सेक्सी टीन गर्ल चुदाई कहानी मेरी गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई की है. हम दोनों ने पहले कभी सेक्स नहीं किया था. वो मेरे जन्मदिन पर मेरे कमरे में आयी थी.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम नील है. मेरे परिवार में मेरे मम्मी पापा और मेरा भाई है, जो मुझसे उम्र में एक साल बड़ा है.
मैं कई सालों से अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ और कॉलेज में मेरे दोस्त भी मस्ती मज़े में कभी कभी अन्तर्वासना कहानियों का जिक्र कर लेते थे.
इस सबसे मुझे लगने लगा था कि मुझे भी ओनी सेक्स कहानी अन्तर्वासना के लिए लिखना चाहिए.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्सी टीन गर्ल चुदाई कहानी है. दरअसल ये मेरी आपबीती है, जो हुआ, वो ही लिखा है.
यह सेक्स कहानी मेरी गर्लफ्रेंड और घर के सामने रहने वाली भाभी की है.
जब मैं गांव में अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर चुका तो आगे की पढ़ाई के लिए कानपुर आ गया.
इधर मैंने अपनी ग्रेजुएशन स्टार्ट की.
शुरू में तो मैं 1.5 साल हॉस्टल में रहा, फिर एक कमरा किराए पर लेकर पढ़ाई करने लगा.
मैं कमरे से कॉलेज, बस या कभी दोस्त की बाइक से आने-जाने लगा.
वैसे तो देखने में मैं हैंडसम था लेकिन छोटे शहर से आने के कारण मुझे शहर के चलन के बारे ज़्यादा कुछ पता नहीं था.
उस समय मुझे देहाती चूतिया कहा जा सकता था.
जब मैं रूम किराए पर लेकर पढ़ाई कर रहा था, तो एक लड़की अक्सर पास की गली से कोचिंग के लिए आया-जाया करती थी.
उधर एक शॉप थी, जिस पर मैं अक्सर खड़ा रहता और उस लड़की से आते जाते नज़रें मिल जाती थीं.
वो लड़की देखने में एकदम हॉट और बहुत सुंदर थी.
एक दिन मेरी नज़र मिली तो मैंने सोचा इससे बात करके, इसका नंबर ले लूं.
फिर जैसे ही मैंने ट्राई किया और उसे हैलो कहा.
तो उसने भी हैलो बोलकर थोड़ा स्माइल किया.
मैं उसकी उस अदा से तो बस वहीं घायल हो गया.
उसे भी मैं थोड़ा ठीक लगा था शायद.
बस हमारे बीच यही सिलसिला शुरू हो गया.
चार दिन बाद एक दिन मैंने उससे उसका नंबर मांगा और उसने दे भी दिया.
जल्दी ही वो मेरी गर्लफ्रेंड बन गई.
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम टीना था और वो बहुत स्मार्ट थी.
वो शहर में ही पली बड़ी हुई थी तो एकदम खुले विचारों की थी.
उसका क़ातिलाना फिगर 32-26-34 का था और उस वक़्त उसकी उम्र मेरे बराबर ही रही होगी. मैं 19 साल का था.
एक दिन वो मार्केट से अपनी सहेली दिशा के साथ आ रही.
उसने इतना हॉट ड्रेस पहना हुआ था कि सब उसे ही देखे जा रहे थे.
उस दिन उसकी इसी ड्रेस के चक्कर में मेरी एक लड़के से लड़ाई भी हो चुकी थी. वो लड़का उसकी कोचिंग का ही था.
वो समझ गई थी कि मैंने झगड़ा उसी के लिए किया है. वो मेरी इस बात से बड़ी प्रभावित हुई थी.
फिर हम दोनों थोड़ा घुल-मिल गए और एक दूसरे के थोड़ा और करीब आ गए.
वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती थी.
उस दिन उसने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया था और मुझसे कहा भी था कि फ़ालतू में झगड़ा मत किया करो.
उसके हाथ के स्पर्श के अहसास से मैं एकदम सिहर गया था और उसे पाने की कोशिश करने लगा था.
मैं घर आकर सोचने लगा कि टीना को कैसे चोदूँ.
