बदला पार्ट 13

लेखक- सीमा सिंह

जैक ने अत्यधिक जोश में आकर प्रीति के दोनों नितम्बों को कस के पकड़ लिया और अपना मुंह से जीभ बाहर निकाल के उसकी चूत के अन्दर जोश में धकेलना शुरू कर दिया।

जैक अपनी बड़ी सी जीभ से प्रीति की चूत की गहराई को अन्दर छूते हुए महसूस कर सकता था, उसके मखमली चूत और गीले दीवारों को जैक अपनी जीभ के चारों ओर लिपटा हुआ महसूस कर सकता था।

जैक अपनी जीभ से प्रीति की चूत को चोद रहा था, यूं ही दस मिनट तक लगातार वो दोनों एक दूसरे को चोदते रहे थे, प्रीति बीच बीच में जैक के लंड को बाहर निकाल कर लंड का सर चाटने लगी, जैसे कोई आइसक्रेम हो।

अब जैक ने अपने लंड को प्रीति से छुड़ाया, जो उसकी लार से गीला था, उसके होंठों को चूमा और अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया।

तभी जेनिफर ने जैक को रुकने का इशारा किया जेनिफर की आवाज सुनकर जैक रुक गया जेनिफर ने एक तेल की शीशी जैक को दी और नीचे लेटी हुई प्रीति के पास आ गई।

और उसके कान मैं बोली दर्द सहन कर लेना, जैक को बिल्कुल भी हटाने की कोशिश मत करना जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी बोली उससे, यह सुनकर प्रीति ने अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ किया।

और बेड की किनारी को दोनों हाथों  से पकड़ लिया, जैक ने अपने लंड पर ऑयल लगाया और काफी सारा ऑयल प्रीति की चूत के अंदर भी लगा दिया और प्रीति को देखने लगा।

प्रीति ने हां में सिर हिलाया और जैक ने लंड को उसके अन्दर धकेल दिया, लंड चूत के कुछ अंदर गया और फस गया, वो उसकी झिल्ली को तोड़ नहीं पाया पर झिल्ली खीच गई थी।

प्रीति के मुंह से चीख निकल गई उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मां मर गईईईईई तभी जैक ने और लंड अंदर धकेला तो लंड का सुपाड़ा झिल्ली को तोड़ता हुआ अंदर चला गया।

प्रीति के मुंह से और तेज चीख निकली उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मां मर गईईईईई उसकी आंख से आसू किसी नदी में आई बाड़ की तरह बहने लगे।

उसने किनारी को और जोर से पकड़ लिया जैसे उसे तोड़ ही डाले गी, प्रीति अपने मन में जल्दी जल्दी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी बोले जा रही थी।

जैक कुछ पल रुका और प्रीति को शांत होने दिया जब वो शांत हुई तो वो धीरे धीरे करके अपने लंड को प्रीति की चूत के अंदर उतारने लगा, प्रीति अभी भी रो रही थी।

और चीख रही थी उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह

फिर भी वो दर्द सहन कर रही थी पर जैक को नहीं रोक रही थी।

प्रीति की चूत कुंवारी थी, इसलिए कसी हुई थी, उसकी चूत की दीवारों ने लंड को ऐसे जकड़ लिया, जैसे कोई रेशमी मुट्ठी हो, जैक ने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

और प्रीति की चूत की दीवारों का घर्षण शुरू हो गया, इस घर्षण से जो सुख प्राप्त हुआ, वह अति आनन्द देने वाला था, जैक का लंड धीरे धीरे उसकी चूत की गहराई में जाने लगा।

घर्षण शुरू होते ही प्रीति ने किनारी को छोड़ा और जैक को कस कर पकड़ लिया, अपनी टांगों को जैक की कमर में नागिन की तरह लपेट लिया, अपने नाखूनों को जैक की पीठ में घुसा दिया।

जैक का शरीर आनन्द में तड़पने लगा, उसका लंड प्रीति की चूत की गहराई में धीरे-धीरे समाने लगा और अंत में उसे प्रीति के गर्भमुख को छूने का अनुभव हुआ।

अप्सरा की तरह सुंदर प्रीति तड़पने लगी और जैक को नोचने लगी, जैक का लंड पूरा उसकी चूत के रस से गीला हो चुका था, फिर उसने अपने लंड को ऊपर की तरफ खींचा और फिर से अन्दर धकेला।

