चूत की आग पार्ट 10 (Antarvasna)

लेखक- सीमा सिंह

वसीम बोला अरे शबाना, सॉरी तुम्हे बुरा लगा तो, सेक्स के टाइम गाली देने में ज्यादा मज़ा आता है और उत्तेजना और बढ़ती जाती है ये मेरे दोस्तों ने कहा था।

शबाना बोली हर किसी को इस तरह पसंद नहीं होता है, वसीम बोला सॉरी अब नहीं करूंगा, शबाना बोली ओके, वसीम बोला  आअह्ह्ह ओ डार्लिंग तेरी गांड दुनिया की सबसे अच्छी गांड है अब तो मैं हर बार अपना लंड इस में पेलूंगा ।

शबाना उसे किस करते हुए बोली मुझे भी तुम्हारा लंड पसंद है, फिर वसीम बोला शबाना तुझे एक बात बताता हुं कि गांड में लंड पेलने का सबसे बड़ा फायदा क्या है तू जानती है ?

शबाना बोली नहीं, आप बताओ ?, वसीम बोला मेरे दोस्त ने मुझे बताया था की गांड हमेशा कुंवारी चूत का मज़ा देती है, गांड का छेद फिर से सिकुड़ जाता है जबकि चूत का छेद ज्यादा चुदाई या बच्चे पैदा करने से फ़ैल जाता है ।

और कम मज़ा आता है, जबकी गांड हमेशा मजा देती है, शबाना बोली अच्छा ऐसा होता है, शबाना पर शराब चढ़ने लगी तो वो बोली वसीम अब दर्द कम हो रहा है ।

आप अब और तेज पेल दो अपना लंड मेरी गांड में, वसीम बोला ले डार्लिंग ले यह ले मेरा लंड अपनी गांड़ में, आज तुझे पूरा मजा दूंगा।

और वसीम अपनी रफ़्तार को बड़ा देता है, दस – बारह मिनट की चूदाई के बाद वसीम अब झड़ने को होता है, वसीम ज्यादा शबाना की गांड नहीं चोद सका।

क्योंकि शबाना की गांड कुंवारी थी तो उसकी गांड की दीवारों ने वसीम के लंड को बहुत कस के जकड़ रखा था, उसे ऐसा लग रहा था।

कि किसी ने उसके लंड को मुठी में दबा रखा है और उसे अपना लंड आगे पीछे करना पड़ रहा है अब वसीम ने अपने लंड को शबाना की गांड से बाहर निकाल लिया।

फिर शबाना को बेड से नीचे घुटनों के बल बिठा दिया और उसके मुंह को खोल कर अपना लंड चूसने को कहां ?, शबाना भी वसीम का लंड चूसने लगी।

वसीम बोला शबाना कैसा लग रहा है अपनी गांड का स्वाद, शबाना मुस्कुरादेती है और लंड को चूसने में लगी रहती है, कुछ ही पल में वसीम उसके मुंह के अंदर ही झड़ जाता है।

शबाना उसका सारा पानी पी जाती है, फिर तीस मिनट तक वसीम और शबाना ने एक दूसरे की बाहों में आराम किया, फिर वसीम ने शबाना को बेड पर घूमा दिया और उसके मुंह की तरफ अपना लंड कर दिया।

वसीम ने शबाना के मुंह में अपने बड़े और मोटे लंड को डाल दिया और खुद भी उस की चूत को चूमते हुए चाटने लगा, दोनों की मस्त चूसम चुसाई चलती रही।

शबाना ने वसीम के लंड को मुंह में लेकर चूस चूस कर फिर से एकदम टाइट कर दिया था, फिर वसीम शबाना को चुदाई की पोजिशन में लाया और उसके होठों पर चुम्बन करते हुए बोला मेरी जान, मेरी शबाना।

क्या मैं तुम्हारे साथ कुछ नए तरीके के साथ कर सकता हूं, लेकिन इसमें तुम्हें बहुत दर्द होगा, और में नहीं चाहता कि तुम्हारी मर्जी के बिना तुम्हें तकलीफ दूं ।

शबाना बोली आप क्या करना चाहते हो ?, तो वसीम बोला अगर मैं तुम्हारे चूतड़ों पर जोर जोर से चाटे देते हुए चुदाई करूं, तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा ना ?