बस फिर एक दिन मैंने उसे एक पार्क में प्रपोज़ कर दिया और उसकी हां भी मिल गई.
उस दिन टीना मुझसे हां कहती हुई लिपट गई और ‘आई लव यू …’ कहने लगी.
मैंने भी ‘आई लव यू … आई लव यू …’ बोलते उसके होंठों से अपने होंठ लगा लिए और जोर जोर से उसके होंठों को चूमने लगा.
उस दिन मुझे उसके होंठों का अहसास पाते ही लगा, जैसे मुझे एकदम से करेंट लग गया हो.
कोई 5 मिनट बाद हम दोनों अलग हो गए.
हमारा प्रेम धीरे धीरे वासना के खेल में बदलने लगा था और वो भी आकर्षित हो रही थी. जवानी की आग हम दोनों को ही झुलसा रही थी.
एक दिन जब मैं रूम पर अकेला था तो मैंने सोचा कि क्यों ना टीना को किसी दिन अपने रूम पर बुलाकर पार्टी की जाए.
मैंने अपने बर्थडे के दिन उसे बुलाना चाहा. मैं अपने कमरे में अकेला ही रहता था.
चूंकि मेरे मम्मी पापा अक्सर आते जाते थे इसलिए रूम आसानी से मिल गया था.
जिस बिल्डिंग में मैं रहता था, वो 3 फ्लोर का था और हर फ्लोर पर आमने सामने दो रूम बने थे. मैं दूसरे फ्लोर पर रहता था.
मेरे सामने वाले कमरे में एक भैया भाभी और उनका एक बेटा था, जो कि उस वक्त 5 साल का रहा होगा.
जब रूम पर मेरी मम्मी आती थीं, तो कई बार वो भाभी मेरे कमरे में आ जाती थीं. भाभी मेरी मम्मी से बात करने आती थीं.
भाभी की इसी मिलनसारिता से मैं भी उनकी फैमिली से थोड़ा घुल-मिल गया था.
उनके पति अपने जॉब के कारण सुबह से शाम तक फैक्ट्री में रहते थे.
भाभी छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं.
भाभी का नाम नव्या था और वो लगभग 27 साल के आस-पास की रही होंगी.
वो हॉट थीं, मगर चुचियां छोटी थीं. उनका फिगर 30-28-32 का रहा होगा, पर भाभी कांटा माल थीं.
कई बार जब भाभी आने वाली होतीं तो मैं टॉयलेट का गेट खुला रख देता तो वो चोर नज़रों से मेरे लंड को देख भी लेती थीं …
मगर उन्होंने कभी मुझसे चूत चोदने को लेकर कुछ भी इशारा नहीं दिया था.
धीरे धीरे भाभी से मैं हंसी मज़ाक करने लगा.
मुझे अक्सर सनडे को ही ज़्यादा टाइम मिल पाता था.
खैर छोड़िए … पहले गर्लफ़्रेंड की कहानी पर आते हैं.
मैंने अपने बर्थडे का निमन्त्रण टीना को दिया और मजाक में उससे गिफ्ट लाने को भी बोला.
उसे पता था कि मैं कमरे में अकेले रहता हूँ, तो उसने पूछा कि और कौन आएगा?
मैंने कहा- कोई नहीं, बस 1-2 फ्रेंड होंगे, सामने वाले भैया भाभी … और अगर तुम चाहो तो अपनी सहेली दिशा को भी ले आना. रूम पर पार्टी करेंगे.
अगला दिन हुआ.
मैंने सबको शाम को आने के लिए ही बोला था.
मेरे 2 दोस्त तो सुबह से ही आ गए थे और मेरे रूम पर ही मज़े कर रहे थे.
हम तीनों ने 2-2 पैग भी मार रखे थे और घर को साफ सुथरा करने में लगे हुए थे.
शाम हुई तो सभी का आना होने लगा.
मेरे बस वही दो दोस्त, सामने वाले भैया भाभी, उनका बेटा आ गए थे.
पार्टी में म्यूज़िक चल रहा था, तभी टीना और दिशा की एंट्री हुई.
तो मैं उसे देखने लगा.
