लेखक- सीमा सिंह
चंचल के चूतड़ों पर पढ़ते धक्कों की रफ्तार चंचल पर सहन नहीं हुई और बीस मिनट बाद की पोजीशन कुछ बदल गई तो वह कुछ आड़ी टेढ़ी सी लेट गई अब चंचल अच्छा डॉगी स्टाइल में नहीं रही थी।
जैक ने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था वह वैसे ही चंचल की चूत को चोदता रहा और जैक ने अपनी रफ्तार को कम नहीं होने दिया, उसे चंचल को इस तरह चोदने में बहुत मजा मिल रहा था।
वह किसी और अवस्था में अब चंचल को नहीं चोदना चाहता था, क्योंकि चंचल के मुलायम नितंबों की थाप जैक को बहुत उत्तेजित कर रही थी, पर चंचल की चूत में अब जलन होने लगी थी।
चंचल से अब चूत में और लंड नहीं लिया जा रहा था फिर भी वह दर्द सहन करके मन में जय शकुंतला देवी बोल रही थी, और अपनी चूत को और चुदने के लिए हिम्मत दे रही थी।
जेनिफर चंचल के चहरे को देखकर सब समझ गई और उसके पास आई और उसके कान में बोली जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी, चंचल अपने मन में यह सब सुन रही थी ।
पर जैसे ही उसने जेनिफर के मुंह से यह सुनाओ उसके शरीर में एक ताकत आ गई उसने अपनी हालत को थोड़ा सा बेहतर किया और फिर से कुतिया बन गई।
तीस मिनट के बाद चंचल कुतिया बनी हुई थक चुकी थी, जैक ने अपना लंड बाहर खींचा और चंचल को पेठ के बल लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को मिला दिया।
चंचल के ऊपर आकर चंचल की चूत और अपने लंड पर ऑयल लगाया और फिर से तेज तेज चंचल की चूदाई करने लगा, 15 मिनट के बाद दोनों के शरीर पसीने से तर हो चुके थे।
फिर भी जैक ने चंचल पर बिल्कुल रहम नहीं दिखाया और उसे चोदता रहा, इस पोजीशन में ये चूदाई पूरी 45 मिनट तक चली क्योंकि जेनिफर ने जैक को एक गोली खिला दी थी।
जिसके कारण जैक चंचल को चोद पा रहा था, जैक ने अपना सारा वीर्य चंचल की चूत में छोड़ दिया और और पलंग से खड़ा होकर सोफे पर लेट गया चंचल की हालत काफी खराब हो चुकी थी।
जेनिफर खड़ी हुई और चंचल के सारे कपड़े उठाकर उसे पहनाने लगी, चंचल होश में तो थी पर ठीक थी कपड़े पहनने के बाद जेनिफर ने चंचल को बिठाया और पीने के लिए पानी दिया।
और 10 मिनट बाद चंचल से पूछा क्या तुम चल सकती हो नीचे तक, चंचल खड़ी हुई और चंचल ने हां मैं अपना सर हिला दिया, इतने में जेनिफर जैक से बोली सर पेमेंट।
जैक सोफे से खड़ा हुआ और बैग से ₹ 100000 कैश निकाल कर दिए, चंचल ने वह रुपए अपने हाथ में ले लिया उसके चेहरे पर एक अलग खुशी थी उसे लग रहा था।
कि उसने आश्रम के लिए एक महान काम किया है, फिर बहुत धीरे-धीरे चलते हुए कार में आ गई, अभी सुबह होने में काफी टाइम था फिर वह आश्रम पहुंच गए।
आश्रम में आने के पांच रास्ते थे तीन तो गेट थे उनका सभी अनुयाई और आश्रम के लोगों को पता था, एक पिछला रास्ता था उसके बारे में भी सबको पता था पर एक और रास्ता था।
इसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे यह रास्ता जंगल से होकर निकलता था इसी रास्ते का इस्तेमाल जेनिफर कर रही थी इससे आश्रम मैं किसी को भी उसके कारनामे का पता नहीं चलने वाला था।
नई बिल्डिंग में पहुंचकर जेनिफर ने चंचल को उसी कमरे में पलंग पर लेटा दिया, तभी एक लेडिस वहां पर आई यह लेडिस एक डॉक्टर थी, जयंती ने इस काम के लिए इसे राजी कर लिया था।
उस डॉक्टर ने चंचल की हालत देखी और उसे एक बोतल ग्लूकोज की चढ़ाने लगी इस बोतल के असर से चंचल बिल्कुल सही हो जाएगी, और फिर उसके शरीर के अंगों की सही से जांच करने लगी और उनका भी ट्रीटमेंट करने लगी।
अगले दिन शाम को 5:00 चंचल जब जयंती के सामने आई तो उसे देखकर यह कोई भी नहीं कह सकता था कि कल रात इसके साथ क्या-क्या हुआ है ?