शबाना ने वसीम के होंठों पर चुम्बन करते हुए उसे अपने मन की चुदाई करने की इजाजत दे दी, क्योंकि शराब के कारण उसे वसीम के साथ मजा आने लगा था।

वसीम ने शबाना को बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया और उसके चूतड़ों के नीचे तकिया रख दिया, शबाना ने खुद अपने हाथों से वसीम के लंड पर ऑयल लगाया।

वसीम ने शबाना की टांगें उठा कर उसकी चूचियों पर कर दीं, शबाना की चुदी हुई गांड उसके सामने थी, वसीम ने पहले तो अपने लंड को शबाना की गांड में धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरु किया।

तो उसे कुछ एहसास हुआ तो वसीम ने शबाना को बोला तेरी गांड अभी भी बहुत ही गर्म और टाइट है, शबाना बोली इसमें मैं क्या कर सकती हूं ?, और उसे आंख मार के मुस्कुरादी।

फिर वसीम ने लंड को फिर से शबाना की गांड के छेद पर सैट किया और उस से बोला कि डार्लिंग, ले मैं तेरी इस गांड को कुछ ढीला कर देता हूं।

ये कहकर वसीम ने एक ही झटके में अपना पूरा लंड शबाना की गांड में डाल दिया, लंड और गांड़ में ऑयल लगा होने से लंड बिना रुकावट अंदर चला गया।

शबाना की चीख निकल गई उई मां मर गई, और थोड़ी देर की चूदाई के बाद शबाना को भी मजा आने लगा, वो अपने कूल्हे ऊपर उठा कर उसका साथ देने लगी थी।

उसके मुंह से आह उह या फाड़ दो मेरी गांड को आह की आवाजें निकल रही थी, वसीम भी बड़े मजे से शबाना को चुम्बन करते हुए चोदे जा रहा था।

अब वसीम के लंड ने शबाना की गांड में अपनी जगह बना ली थी, वसीम उसकी गांड मारते हुए अपने एक हाथ की दो उंगलियों से उसकी चूत में फिंगरिंग भी कर रहा था।

और अपने दूसरे हाथ से बूब्स को दबा रहा था, शबाना बड़े मजे से वसीम से गांड मरवा रही थी, चूत में उंगली करने से अब वो झड़ रही थी, उसका चूत का पानी बह कर गांड के छेद तक आने लगा था।

दस मिनट बाद वसीम ने धीरे से शबाना की नितम्बों के नीचे से तकिया निकाल दिया और उसकी गांड में से अपना लंड भी बाहर निकाल लिया था।

फिर उस ने शबाना को घोड़ी बनाया उसके सपोर्ट के लिए कुछ तकिया उसके नीचे लगा दिया और शबाना को एक अच्छी पोजिशन में कर दिया।

वसीम ने शबाना की गांड में फिर से लंड को डाल कर उसकी गांड मारनी शुरू कर दी और साथ में शबाना के चूतड़ों पर तड़ तड़ चान्टे मारने शुरू कर दिए।

शबाना को बहुत दर्द हो रहा था पर वो वसीम को और उत्तेजित करना चाहती थी तो बोली हाय उउफ्फ़ मारो वसीम मारो अपनी प्यारी बीबी की गांड़ फाड़ो, मेरी गांड हाय मारो मेरे चूतड़ों पर चाटे और तेज और तेज।

इसे उफफ़ हाई खुदा ले लो मेरी गांड़, मार लो मेरे सौहर, और ये सुनकर वसीम पूरी स्पीड से अपना लंड अंदर और अंदर पेलना शुरू कर देता है।

वो जब तक नहीं रुकता तब तक उसका लंड शबाना की गांड़ की गहराई में पूरा नहीं उतरता था, शबाना की हालत बहुत खराब थी, वो दर्द से उबर नहीं पा रही थी।

दस मिनट में शबाना के चूतड़ लाल पड़ चुके थे, अब वसीम ने अपने लंड को गांड़ से बाहर निकाला और पलंग पर लेट गया, शबाना समझ गई की उसे क्या करना है ?

वो उसके ऊपर आने लगी तो वसीम ने उसे रोक दिया शबाना ने आंखों के इशारे से पूछा की क्यों रोक रहे हो ?, वसीम उसके इशारे समझ गया और बोला घूम कर आओ।

शबाना घूम गई और इधर वसीम ने अपने लंड पर और ऑयल लगा लिया, शबाना ने घुटनों के बल बैठ कर लंड को अपनी गांड़ में लेना शुरू कर दिया और कुछ ही पल में लंड पूरा अंदर चला गया।

फिर उसने अपने पैरों को मोड़ा और वसीम के दोनों पैरों के बीच में अपने हाथ रख के अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी जिससे वसीम का लंड अंदर बाहर होने लगा।

उदर वसीम की आंखों के सामने शबाना के कोमल कोमल नितम्ब थे, जो चाटों से लाल थे, वसीम उन चूतड़ों को सहलाते हुए उन पर फिर से चाटे मारने लगा।