टीना कमाल लग रही थी मगर दिशा भी बहुत हॉट लग रही थी.
मेरे दोस्त टीना और दिशा को देखे ही जा रहे थे.
मैंने उनसे कहा- तुम छत पर चले जाओ. उधर ड्रिंक करना मगर यहां गलत हरकत मत करो क्योंकि अभी सामने वाले भैया और भाभी भी हैं.
मगर वो दोनों साले आपस में यही बातें किए जा रहे थे कि टीना और दिशा चोदने लायक माल हैं यार!
वो टीना की चुचियां देख कर लार टपका रहे थे तो कभी दिशा की चुचियां देख कर … वो दोनों यही सब कर रहे थे.
वैसे तो टीना और दिशा दोनों का टॉप ज़्यादा छोटा नहीं था मगर चूचे तो चूचे होते हैं. लड़की की खूबसूरती में उसकी चूचियों का योगदान पचास प्रतिशत होता है.
दिशा का भी फिगर अच्छा था. वो हल्की सांवली जरूर थी लेकिन बहुत तीखे नैन नक्श वाली लड़की थी.
दोनों दोस्तों की बातें सुनकर मैंने उन दोनों को बाहर भेजना चाहा मगर वो मानना ही नहीं चाहते थे.
वो साले फुसफुसा कर कहने लगे कि भाभी भी तो चोदने लायक हैं.
उनकी बातों में भाभी के लिए जो बातें मैंने सुनी, उसमें यही सब था कि भाभी की पतली कमर … उफ़ क्या चुदती होंगी … मगर पति गान्डू सा है.
मैंने उनकी तरफ से दिमाग हटाया और पार्टी एंजाय करने लगा.
तभी टीना मेरे पास आकर बैठ गयी और दिशा, भैया भाभी से बात करने लगी.
मैंने सबकी नजरें बचाकर टीना को किस करना चाहा तो उसने इंकार कर दिया और वो दूर बैठ कर टीवी देखने लगी.
मैंने फिर से ट्राई किया और इस बार किस हो गयी.
एक किस के बाद हम दोनों अलग हो गए.
मैंने उसकी चुची पर हाथ रखा तो मजा आ गया. टीना का 32-26-34 का फिगर, मेरी आंखों के सामने ही घूमने लगा.
पार्टी की वजह से कुछ ज्यादा नहीं हो पाया.
हम दोनों अलग हो गए.
8 बजने को थे तो मेरे दोस्त अपने घर चले गए और दिशा के घर से भी कॉल आ गया तो वो जाने को कहने लगी थी.
मैंने टीना और दिशा से ड्रिंक के लिए बोला और थोड़ी देर रुकने को बोला तो टीना तो रुक गयी मगर दिशा चली गयी.
अब मैंने भैया भाभी को बोला कि टीना को घर छोड़ देता हूँ और मार्केट से कुछ खा भी लूँगा.
भैया भाभी दोनों चले गए.
मैं टीना को लेकर घर से निकला और हम दोनों खाने के लिए अच्छा सा रेस्तरां खोजने लगे.
तभी मैंने देखा कि टीना को देख कर कुछ लड़के गंदे कमेंट कर रहे थे.
मैंने टीना को दूसरी तरफ करके उन लड़कों को अपनी उपस्थिति से अवगत कराया तो वो शांत हो गए.
हम दोनों आगे बढ़ गए.
अब मैंने कुछ ध्यान से देखा तो टीना बहुत ही हॉट लग रही थी.
टीना बोली- ये कितने बदतमीज लड़के थे न!
मैंने टीना से बोला- यार तुम चोदने लायक, एकदम जवान माल हो न … तो कभी कभार तो कोई हरामी कमेंट कर ही देगा.
वो मुस्करा कर बोली- कमेंट भद्दा न हो … तो अच्छा है.
उसकी बात सही थी कि लड़कियों का सजना संवरना तभी सार्थक होता है, जब कोई उनकी तारीफ करे या उनकी खूबसूरती को लेकर कुछ कहे.
फिर हम दोनों ने एक होटल में खाना खाया और मैं उसको घर छोड़ने जाने लगा.