प्रीति को चूत में बहुत दर्द हो रहा था उसकी सांसें बहुत गर्म हो चुकी थी,

उसके मुंह से कराहने की आवाज आने लगी आअअ आआह इइइ उउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्।

जैक ने धीरे धीरे गति बढ़ाना शुरू की, लंड को चुत में अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा, जैक का लंड प्रीति की चूत के अन्दर चुदाई कर रहा था।

प्रीति अपने मन में जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी बोले जा रही थी, उसे चूत में दर्द महसूस हो रहा था उसने अपने बड़े-बड़े नाखून जैक की पीठ में घुसा दिए ।

और अपने मुंह के दातों से जैक की गर्दन और कंधे पर काटने लगी, काटने का दर्द और कुंवारी चूत को चोदने का सुख का अनुभव जैक को एक साथ हो रहा था जो अकल्पनीय था।

प्रीति की गर्म सांस उसे महसूस हो रही थी, जैक ने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उसका रस पान करने लगा,  और नीचे उसका लंड धीरे धीरे उसकी चूत की चुदाई कर रहा था।

जैक महसूस कर सकता था कि उसका लंड उसके गर्भाशय को छू रहा है, प्रीति की चूत किसी भट्टी की तरह गर्म थी, उसकी गर्म और गीली चूत के अन्दर उसका लंड किसी गर्म इंजन के पिस्टन की भांति जो पूरी तरह गीला हो।

उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा, उसका गर्म पिस्टन उसकी गीली गर्म चूत की दीवारों के अन्दर घिस रहा था, इस गर्म पिस्टन और चूत के दीवारों में जो घर्षण हो रहा था ।

उससे उन दोनों के शरीरों में जोश एवं सुख की तरंगें फैल रही थी, लेकिन प्रीति दर्द से अभी भी कराहा रही थी, जब भी जैक प्रीति के स्तनों के निपल्स को अपने दांतों से पकड़ कर ऊपर खींचता।

उसकी चूत की दीवारें जैक के लंड को और तेजी से जकड़ लेती, जिससे जैक का आनन्द दोगुना हो जाता, ऐसा उसने कई बार किया, फिर जैक ने अपना लंड प्रीति की चूत से बाहर निकाला।

जो उसकी चूत के रस और खून से पूरी तरह गीला हो चुका था, जैक ने जेनिफर की तरफ देखा और जेनिफर ने उसके लंड को देखा और एक साफ कपड़ा जैक को दे दिया।

जैक ने अच्छी तरह से अपने लंड को साफ किया और फिर अपने ही हाथ से उसने प्रीति की चूत को भी साफ किया, फिर जैक ने अपने लंड पर और ऑयल लगाया और प्रीति की चूत पर भी।

फिर जैक ने प्रीति को कुतिया बनने का निर्देश दिया, वह कुतिया की पोजीशन में आ गई, फिर जैक ने अपना लंड उसकी चूत के छेद में टिकाया और धीरे से पूरा पेल दिया।

लंड एक झटके में चुत में घुसा तो उसकी आह निकल गई उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह पर प्रीति पूरी ब्रेनबॉस थी तो लंड का झटका सहन कर गई।

जैक धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा, फिर उसने स्पीड बढ़ाई तो फट फट की कामुक कर देने वाली आवाज पूरी रूम में गूंज रही थी, बीस सेकेंड में ही प्रीति जोर से चिल्लाने लगी।

आहह ह्ह्ह् ऐसा मत कीजिए उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मुझको बहुत दर्द हो रहा है, मेरे साथ आजतक कभी किसी ने नहीं किया।

ये सुनते ही जेनिफर ने जैक को धीरे धीरे चोदने का इशारा किया तो जैक प्रीति को धीरे धीरे चोदने लगा, उसने हाथ आगे से डालकर उसकी स्तन पकड़ ली और मसलने लगा साथ में निपल्स मींजने लगा।

दस मिनट के बाद जैक ने अपना लंड प्रीति की चूत से बाहर निकाला और बेड के किनारे नीचे पैर करके बैठ गया, फिर उससे बोला मैं बहुत देर से तुम्हारी चुदाई कर रहा हूं।

अब तुम मेरा साथ दो और मेरे ऊपर आकर मेरे लंड की सवारी करो, प्रीति समझ गई कि जैक किस पोजीशन की बात कर रहा है, बस वह उठी और लंड पर आकर उसने अपनी चूत को लंड से लगा लिया।