इन चाटो से शबाना को दर्द हो रहा था पर उसने आपनी कमर को धीरे धीरे हिलाना जारी रखा, करीब पंद्रह मिनट तक गांड़ मारने के बाद आख़िरकार शबाना का बदन जवाब दे गया ।

और उसका शरीर कांपने लगा तो वसीम ने अपने दोनों हाथ से उसकी कमर को पकड़ लिया और नीचे से झटके मारने लगा ये देखकर शबाना भी उसका साथ देने लगी।

और वसीम के हर धक्के पर अपने चूतड़ पटककर उसका साथ देने लगी, कुछ ही पल में वसीम झड़ने के करीब आ गया तो वो जोर जोर से झटके मारने लगा

और वो चिल्लाते हुए झड़ने लगा उसने शबाना की गांड में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया और रुक गया, शबाना उसके ऊपर ही लेट गई, वसीम का लंड अभी भी उसकी गांड़ में ही था।

दोनों की सांसे बहुत तेज चल रही थी, लेकिन अपनी सांसों की परवा किए बिना दोनों आराम आराम से एक दूसरे को चुम्बन करने लगे और इस संतुष्ट चूदाई का अंत करते हुए।

एक दूसरे को चूमते हुए शुक्रिया अदा करने लगे, कुछ ही छड़ में वसीम का लंड डीला होकर शबाना की गांड़ से बाहर आ गया और साथ मैं उसका वीर्य शबाना की गांड़ से निकल कर उसके ऊपर आ गया।

वसीम शबाना की दो बार गांड मार चुका था, दोनों बहुत थक चुके थे, तो दोनों साथ में नहाने चले गए फिर वसीम ने बाहर से खाने का ऑर्डर कर दिया और दोनों ने खाना खाया और फिर सो गए।

सुबह दोनों की नींद एक साथ खुली, घर पर तो कोई था ही नहीं तो दोनों एक साथ चूदाई करने लगे, उस पूरे दिन और रात दोनों ने खूब मस्ती की और जब अगले दिन सब लोग आ गए तो दोनों नॉर्मल हो गए।

फिर वसीम विदेश चला गया और शबाना वापिस अपने घर आ गई, उसके घर आते ही कुमकुम उससे मिलने आई और उसके और वसीम के बीच में जो जो हुआ शबाना से उसने सब जान लिया।

कुमकुम अपनी दोस्त के लिए बहुत खुश थी, कुछ देर बात करने के बाद कुमकुम अपने घर आ गई, इन दिनों कुमकुम के घर में सब नॉर्मल ही रहा था।

एक जनवरी को दोनों ने सेकेंड सेमिस्टर की क्लास ली उस दिन ही उनका रिजेल्ट आ गया, कुमकुम ने कॉलेज में टॉप किया था और शबाना तीसरे पर थी।

दूसरे पर कुमकुम और शबाना का दोस्त कुनाल आया था, कॉलेज में ज्यादातर ये तीनों एक साथ ही रहते थे, पर कुनाल को इन दोनों के बहुत सारे राज नहीं पता थे।

कुनाल दिल ही दिल में शबाना को पसंद करता था, और उसे परपोज करने की सोच रहा था, वही जब कुमकुम की मां सीमा को और शबाना के परिवार को उनके रिजेल्ट के बारे में पता चला तो दोनों के घरों में खुशी की लहर दौड़ गई।

एक वीक बाद कुनाल ने कुमकुम के सामने उसे परपोज कर दिया, ये सुनकर एक टाइम तो शबाना बहुत गुस्सा हुई, पर कुछ सोच कर उसने एक दिन का टाइम मागा और कुमकुम के साथ वहा से चली गई।

जब वो दोनों कार में अकेली हुई तो कुमकुम शबाना पर चिल्लाती हुई बोली तुम ने उसे सीधे माना क्यों नहीं कर दिया, एक दिन का समय क्यों दिया है ?

तो शबाना बोली मैंने कुछ सोचा है, मैं अपनी शादी के बारे में किसी को बता नहीं सकती हूं, और मैं लड़को के प्रपोजल से परेशान हूं, तुझे तो कोई प्रपोज करे तो तू उसे मना कर देती है।

और उसकी बेजती कर देती है, तो तुझे अब कोई प्रपोज ही नहीं करता है, पर मैं तेरे तरह नहीं हुं, तो मुझे अभी भी प्रपोजल आते रहते है, अगर में कुनाल को अपना बॉयफ्रेंड बना लू तो सब रुक जायेगा।

ये सुनकर कुमकुम कुछ सोचने लगी फिर कुछ सोचकर बोली अगर वो फिजिकल हुआ तो क्या करोगी ?, तो शबाना बोली इसलिए ही एक दिन का टाइम मांगा है, तुम और में कुछ न कुछ रास्ता निकाल लेंगे।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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