चुदक्कड़ चूतों ne किया मेरा गैंग बैंग- 3

फार्म हाउस में चुदाई का जबरदस्त खेल शुरू हो चुका था. मेरे साथ तीन लड़कियाँ थीं. मैंने उन तीनों की चूत और गांड की ऐसी चुदाई की कि वो मेरे लंड की दीवानी हो गयीं.

दोस्तो, मैं अरमान अपनी गैंग बैंग चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर आ गया हूं.
मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
चुदक्कड़ चूतों ne किया मेरा गैंग बैंग- 2
में आपने पढ़ा था कि हम पांचों लोग हेतल के फार्म हाउस पर पहुँच गये थे.

वहां पर जाकर हमने थोड़ा आराम किया और तब तक हेतल भी आ पहुंची.
उसके आने के बाद खाना हुआ और फिर खेल शुरू हो गया. हम पांचों लड़के स्टेज पर उन चुदक्कड़ चूतों के बीच खड़े थे.

फिर एक एक करके सब एक दूसरे के साथ बिजी हो गये.
कोई किसी की चूत को चोद रहा था तो कोई किसी का लंड खा रही थी.

सब अपनी अपनी चुदाई में व्यस्त थे और किसी को किसी की परवाह नहीं थी.

अब आगे:

मैंने रागिनी से कहा कि अब वो मेरे मुंह पर चूत रखे और हेतल को लंड पर बैठने के लिए कहा. मैंने अपने आप को अब स्टेज के सिरे पर लिटा लिया था. मेरे चूतड़ अब स्टेज के अंतिम छोर पर थे.

अब रश्मि नीचे खड़ी होकर हेतल की चूत और लंड को आसानी से चूस सकती थी.
हेतल मेरी ओर पीठ करके लंड पर बैठ गयी.
रश्मि ने नीचे जाकर लंड को पकड़ लिया और हेतल की चूत में लंड घुसवाने के लिए मदद करने लगी.

हेतल ने उह्ह … करते हुए कहा- आह्ह … क्या बड़ा लंड है.
इतना कहकर वो लंड पर बैठने लगी.

थोड़ी मशक्कत करने के बाद हेतल की चूत ने मेरे लंड को निगल लिया. मैंने भी रागिनी की चूत चाटनी शुरू कर दी.

रश्मि नीचे खड़ी हुई मेरी गोटियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
उसके चूसने के अंदाज से ही पता लग रहा था कि वो कितनी चुदासी हो गयी है.

हेतल सिसकारियां लेते हुए जोर जोर से लंड पर ऊपर नीचे होने लगी.

रश्मि भी ऊह्ह … गूं उउ … की आवाज के साथ मेरी गोटियों को चूसे जा रही थी.

कुछ देर इसी पोजीशन में हेतल की चुदाई चली. फिर अचानक वो ऊह्ह … आह्ह करते हुए झड़ने लगी. इधर रागिनी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया जो मेरे मुंह में जाने लगा.

रागिनी की गांड और कमर झटके दे रही थी. फिर मैंने पोजीशन बदल ली. अब रश्मि को डॉगी स्टाइल में किया. रागिनी को नीचे लिटाकर रश्मि के साथ 69 किया जिससे दोनों की चूत एक दूसरे के सामने हो गयीं.

हेतल को मैंने पीछे आने का बोला तो वो मेरे पीछे आ गई और मैं रश्मि की चूत पर निशाना लगाने लगा.
मैंने हेतल को रश्मि की चूत चाटने के लिए कहा.

रश्मि की चूत मुझे हेतल की चूत से छोटी लग रही थी इसलिए मैं उसको पहले ही पूरी तरह से चिकनी कर देना चाह रहा था. हेतल ने रश्मि की चूत पर अच्छे से गीला किया.

मैंने फिर निशाना लगाया. पहले धक्के में मेरे लंड का टोपा ही जा पाया.
रश्मि ने आह्ह … की आवाज के साथ रागिनी की चूत से मुंह उठा लिया.

मैंने वहीं रुक कर उसकी चूत में लंड को आगे पीछे करना शुरू किया.
उसको मजा आने लगा.

फिर वो सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह … ये तो मेरी चूत को आज फाड़कर रख देगा.
इतना कहकर वो फिर से रागिनी की चूत में मुंह देकर चाटने लगी.

मैंने दूसरा धक्का लगाया तो मेरा 4 इंच लंड उसकी चूत में चला गया.
एक बार फिर से रश्मि की आह्ह … निकल गयी.

