जैसा की आपने पिछली कहानी भाभी सेक्स स्टोरी में पढ़ा की भाभी की पैंटी में मैंने मुठ मारदी और भाभी ने मुझे पकड़ लिया!
मैं घबरा गया था मैंने कुछ न बोलना ही बेहतर समझा और आँखों में आंसू लेकर वंहा से चला गया!
भाभी ने मुझे नहीं रोका क्युकी गलती मेरी थी ! मुझे दुःख तो हुआ पर पसंद तो पसंद थी मेरा भाभी के ऊपर से अट्रैक्शन नहीं गयी!
कुछ दिन मैं ऐसे ही मुँह बनाके घूमता रहा और एक दिन भाभी ने मुझे बोला देखो ऐसा नहीं चलेगा!
मैं चुप रहा और भाभी ने बोला गलती हुई थी अब भूल जाओ उस बात को और आगे से ध्यान रखना!
मैंने भी ठीक हैं बोलकर माफ़ी मांगी और सब नार्मल गया था!
भैया काफी दिनों से बहार थे तो एक दिन मैंने देखा भाभी भैया वीडियो कॉल पर बात कर रहे हैं!
भाभी भैया को बार बार बोल रही थी प्लीज मुझे अपना दिखाओ बहुत दिनों से नहीं देखा!
लेकिन भैया के पास समय नहीं था वो काम में बहुत व्यस्त थे तो उन्होंने नहीं दिखाया और कहा जब समय मिलेगा तब कॉल करूँगा और कॉल काट दिया!
भाभी को गुस्सा आ गया था क्युकी भाभी को शक था की भैया वंहा अपनी सेक्रेटरी के साथ मजे कर रहे हैं!
महीना बीत गया था भैया ने कम से कम एक या दो बार कॉल किया होगा!
भाभी बेबस थी उन्हें अब सेक्स चाहिए था और मैं देखने लगा था वो टाइमपास करने के लिए मेरे पास ही बैठी रहती हैं!
इतने समय में मेरी भाभी को लेकर फीलिंग्स नहीं गयी थी पर मैं भाभी को परेशान भी नहीं करना चाहता था!
एक दिन भाभी कपड़े बदल रही थी तो फिरसे वही जल्दीबाजी में वो अपनी कच्छी वही अपने रूम में छोड़ गयी!
वो पास वाले केमिस्ट से दवाई लेने गयी थी मुझे ये बात नहीं पता थी मैं भाभी को घर में ढूंढ रहा था!
आखिर में मैं भाभी के रूम में गया जंहा मैंने देखा उनकी नई लाल रंग की पैंटी जमीन पर गिरी थी!
मेरसे रहा नहीं गया मैंने पैंटी उठाई और सूंघने लगा ओह्होओओओ जो महक आ रही थी मन कर रहा की आज भाभी को पटक के चोद दूँ!
मैं फिरसे मुठ मारने लगा भाभी के बेड पर वो भी उनकी पैंटी सूंघकर!
भाभी थोड़ी देर के लिए बहार गयी थी इसीलिए मैन गेट पर कुण्डी नहीं लगी थी!
मैं मुठ मरता गया की तभी भाभी अंदर आ गयी और मेरी हालत खराब हो गयी की अब क्या होगा?
भाभी अंदर आयी दरवाजा बंद किया अपना टॉप उतरा, लाल ब्रा उतारी, और फिर जीन्स उतार दी जिसके निचे पैंटी नहीं थी!
वो पूरी नंगी हो गयी और मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे हाथ से उनकी पैंटी छीनी और सुंग कर निचे फेक दी!
मुझे कुछ समज नहीं आया की ये क्या हुआ? पर समझना भी नहीं था जो हो रहा था बहुत अच्छा था!
उन्होंने मेरे बड़े लंड को पकड़ा और चूसने लगी मेरी तो आंखे बंद हो गयी मदहोशी में मजा आने लगा था!
थोड़ी देर लंड चूसा फिर वो मर्रे लंड पर बैठ गयी और चूत लंड में घुसा दिया!
अह्ह्ह क्या गरम चूत थी उसकी मजा सा आ गया मुझे तो!
मुझे कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ी वो खुद ही मेरे लंड पर कूद रही थी मानो बहुत बुखी हो!
मैंने उनके बूब्स पकड़ने की कोशिश करि तो उन्होंने मेरे हाथ पर थप्पड़ मारा फिर कुछ देर बाद खुद मेरे हाथ पकड़ कर बूब्स पर लगवाए!
मैं समज नहीं पा रहा था क्या कर रही हैं वो पर मजा आ रहा था मुझे मेरा लंड गरम चूत के मजे ले रहा था!
भाभी का चेहरा जो हर झटके के साथ आह आह कर रहा था, उनके बूब्स जो उछल रहे थेो और पसीने उनके मोटे बूब्स पर आ रहा था!
मेरे दोनों हाथ उनके बूब्स दबा रहे थे और इतना गरम माहौल में मेरा माल निकल गया आह मजा आ गया!
वो उठी तो मैं उन्हें किस करने गया पर उन्होंने नहीं किया समज नहीं आया!
मैंने कहा ये क्या हैं? उन्होंने कहा तेरे भैया मुझे इगनोर कर रहे हैं!
मुझे सेक्स चाहिए और तुझे भी मैंने तो आज देखा तेरा लंड इतना बड़ा मोटा हैं वरना पहले आ जाती!
और हां किसी को बताने की जरुरत नहीं हैं और सेक्स मेरी मर्जी से होगा जब मैं चाहु!
मैंने ठीक हैं कहा अब मुझे समज में आया वो अपनी मर्जी से चाहती थी तभी उन्होंने मेरे हाथ पहले रोके फिर खुदसे मेरे हाथ बूब्स पर लगाए!
वो मुझसे नाराज थी की मैं उनकी पैंटी पर मुठ मरता हूँ पर वो मेरे लंड को देखकर रह भी नहीं पाई!
सेक्स बेशक उसकी मर्जी से होता था पर हर दिन होने लगा जिससे मुझे कोई एतराज नहीं था!