ले लिया।
मेरे उत्तेजित पति ने मुझे सोफे पर पटका और मेरी टांगें खोलकर मेरी चूत को देखने लगा।
उसने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और अंदर डालकर तेजी से धक्के मारने लगा।
लेकिन उसकी ये उत्तेजना 5-10 सेकेंड से ज्यादा चल नहीं पाई।
उसने जल्दी से लंड को बाहर निकाला और मेरे चेहरे के पास लाकर वीर्य छोड़ने के लिए तैयार हुआ ही था कि मैंने उसको पलट दिया, जिससे उसके वीर्य की धार उसके दोस्तों के चेहरे पर जाकर लगी।
सचिन और तुषार दोनों के चेहरे पर उनके दोस्त का वीर्य गिरा।
सैम सोफे पर गिर गया।
उसके दोस्त भी नशे में धुत्त ऐसे ही फर्श पर पड़े हुए खर्राटें लेने लगे।
मैं वहां से चली गई.
और देर रात को जब मैं हॉल में आई तो देखा, केवल सैम सोफे पर पड़ा सो रहा था।
उसके दोस्त जा चुके थे।
यही मौका था कि मैं अपने नशे में धुत्त पति की यादाश्त को मिटा दूं।
मैंने सैम को जगाया और उसकी गोद में बैठ गई।
कुछ मिनट के बाद वो होश में आया और सामान्य तरीके से बात करने लगा।
उसके बाद उसने बताया कि कैसे उसने मुझे उसके दोस्तों के साथ चुदने का कामुक सपना देखा।
मैंने उसको गुस्से से देखा और कहा कि उसके सपने बड़े गंदे हैं। हो सकता है कि शायद उसको पता हो कि उस रात क्या हुआ था, लेकिन मेरी इस बारे में बात करने की हिम्मत नहीं है!
ये थी मेरे पति के दोस्तों के लौड़ों ने सेक्स विद फ्रेंड्स वाइफ का मजा लिया।