जब मैंने अगला झटका दिया तो इस बार पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो जोर से चिल्लाई- साले मादरचोद … फाड़ दी … आराम से नहीं कर सकता था क्या?

मैं बोला- जो होना था वो तो हो गया. अब तुम मजे लो.
मैंने हेतल को इशारा किया तो वो रश्मि की चूत को जीभ की नोक बनाकर छूने लगी और रश्मि चुदास से भर गयी.

अब मैंने रश्मि की चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और 2 मिनट के बाद ही उसको मजा आने लगा.

हेतल मेरी गोटियों को चूसने लगी.

रागिनी और रश्मि दोनों एक दूसरे की चूतों को चूस रही थीं.

रश्मि के मुंह से आह्ह … आह्ह … की आवाज करते हुए कहने लगी- साले दम नहीं है क्या? और जोर से चोद.
मैंने कहा- अभी कुछ देर पहले तो फट रही थी तुम्हारी. अब कम लग रहा है मेरा दम?
वो बोली- फटेगी तो फट जाने दे. बहुत दिनों के बाद ऐसा दमदार लंड मिला है. फाड़ दे आज मेरी फुद्दी को.

रश्मि की चूत से अब लगातार रस चू रहा था जिससे उसकी चूत हर पल चिकनी होती जा रही थी.
अब लंड आराम से उसकी चूत में गचक .. गचक हो रहा था.

मैंने उसको अपनी फुल स्पीड में चोदना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में वो अपनी चरम सीमा पर पहुंच गयी. उसकी चूत ने सारा पानी फेंक दिया.

मगर मैंने उसको तब भी नहीं छोड़ा. चुदाई को मैंने चालू रखा और बीच बीच में मैं लंड को निकाल कर पीछे हेतल और नीचे रागिनी को चुसवा देता था.

इस तरह से रश्मि फिर जोश में आ गयी.
रश्मि अब रागिनी की चूत में उंगली करने लगी थी.

हेतल को मैंने सामने खड़ी करवा लिया और उसके बूब्स को चूसने लगा.
20 मिनट के बाद रश्मि ने दूसरी बार पानी छोड़ दिया. इस बार मैंने तुरंत लंड को बाहर निकाल लिया और रश्मि की चूत के रस को रागिनी पीने लगी.

इतने में मैंने लंड को हेतल की ओर कर दिया. रस में भीगे मेरे लंड को हेतल जुबान से चाटकर साफ करने लगी.
1 मिनट के बाद मैंने रागिनी को उठाया और नीचे उतार दिया.

हेतल और रश्मि को अब मैंने स्टेज के स्टार्ट प्वाइंट पर चूत टिकाकर बैठने के लिए कहा.

रागिनी को मैंने खड़े खड़े ही हेतल और रश्मि की चूत चाटने के लिए कहा.

नीचे देखा तो प्रमिला, एकता के साथ वाला और अन्नू, डॉली के साथ वाला लड़का अपना पानी छोड़ चुके थे.
अर्चना के साथ वाला लड़का अभी भी लगा हुआ था.

प्रमिला, एकता, अन्नू और डॉली पेग बनाकर हमारी चुदाई देख रहे थे और अर्चना की नीचे चुदाई चल रही थी.

मैं पीछे होते हुए रागिनी की चूत में लंड सेट करने लगा.
रागिनी शायद रश्मि से ज्यादा चुदी थी और दो बार उसका पानी भी निकल गया था. इसलिए उसकी चूत ज्यादा चिकनी हो गई थी.

उसकी चूत में लंड अंदर धकेलते ही गप्प की आवाज के साथ अंदर चला गया. रागिनी को ज्यादा कठिनाई नहीं हुई.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर स्पीड को बढ़ा दिया.

रागिनी ने अपने मुंह और उंगली को काम पर लगा दिया.
वो उन दोनों की चूत चाटने लगी.

मुझे रागिनी ज्यादा चुदक्कड़ लग रही थी. मैं फुल स्पीड में रागिनी की चुदाई करने लगा. उसके बूब्स को मसलने लगा.
उसको बहुत मजा आने लगा. उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी.

तभी अन्नू और डॉली मेरे आस पास आकर, खड़ी होकर मुझे देखने लगीं और मेरी नज़र उनसे मिली तो पहले अन्नू ने मेरे मुंह में पेग का सिप दिया और फिर किस किया.

बाद में सेम डॉली ने भी किया और फिर बार में लगी टेबल पर जा कर बैठ गईं.
बाकी सभी भी वहीं बैठी थीं.