उस दिन मैं टीना को चोदने के लिए बेताब हुआ जा रहा था.
मैंने उससे बोला- आज मेरे घर पर ही रुक जाओ.
इस पर वो राज़ी नहीं हुई लेकिन रास्ते में थोड़ी देर बाद उसने हां बोल दिया.
टीना ने अपने घर पर दिशा के घर रुकने का कह दिया और दिशा को भी कह दिया कि घर से कोई फोन आए तो बता देना कि मैं तुम्हारे घर पर ही रुकी हूँ.
दिशा भी शायद समझ गई थी कि आज टीना का मूड कुछ हॉट है.
मैं समझ गया कि आज तो मेरा काम हो जाएगा … बस सामने भैया भाभी एक दिक्कत हैं, उनका क्या करूंगा.
तब मैं उसको थोड़ी देर बाहर घुमाने लगा.
मैंने सोचा कि थोड़ा टाइम पास कर लेता हूँ, तब तक भैया भाभी का गेट भी बंद हो जाएगा और थोड़ी रात भी हो जाएगी.
रास्ते में मैं कभी उसके चूचे दबा देता, तो कभी चुम्मा कर लेता. यही सब करते करते मैं अपने कमरे के पास आ गया.
अब तक सब दुकानें भी बंद हो गयी थीं.
हम दोनों अपनी फ्लोर पर आ गए और रूम में धीरे से घुस गए.
टीना को ये नहीं पता था कि मैंने आज उसे चोदने का पूरा इरादा कर रखा था.
कुछ थोड़ा चखना लेने के बहाने रास्ते में मैंने रेस्तरां के पास से कंडोम का एक पैक ले लिया था.
मेरे दिमाग़ में यही चल रहा था कि टीना घुसी तो घर में बिना चुदी है. मगर बिना चुदे निकलेगी नहीं.
हम दोनों ने बाथरूम जाकर हाथ मुँह धोये और दोनों वापस बेड पर आ गए.
उसने टीवी चालू कर दिया.
अब उसको रात में पहनने के लिए कोई कपड़ा चाहिए था तो मेरे ही कपड़े थे.
उसने पहनने को मेरा एक कुर्ता ले लिया और नीचे एक छोटा सा शॉर्ट्स पहन कर बैठ गयी.
वो कहर ही ढा रही थी … एकदम मस्त लग रही थी.
उसके चूचे बड़े ही खतरनाक लगने लगे थे. मेरी नज़र तो रह रह कर वहीं टिकी जा रही थी.
मैंने उससे ड्रिंक का बोला तो बहुत कहने पर वो बियर पीने को राज़ी हुई. वो भी थोड़ी सी.
वैसे मैं दारू कभी कभी पीता था. वो भी पार्टी के बहाने से एक महीने में एक दो बार.
मैं बीच बीच में टीना का चुम्मा ले रहा था और एक हाथ से उसकी एक चुची सहला रहा था.
तभी मैंने तेज़ी से उसकी एक चूची पकड़ ली और दबाने लगा.
वो भी मजा ले रही थी.
आप समझो कि एक जवान लड़की पूरी रात रुकने के लिए मेरे साथ थी और मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि कपड़े उतार कर उस पर चढ़ जाऊं और उसे पेल दूँ.
मेरा लंड पूरा खड़ा हो रखा था और मैंने भी उसके साथ बैठे बैठे एक बियर पी ली थी.
धीरे धीरे मैंने अपनी पैंट उतार दी और केवल एक निक्कर में बैठ गया.
वो टीवी में लगी रही.
तभी धीरे से मैंने उसका हाथ उठाकर अपने लंड पर रख दिया तो वो एकदम से चौंक कर मेरी तरफ देखने लगी.
मेरा लंड पूरा गर्म हो रखा था, तभी मैं उसे चूमने लगा … तो वो थोड़ा शांत होने लगी.
मैंने उसका कुर्ता भी उतार दिया और वो थोड़ा साथ देने लग गयी.
पहली बार ब्रा में उसकी चुचियां मैंने लाइव देखी तो मस्त हो गया और जल्दी से उसकी ब्रा उतारने लगा.
उसने प्यार से एक थप्पड़ मारा और बोली- अभी नहीं … ये सब कभी बाद में!
