चूत की आग पार्ट 12 Hindi sex story

लेखक- सीमा सिंह

आखिर साहिल सर भी तो देखे कि वो चीज क्या है ?, साहिल सर का ध्यान आते ही उसके दिल कि धड़कनें एक दम से बढ़ने लगी।

उसे उनकी गहरी नजरों कि याद आ गयी जो उसने कई बार महसूस की थी, और जिसे महसूस करके उसका रोम रोम खड़ा हो जाता था।

उनके बारे में याद करके अनायास ही उसके हाथ अपनी चूत कि तरफ सरक गए, वो बेड पर लेट गयी और अपनी आंखे बंद करके अपनी चूत को सहलाने लगी।

आज बहुत सालो बाद उसने अपनी चूत कि खोज खबर ली थी, इसलिए उसकी चूत भी अपना गिला मुंह खोले अपनी मालकिन का खुले दिल से स्वागत कर रही थी।

सीमा ने अपनी चूत के तितली जैसे परों को फैलाया और अपनी एक ऊंगली अंदर खिसका दी और सिसक पड़ी अह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह साहिल उम्म्म्म्म्म्म्म ।

लाल चूत के अंदर से रसीला पानी बुरी तरह से बहता हुआ बाहर की तरफ आ रहा था, जिसे सीमा अपनी उंगलियों से इकठ्ठा करके अपनी चूत के चेहरे पर मल रही थी।

उसके दिमाग में अपने आप एक काल्पनिक मूवी चलने लगी, सीमा अपनी ऑफिस कि कुर्सी पर बैठी थी पूरी नंगी, और ऑफिस में कोई भी नहीं था।

उसके टेबल का फ़ोन बजा और साहिल सर ने उसे अंदर बुलाया, वो नंगी उठी और अपना नोट पेड उठाया और उनके केबिन में चली गयी, साहिल अपनी सीट पर बैठा था।

वो भी पूरा नंगा था, सीमा सामने जाकर खड़ी हो गयी, साहिल अपनी सीट से उठा और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया, और उसे कुछ डेटा नोट करने के लिए कहा।

सीमा टेबल पर झुकी और नोट करने लगी, तभी पीछे से साहिल ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, सीमा ने अपनी आंखे बंद किये हुए अपनी तीन उंगलियां  अपनी चूत के अंदर पेल दी।

साहिल बोलता जा रहा था, सीमा लिखती जा रही थी और झटके लगते जा रहे थे, सीमा के मुंह से बस यही निकल रहा था येस्स सर अह्ह्हह्ह सर उम्म्म्म सर ओके सर।

सीमा बंद आंखों के साथ अपनी उंगलियां को साहिल के लंड की तरह फील कर रही थी, साहिल ने उसे टेबल पर पीठ के बल लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में पेल कर उसे बुरी तरह से झटके देने लगा।

और वो चीख रही थी, येस्स येस्स बोल रही थी और ऐसे ही येस्स सर करते करते उसकी चूत से कब वीर्य निकल गया, उसे भी पता नहीं चला।

झड़ने के बाद आयी खुमारी ने उसके भरे हुए जिश्म को निढाल सा कर दिया और वो एक पतली सी चादर अपने शरीर पर डालकर वहीं लेट गयी।

और याद करने लगी अपने और साहिल के बारे में जब से उसने ऑफिस ज्वाइन किया था, शुरू के एक साल तक तो उसे पता ही नहीं था कि ऑफिस में काम के अलावा भी कोई जिंदगी है।

उसका काम सिर्फ लैटर टाइप करना, कोटेशन बनाकर क्लाइंटस को मेल करना, महीने के आखिर में रिपोर्ट्स बनाना, बस यही काम थे उसके।

साहिल सर से उसका सामना कभी कभार ही होता था, वो भी बस उसके विश का जवाब देकर निकल जाते थे और लगभग दो साल बाद साहिल सर कि पर्सनल सेक्रेटरी जॉब छोड़कर चली गयी।

और इतनी जल्दी कोई नयी सेक्रेटरी ना मिल पाने कि वजह से सीमा को ही टेम्परेरी तौर पर साहिल सर कि सेक्रेटरी बना दिया गया तब उसने नोट किया।

कि काम के मामले में वो कितने संजीदा किस्म के इंसान है, उन्हें अगर कोई याद न कराये तो वो लंच करना भी भूल जाते थे और ये बात सीमा को सही नहीं लगी।

उसने सबसे पहले सही समय पर उन्हें लंच करने कि आदत डाली, साहिल भी सीमा के अपनेपन को नजर अंदाज नहीं कर पाता था और सही समय पर लंच और अपनी दवाइयां लेने लग गया।

और ऐसे ही काम करते हुए कम्पनी में एक ऐसा दिन आया जब साहिल ने सभी को ये बताया कि उनकी कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले सत्तर प्रतिशत ज्यादा बिज़नेस किया है।

और साथ ही उन्हें यूके के लिए एक बड़ा एक्सपोर्ट आर्डर भी मिला है, जिसकी वजह से उनका बिज़नेस अगले साल तक डेड सौ प्रतिशत ज्यादा बढ़ेगा ।