अर्चना भी अब वहीं बैठी थी. उसके साथ वाला लड़का भी अपना पानी निकाल चुका था. तीनों लड़के मुझे बड़ी हैरानी से देख रहे थे.

वो लोग आपस में बातें कर रहे थे कि पता नहीं क्या खाता है ये, इतनी चुदाई कर रहा है, किये जा रहा है.
एकता बोली- ये इनका कुत्ता है, इनके साथ ही रहता है. इसकी डाइटिंग और सब चीज अलग से हैं. चार साल की मेहनत के बाद इसको इस तरह से तैयार किया गया है.

10-12 मिनट की चुदाई के बाद रागिनी भी डिस्चार्ज हो गई और मुझे अभी पानी निकलने जैसा कुछ नहीं लग रहा था.

इसलिए मैंने अब रागिनी को भी हेतल और रश्मि की तरह ऊपर लेटने का बोला और तीनों की टांगें उठा कर उनकी गांड में मुंह डाल कर गांड के छेद को चाटने लगा.

मैं थूक लगाकर उनकी गांड के छेदों को चिकना करने लगा. बीच में हेतल लेटी हुई थी इसलिए उसकी गांड में जीभ लगी थी और उंगलियां बाकी दोनों की गांड में जा रही थीं. जो थूक उनकी गांड पर लगा था उसको मैं उंगली से अंदर तक फैला रहा था.

उनकी गांड के छेद को फैलाकर मैं बड़ा कर रहा था. बारी बारी से तीनों की गांड में उंगली चलाकर और चाट चाटकर उनकी गांड को चुदाई के लिए तैयार कर रहा था. तीनों की चूत फिर से पनियाने लगी थी.

उन तीनों की चूत से रिसता हुआ पानी भी मेरी मदद कर रहा था. उस रस को मैं उनकी गांड के छेद पर ही फैला देता था. वो तीनों मजे में अपनी गांड को उचका रही थीं.

फिंगरिंग करने के बाद मैं ऊपर चढ़ा और तीनों का मुंह सामने करके उनको डॉगी स्टाइल में झुका लिया. आगे जाकर मैंने लंड को उनके मुंह के सामने कर लिया.

वो बारी बारी से लंड को चूसने लगीं और गीला करने लगीं.
2-4 मिनट तक लंड को गीला करवाने के बाद मैंने हेतल की गांड पर निशाना लगाया.

हेतल ने भी खुद को गांड में लंड लेने के लिए तैयार किया.
उसकी गांड बड़ी और चिकनी होने से टोपा अंदर गया और हेतल ने अआह्ह्ह … की आवाज़ से लंड जाने का इशारा बाकी दोनों को भी दिया.

मैंने थोड़ी ताकत लगायी और 4 इंच लंड अंदर चला गया.

बाकी दोनों हेतल के बूब्स और होंठों पर किस कर रही थीं. हेतल की गांड में लंड उतरता चला गया.

रागिनी और रश्मि दोनों की गांड में मैं हाथ की उंगलियों से चुदाई करने लगा. हेतल अब पूरी तरह गांड में लंड लेने में मस्त थी.

रागिनी और रश्मि भी आह्ह … ऊह्ह करते हुए उंगली से चुदने का मजा ले रही थीं. 5-7 मिनट तक मैंने हेतल की गांड चोदी और फिर रागिनी की गांड पर लंड लगा लिया.

उसकी गांड थोड़ी छोटी थी तो मैंने धीरे से शुरुआत की और लंड को थूक में भिगाकर गांड में डालने लगा. रागिनी ने बिना कोई सवाल के गांड में लंड लेने के लिए खुद को सेट किया और मैंने उसकी गांड में लंड का जोर लगाया.

थोड़ी महनत के बाद लंड रागिनी की गांड में उतर गया. मैं रागिनी की गांड मारने लगा. कुछ देर तक उसकी गांड चोदी और फिर मैंने रश्मि की गांड पर भी थूक लगाया.

वो बोली- अरे फाड़ेगा क्या?
मैंने कहा- जब इन दोनों की नहीं फटी तो तुम्हारी कैसे फट जायेगी?
वो हेतल से बोली- भाभी, इसने आपकी गांड कैसे मारी?

हेतल बोली- बहुत मस्त चोदता है. एक बार चुदकर देख.
रश्मि बोली- दर्द होगा.

हेतल और रागिनी बोली- दर्द तो चूत में भी हुआ था. अब तो हर जगह मजा आ रहा है.