मैं उसे मायूस होकर देखने लगा तो वो मुझे चूमने लगी.
अब मैं समझ गया कि अगर चोदना है तो अभी.
वैसे भी मैं उसे छह महीने से तो जानता ही था.
मैंने उसके होंठ चूमते चूमते उसके शॉर्ट्स नीचे से अलग कर दिया तो उसकी चूत की महक मुझे अपनी ओर खींचे जा रही थी.
मैं पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहला रहा और होंठ चूमने में भी लगा रहा ताकि वो मुझे अपने से अलग ना कर सके.
अब वो बस मेरे सामने ब्रा पैंटी में थी और उसका फिगर कयामत ही लग रहा था.
मेरा मन बोला कि अब देर मत करो राजा, बजा दो इसकी चुत का बाजा.
मैंने उसकी चूत सहलाते सहलाते उसकी पैंटी उतार दी और मैं बेड के नीचे बैठ गया.
उसको बेड के साइड पर करके उसकी चूत चाटने लगा और अपने होंठों से दाना चूसने लगा.
उसकी चुत चिकनी, गुलाबी और कोमल ऐसी थी, जैसे नयी नयी कली खिली हो.
मेरा देहाती लंड उसकी नन्हीं सी चूत के लिए लंबा और मोटा था.
मुझे पता था कि इसकी सांस अटक जाएगी और चुदने से मना कर देगी इसलिए मैं लंड को निक्कर में ही छोड़कर उसे गर्म करने में लग गया, उसकी चूत चाटने में लगा रहा.
वो ‘आहें …’ भरने लगी.
शुरू शुरू में तो उसने ज़्यादा कुछ रूचि नहीं दिखाई पर वो भी धीरे धीरे कामवासना में उतरती जा रही थी.
मैं उसकी चूत के दाने को चाटने में लग गया और उंगली उसकी चूत में डालने लगा.
मेरी तो उंगली ही अन्दर नहीं जा रही थी.
शायद वो एकदम कुँवारी थी या बहुत टाइम से चुदी नहीं होगी इसलिए अन्दर उंगली नहीं जा रही थी.
मैंने खड़े होकर अपना लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया और मैं उसकी ब्रा उतारने में लग गया.
मेरा लंड फनफना रहा था और चोदने को पूरा आतुर था. लंड 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था.
इतना बड़ा लंड देखकर वो डर गयी मगर समझ तो गयी ही थी कि आज पक्का चुदेगी.
मेरा लंड लंबा था और गर्म हो चुका था. वो भी गर्मा गई थी.
गर्म लोहा हो तो तुरंत हथौड़ा मार देना चाहिए.
बस मैंने वही किया.
इसके पहले पहले 12वीं क्लास में मैंने एक बार एक लड़की के साथ सेक्स की कोशिश की थी मगर वो लंड चूत में लेते ही डर गयी थी और चिल्लाने लगी थी.
उस वक्त मैं डर गया था और उसकी चुदाई नहीं की थी.
मैं उस दिन अनाड़ी था मगर वो मेरे लिए एक अनुभव देने वाला कांड था जिससे आज मुझे हिम्मत मिल गई थी.
वो मुझे मना करने लगी कि आज से पहले मैं कभी नहीं चुदी हूँ.
लेकिन मेरे पास चोदने का मन भी था … और पुराना अनुभव भी था.
मैंने अपना हाथ उसके हाथ पर रखकर उसे साहस दिलाया और उसके हाथ से अपना लंड सहलवाने लगा.
उसे भी थोड़ा मज़ा आने लगा.
मैंने इसके बाद उसके होंठों की तरफ लंड किया और उससे लंड चूसने का कहा.
उसने पहले तो ना कहा मगर फिर मान गई.
मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया और आगे पीछे करने लगा.
वो भी धीरे धीरे लंड चूसने लगी.
दो मिनट बाद ही मैं उसकी चूत पर मुँह लगा कर सैट हो गया और चुत चाटने लगा.
वो और उत्तेजित होने लगी.
अब उसकी भी चूत में आग लगी हुई थी.