लंड को आहिस्ता आहिस्ता अन्दर लेने लगी और फिर धीरे धीरे से जैक के लंड की सवारी करने लगी, प्रीति के बूब्स जैक की छाती से चुपके हुए थे, और साथ ही दोनों के होठ मिले हुए थे।

इसी तरह जैक ने प्रीति को कई और पोजीसन में चोदा, जब जैक झड़ने के करीब आ गया तो उसने अपना लंड प्रीति के मुंह में डाल दिया और झड़ गया।

प्रीति उसका सारा वीर्य पी गई, उसके बाद  जैक बाथरूम में चला गया, जेनिफर प्रीति के पास में आ गई।

जेनिफर के पास आते ही प्रीति ने उसे अपने गले से लगा लिया और फूट फूट फूट कर रोने लगी प्रीति रोते हुए जेनिफर से बोली मैंने आज जो किया है वह बहुत-बहुत गलत है।

जेनिफर ने उससे कुछ नहीं कहा वह प्रीति को अपने शरीर से चिपकाए हुए उसके बालों में हाथ फेर कर उसे चुप करा रही थी पांच मिनट तक प्रीति रोती रही।

और उसे कहती रही थी यह सब गलत था जब वह कुछ शांत हुई तब जेनिफर उससे बोली अगर तुम्हें यह सब गलत लगता है तो तुम अगली बार मत करना।

मैं जयंती देवी जी से बोल दूंगी के प्रीति इस काम के लिए तैयार नहीं है आश्रम और जयंती देवी के बारे में सोचते ही प्रीति को अपना श्रमदान याद आ गया।

प्रीति ने रोना बंद कर दिया और बोली में कुछ देर के लिए बहक गई थी कृपया तुम जयंती देवी जी से कुछ मत कहना मैं अपना श्रमदान पूरा कर कर ही रहूंगी और आगे भी श्रमदान करूंगी।

प्रीति ने अपने आंसू पोछे तभी जेनिफर ने उसके कान में धीरे से कहा जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी यह सुनकर प्रीति के शरीर में फिर से एक ताजा उमंग आ गई।

जैक के बाथरूम से बाहर आने के बाद प्रीति बाथरूम में चली गई उसके बाथरूम से बाहर आने के बाद वह बेड पर लेट गई और कुछ पल बात जैक उसके पास आ गया और उससे बातें करने लगा।

बाते करते करते दोनों के होंठ आपस में मिल गए और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे दोनों की बॉडी आपस में रगड़ खा रही थी और जैक का लंड प्रीति की जांघों से चिपक कर रगड़ रहा था।

पांच मिनट के बाद जैक ने प्रीति को अपने ऊपर कर लिया और उसके लबों का रसपान करते हुए नीचे से अपने चूतड़ों को उछाल उछालकर प्रीति की चूत को धीरे-धीरे चोद रहा था।

वो प्रीति की चूत में अभी उतना ही अंदर लंड डाल रहा था जितना प्रीति आराम से सहन कर पा रही थी, प्रीति भी बड़े मजे से जैक के साथ चूदाई का मजा ले रही थी।

जेनिफर के समझाने के बाद उसे अब कोई आशंका नहीं रही थी वह जैक के बड़े मोटे लंड से चूदाई का मजा ले रही थी पर उसे अभी भी अपनी चूत में बहुत दर्द हो रहा था।

कई पोजीशन में धीरे धीरे चोदने के बाद जब जैक को लगा कि अब उसका लंड कुछ और मिनट ही उसे चोद पाएगा,‌ तो जैक ने प्रीति को करवट के बल लिटा दिया।

और उसके दोनों पैर मिलाकर पेठ के पास कर दिए, और अपने उंगली से कुछ ऑयल उसकी चूत के अंदर लगा दिया और अपने लंड पर भी ऑयल लगा लिया।

और खुद करवट के बल लेट कर अपने लंड को धीरे धीरे प्रीति की चूत में पूरा उतार दिया, और एक हाथ बेड से चिपकी उसकी कमर के बीच में डाल कर उसकी कमर को कस के पकड़ लिया।

और दूसरे हाथ से प्रीति की ऊपर की हिस्से में जो कमर थी उसे भी कस के पकड़ लिया, प्रीति की चूत अब तक जैक के लंड की आधी हो चुकी थी।

पर हार्ड चूदाई के लिए अभी तैयार नहीं थी, जैक ने इस बार धीरे धीरे नहीं किया उसने तेज तेज धक्के मारे तो प्रीति ने चीखते हुए अपनी पोजीशन छोड़ दी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस बदला कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton

Leave a Comment