वह पहले की ही तरह लग रही थी, जयंती में चंचल का हौसला बढ़ाया और उससे बोली जेनिफर देवी बता रही थी कि तुम सबसे बेहतर हो अभी तक जितनी भी लड़कियां उसे मिली थी आश्रम के इस काम के लिए।
यह सुनकर चंचल गुब्बारे की तरह फूल गई, और सोचने लगी कि मैंने कितना महान काम किया है, उस दिन आश्रम में चंचल का बिहेवियर नॉर्मल रहा फिर अगले दिन भी चंचल का बिहेवियर नॉर्मल रहा।
मंगलवार की सुबह 8:00 बजे चंचल आश्रम से अपने घर के लिए निकल गई उसे अपने आप पर बहुत गर्व हो रहा था, उधर जेनिफर अपनी बदले की पहली सीढ़ी चड़ चुकी थी।
उसे विश्वास था अगर सब कुछ सही से चला तो वह अपना बदला ले लेगी, 11 जुलाई 2019 शाम के 5:00 बजे शकुंतला देवी आश्रम के गेट से प्रताप सिंह चौहान की छोटे बेटे कुश की बीवी वर्षा आश्रम में अंदर आ रही थी।
वर्षा की शादी भी ढाई साल पहले उसी दिन हुई थी जिस दिन चंचल की शादी हुई थी, चंचल किसी अप्सरा से कम नहीं लगती थी, वो गोरी थी, उसकी हाइट 5 फीट 3 इंच, वजन 51 किग्रा, ब्रेस्ट साइज 35 इंच, वेस्ट साइज 27 इंच, हिप्स साइज 36 इंच था।
उसके बूब्स बहुत बड़े और कसे हुए थे, आप कह सकते हैं कि अगर वह अपनी ब्रा उतार दे तो उसके बूब्स बिल्कुल लटकती नहीं है वह पूरे तने हुए मतलब खड़े ही रहते हैं।
वर्षा के वृक्ष को देखकर किसी भी लड़के, मर्द यहां तक की बूढ़ों का अपने पेंट के अंदर ही पानी निकल जाया करता था, और हर किसी का सपना होता था।
जिंदगी में एक बार वर्षा के बूब्स के दर्शन हो जाए, कई लोग तो मन ही मन मैं इमेजिनेशन कर लेते थे कि वो वर्षा के बूब्स को अपने हाथ से मसल रहे है और वर्षा के निपल्स चूस रहे है।
वर्षा अंदर आई और फिर जयंती देवी से मिली जयंती देवी बोली आज रात के लिए तुम तैयार हो तो वर्षा ने अपना सर हां में हिला दिया और अपनी सहमति दे दी।
रात को 8:30 बजे खाना खाने के बाद वर्षा जेनिफर के साथ निकल गई जेनिफर उसे भी उसी बिल्डिंग में ले गई बिल्डिंग में वह चंचल को लाई थी पर इस बार वह उसे एक दूसरे कमरे में ले गई।
यह कमरा वर्षा का था जेनिफर ने चारों के लिए अलग-अलग कमरे का इंतजाम किया था, पहले उसने वर्षा को नंगा किया और वर्षा की जांच करने लगी।
जेनिफर ने देखा की वर्षा की चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद वर्षा ने आश्रम आने से पहले जब वो नहा रही होगी तभी अपनी चूत साफ की होगी।
फिर जेनिफर ने एक हरे रंग की पैंटी वर्षा को दी, वर्षा ने जेनिफर के हाथ से पैंटी ली और पहन ली, पैंटी पहन कर वर्षा अपने आप को शीशे में देखने लगी।
वर्षा के गोरे जिश्म पर ये हरे कलर की पैंटी बहुत सुंदर लग रही थी, कुछ देर अपने आप को देखने के बाद वर्षा ने जेनिफर की ओर फिर से अपना हाथ बड़ा दिया।
चंचल जेनिफर से अपने लिए ब्रा मांग रही थी, पर जेनिफर ने उसके हाथ पर हाथ रखा और नीचे करके जय शकुंतला देवी बोल दिया, वर्षा ने भी जय शकुंतला देवी बोल दिया।
और वर्षा ने अब आगे कुछ नहीं किया, फिर जेनिफर ने वर्षा का हल्का सा मेकप किया, वैसे वर्षा इतनी खुबसुरत थी की अगर जेनिफर उसे बिना मेकप के भी ले जाती तो कोई अंतर नहीं आता।