वो बोली- अब मत तड़पाओ … अब डाल दो … मगर धीरे धीरे करना.
उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे. मैं अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर घुमाने लगा तो वो और तड़पने लगी.
मैंने तेल की शीशी से थोड़ा तेल उसकी चूत और अपने लंड पर गिराकर लंड का सुपारा घिसना शुरू किया.
उसकी चूत के छोटे छेद में लंड सैट करते करते मैंने धीरे से एक धक्का दे मारा.
तेल की चिकनाहट और उसकी चुदास से मेरा फनफनाता गर्म लंड उसकी कुँवारी गर्म चूत में घुस गया. मेरा लंड का थोड़ा सा हिस्सा ही अन्दर गया था क़ि वो चिल्लाने लगी.
टीना- आंह मम्मी रे … मैं मर गयी, मर गयी!
पर अभी मेरा पूरा लंड चूत में नहीं गया था. वो धीमे से रोने लगी और सुबकने लगी. उसकी कसमसाहट ज्यादा थी तो मैं रुक गया और उसे चूमने लगा.
टीना को चूमते चूमते मैं उसकी चुचियां दबाने लगा.
उसको अच्छा लगने लगा.
थोड़ा शांत होने पर वो मेरी आंखों में देखने लगी.
मैं उसकी मूक भाषा को समझ गया और उतने ही लंड को चुत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
वो मस्त होने लगी.
तभी मैंने अचानक से एक जोरदार धक्का से मारा और मेरा पूरा लंड चुत को चीरता हुआ अन्दर समा गया.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे वो फिर से रोने लगी. उसकी चुत से खून निकलने लगा.
ये देख कर वो डर गई और चुदाई के लिए मना करने लगी.
लेकिन मैं कभी धीरे कभी तेज उसकी चुदाई में लगा रहा.
फिर मैंने उसके मम्मे पकड़े और उसे जोर जोर से चोदने लगा.
धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ तो उसकी कामुक मुस्कान दिखने लगी.
अब मैं उसे ताबड़तोड़ चोदने में लग गया.
वो भी मस्ती में बोलने लगी- आह चोद दे मेरी जान … अब मुझे भी मज़ा आ रहा है … आंह और जोर से चोद.
मैंने उसे इस रूप में पहली बार देखा था. मैं उसकी चूत का भोसड़ा बनाने वाले शॉट मारता रहा.
कुछ देर बाद मैंने टीना को घोड़ी बनने को बोला, तो वो तुरंत घोड़ी बन गयी.
उसकी इस फुर्ती को देख कर समझ आ रहा था कि वो चुदने को आतुर थी.
मेरा भी ये पहला सेक्स था, जो किसी लड़की को पूरी तरह से चोदने का मौक़ा था.
टीना शहर से थी तो उसने पॉर्न फ़िल्में देख रखी थीं मगर वो अब तक चुदी नहीं थी.
पहली बार की चुदाई में अलग ही मस्ती होती है.
मैंने उसकी गांड पर ज़ोरदार थप्पड़ मारते हुए अपना लंड का सुपारा वापस टीना की गुलाबी चूत पर टिकाया और उसे वापस चोदना शुरू कर दिया.
वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी.
अब वो प्यार भरे स्वर में बड़बड़ाने लगी थी- आंह जानू … चोद दो … आह … अह … मजा आ रहा है.
करीब 20 मिनट की गर्मागर्म चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड चुत से निकाला और सारा माल उसके चूतड़ों के ऊपर छोड़ दिया.
झड़ने के बाद मैंने टीना की तरफ देखा, तो वो मादकता से मुस्कुरा रही थी.
हमारे बीच अच्छी चुदाई हुई थी.
रात का करीब एक बज गया था, हम दोनों थक तो गए थे पर मन अभी भी नहीं भरा था.
मैं उसकी चुचियां पकड़ कर दबाते हुए लेट गया.
हम दोनों ऐसे ही नंगे आपस में चिपके रहे.
उसके बाद मेरी जिन्दगी ही बदल गई.
मेरी असल चुदाई की ज़िंदगी उस दिन से शुरू हो गयी थी. मुझे टीना की चुत जब तब मिलने लगी थी.
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