रश्मि ने दोनों की बात को मान कर कहा- चलो, आज गांड का भी उद्घाटन करवा लेती हूं.

मुझे बहुत दिनों के बाद एक कुंवारी गांड मिली थी. इसलिए मैं सावधानी से डालने वाला था.
मैंने डॉली से कहा- मुझे एक पैग बनाकर दे.

डॉली ने अपना पैग मुझे दे दिया और बोली- देख अरमान, आज तेरी किस्मत में बिन चुदी गांड भी लिखी हुई थी.

मैंने मुस्कराकर उसका जवाब दिया और व्हिस्की को रश्मि की गांड पर डाला. फिर अपने लंड को भी व्हिस्की में तर कर लिया.
उसके बाद मैंने रश्मि की कुंवारी गांड पर निशाना लगा दिया.

धक्का देने लगा तो टोपा ही गया था कि रश्मि चिल्लाने लगी.
मैंने खुद को वहीं रोक लिया. अब मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.

2 मिनट के बाद मैंने फिर से जोर लगाया.
फिर लंड को उसी जगह पर रोके रहा और अपने लंड की शाफ्ट पर थूक दिया.

लंड को चिकना करके मैंने फिर से धक्का लगाया. मेरा लंड रश्मि की गांड को चीरता हुआ अंदर चला गया.

मैंने रश्मि को कसकर पकड़ रखा था वर्ना वो नीचे ही गिर जाती. कुछ देर मैं ऐसे ही लंड को अंदर रखे रहा. फिर रश्मि की पीठ पर किस करने लगा.

रश्मि सिसकारने लगी.
अब मैंने मौका देखा और उसकी गांड चुदाई चालू कर दी.

रश्मि को अच्छा लगने लगा. मैं अब स्पीड बढ़ाता चला गया. कुछ देर चोदने के बाद मैंने लंड को निकाला और हेतल की गांड में पेल दिया.

हेतल की गांड खुल चुकी थी. डालने के साथ ही मैं स्पीड में उसकी चुदाई करने लगा.

उन तीनों का मुंह बाकी बैठे लड़कों और लेडीज की ओर था.
सब तीनों को कमेंट्स कर रही थीं- शाबाश रंडियो … गांड में भी पूरा लो ये मूसल … फड़वाओ अपनी अपनी गांड … चुदो रंडियो.

इधर ये तीनों बोल रही थीं- ओह्ह … कितना दमदार लंड है यार, थक ही नहीं रहा है. ये कुत्ते देखो कैसे थक कर बैठ गये हैं.

मैं बारी बारी से तीनों की गांड बजा रहा था. काफी देर तक गांड चुदाई करने के बाद मेरा छूटने को हो गया.

मैंने तीनों को अपने लंड के सामने करके लंड उनकी तरफ बढ़ाया तो तीनों किसी भूखे जानवर की तरह लंड पर मुंह मारने लगीं.
मैं अब पूरा पसीने में भीगा हुआ था.

हेतल, रश्मि और रागिनी को मैंने कहा- क्रीम कहां लोगी?
नीचे से सबने कहा- तीनों थक गई हैं चुदाई से, उनको थोड़ा प्रोटीन पिला दे.
हेतल ने कहा- मुंह में दो.

इस पर फिर रश्मि ने भी मुंह खोल दिया. दोनों को देखकर रागिनी ने भी अपना मुंह खोल लिया. मैं लंड को तेजी से हिलाने लगा. उन तीनों ने कुतिया की तरह अपनी जुबान को बाहर कर लिया था.

हेतल लंड के ठीक सामने और बीच में थी. तभी लंड से जोर की पिचकारी निकली. वो सीधे हेतल के मुंह में गयी. दूसरी पिचकारी रागिनी के मुंह में और फिर रश्मि का बंटवारा भी कर दिया मैंने.

उनके बूब्स पर माल को गिरा दिया जिसको उन्होंने अपने बूब्स पर फैला लिया. मेरा लंड खाली हो चुका था. मैं अपने लंड को पकड़ कर खड़ा रहा. सिकुड़ते हुए लंड से वीर्य की बची हुई बूंदें बाहर आ रही थीं.

उन तीनों के लिए ये ऐसे था जैसे वो बहुत दिनों की भूखी हों और उनके लिए खाना बंट रहा हो.

बस इसी तरह से सेक्स का खेल चलता रहा.
कहानी पर अपनी राय देना न भूलें.
gigololove55@gmail.com

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