मेकप करने के बाद जेनिफर ने वर्षा के लिए एक ड्रेस हुटाई, जेनिफर ने उस दिन चंचल को एक मैडी पहनाई थी मैडी पहनाने का एक खास उद्देश्य था क्योंकि चंचल के नितंब काफी सिटोल थे।
और वह उसकी सबसे बड़ी खासियत थे, मैडी में चंचल के नितंबों का आकार साफ-साफ दिखाई दे सकता था इसलिए जेनिफर ने उसे मैडी पहनाई थी उस दिन।
पर वर्षा की खासियत उसके बूब्स थे जिन्हें देखकर कोई भी उसका दीवाना हो सकता था इसीलिए जेनिफर में इस पर अपना फोकस किया।
और वर्षा को एक ड्रेप्ड सेक्विन पार्टी ड्रेस यह ड्रेस पूरी हरे रंग की थी जिसमें उसकी खूबसूरती निकल कर बाहर की ओर दिख रही थी।
इस ड्रेस का क्लीवेज इतना बड़ा और शानदार था जिसकी वजह से वर्षा के वृक्ष और भी सुंदर दिख रहे थे उनका आकार सामने वाले को साफ साफ दिखाई दे रहा था।
और उसके बूब्स की दरार और उसमें से हल्के से उसके स्तनों की झलक बहुत ही आकर्षित लग रही थी, वर्षा को इस ड्रेस में देखकर किसी भी मर्द का मन इस समय उन्हें छूने का कर देता।
वर्षा ने अपनी लाइफ में कभी भी इतनी रिबेलिंग ड्रेस नहीं पहनी थी, उसे बहुत शर्म आ रही थी, तभी जेनिफर बोली जय शकुंतला देवी।
जेनिफर के मुंह से जय शकुंतला देवी सुनकर वर्षा ने भी जय शकुंतला देवी बोलकर उन सब विचारों को अपने मन से निकाल दिया और बाहर जाने के लिए खड़ी हो गई।
कुछ ही देर में वह दोनों पहले ही वाले फार्म हाउस पर गए जेनिफर ने चंचल की ही तरह वर्षा को भी सब कुछ समझाया और सच बोलने को कहा।
जेनिफर चंचल को एक कमरे में ले गई यह कमरा अलग कमरा था जिस कमरे में जेनिफर ने चंचल को चुदवाया था उसके पीछे का यह कमरा था यहां भी सबके लिए अलग-अलग कमरे तैयार कराए गए थे।
सब कुछ पहले की तरह ही हुआ चंचल की तरह ही वर्षा भी जैक को देखकर पीछे की तरफ हुई उसे भी जेनिफर ने सहारा दिया
और वर्षा रुक गई, फिर जैक ने सबको हेलो हाय बोला फिर तीनों सोफे पर बैठकर बातें करने लगे बातें करते-करते जैक ने चंचल से वही प्रश्न पूछा कि तुमने कितनों के साथ संभोग किया है।
वर्षा ने भी जेनिफर की तरफ देखा जेनिफर ने भी उसे आंखों से समझा दिया कि वह सच बोले तब वर्षा बोली मैंने अभी तक अपने पति के साथ ही संभोग किया है।
इसके अलावा आज तक मैं किसी को भी अपने आप को टच करने नहीं दिया है।
जैक ने अपने चेहरे पर किसी भी प्रकार की खुशी या गम नहीं आने दिया वह अपने आप को नॉर्मल दिखा रहा था, फिर वह थोड़ा उसके करीब आया और वर्षा के होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा।
जेनिफर भी समझती थी के वर्षा की आदतें चंचल के जैसी ही है इसीलिए उसने पहले से ही जय शकुंतला देवी बोल दिया यह सुनते ही वर्षा समझ गई कि जेनिफर यह बोलकर उसे अपना श्रमदान का कर्तव्य बता रही है।
वह भी जैक को किस करने लगी फिर उसके बाद जैक ने अपनी पूरी जीत बाहर निकाल कर जेनिफर के होठों के ऊपर फिरने लगा।
और उसके गालों को चाटने लगा फिर गालों को चाटने के बाद वह उसकी गर्दन को चाटने लगा फिर किस करता हुआ ऊपर फिर से आने लगा और उसके होठों को फिर से चूमने लगा।
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