और तब सीमा ने ये सुझाव दिया कि ऐसे मौके को सेलेब्रेट करना तो बनता है और तब साहिल ने अपने आलिशान बंगले में एक पार्टी रखी जहां कुमकुम ने पहली बार साहिल को देखा था।

तब तक सीमा के लिए साहिल के मन में एक सॉफ्ट कार्नर तो बन ही चूका था और वो मन ही मन उसे अपना जीवनसाथी बनाने के सपने देखने लगा।

क्योंकि अब वो भी अपनी बोर सी लाइफ से तंग आ चूका था, और पिछले कुछ दिनों से सीमा कि तरफ से मिल रही केअर कि वजह से साहिल को पूरा विश्वास हो गया था।

कि वो उसकी जिंदगी और घर को अच्छी तरह से सम्भाल सकती है, पर कुमकुम से मिलने के बाद उसे ये एहसास हुआ कि सीमा कि टीनेजर लड़की है।

जो ऐसा कभी नहीं चाहेगी कि उसकी मां  इस उम्र में शादी करे और इसलिए उस वक़्त कुमकुम से सीधे मुंह बात भी नहीं कि थी साहिल ने।

धीरे धीरे वक़्त गुजरने लगा, साहिल कि आंखों में छुपे प्यार को सीमा ने भी कई बार महसूस किया था, पर अपनी औकात और समाज में उसकी जगह उसे भी पता थी।

नयी सेक्रेटरी के बाद भी साहिल ने सीमा को अपने पास ही रखा, साहिल का एक वकील दोस्त था लतीफ, जिसके साथ वो अपनी सारी बाते और चीजे शेयर करता था।

और ऐसे ही एक दिन जब दोनों दोस्त बैठे हुए जाम छलका रहे थे तो साहिल ने अपने दिल कि बात उसे बता दी, लतीफ बोला यार साहिल, ये तो तूने बहुत अच्छी बात सोची है।

तू जल्द से जल्द इस मामले को निपटा डाल, साहिल बोला पर यार एक प्रॉब्लम है, उसकी एक टीनेजर लड़की है, और मुझे डर है कि कहीं उसके डर से सीमा मुझसे शादी करने के लिए मना न कर दे।

या फिर वो लड़की अपनी मां को शादी करने कि परमिशन ना दे, लतीफ बोला यार, तू भी कैसी दकियानुसी बातों को लेकर बैठा है।

तू एक बार सीमा से बात तो करके देख, अपनी बेटी को मनाना उसका काम है, और मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी के सुनहरे भविष्य के लिए वो मान जायेगी और अपनी बेटी को भी मना लेगी।

और इस तरह से अपने दोस्त कि बात सुनकर साहिल ने हिम्मत करके अपने दिल कि बात सीमा को कह दी, सीमा के लिए ये बात एक शॉक जैसी ही थी।

उसने साहिल कि आंखों में अपने लिए लगाव तो देखा था, पर वो लगाव इतना होगा कि वो उसे अपना जीवनसाथी बनाने के लिए कहेगा, उसने सोचा भी नहीं था।

पर साथ ही साहिल ने ये भी कहा कि कुमकुम कि रजामंदी के बिना कोई निर्णय मत लेना, और वैसे भी सीमा ऐसा कुछ करना नहीं चाहती थी।

वो एक सही मौके कि तलाश करने लगी , जब वो अपनी बेटी को वो सच्चाई बताये जिसके बाद दोनों कि जिंदगी पूरी तरह से बदल जाने वाली थी।

और आज अपनी बेटी का साथ पाकर उसने चैन कि सांस ली थी, उसने अपना मोबाइल निकाला और वैसे ही नंगी लेटे हुए साहिल को फ़ोन मिलाया।

साहिल ने अपना मोबाइल देखा उस पर सीमा का कॉल आ रहा था उसने कॉल उठाया और बोला हेल्लो सीमा, इस वक़्त कैसे फोन किया, सब ठीक तो है न ।

सीमा कि समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे बताये ?, वो मंद मंद मुस्कुराती हुई हूं हां करती रही बस, और फिर आखिर में उसने बोल ही दिया की मैंने कुमकुम से बात कि थी आज ।

साहिल बोला अच्छा, क्या बोली वो ?, साहिल की धड़कने बड़ गयी थी, सीमा बोली वो, वो मान गयी और काफी खुश भी थी वो, सीमा की बात सुनकर साहिल ने भी चैन कि सांस ली।

उसे अपनी बंद आंखों के पीछे सीमा अपने घर में बीबी के लिबास में नजर आने लगी, फिर उसने जल्द ही शादी कि फॉर्मेलिटी पूरी करने कि बात करते हुए फोन रख दिया।

वैसे भी शादी कोर्ट में होनी थी, इसलिए ज्यादा ताम झाम कि जरुरत ही नहीं थी, उसने लतीफ को फोन करके सारे बंदोबस्त करने के लिए बोला।

तो लतीफ ने कहा की अलग मजहब के कारण एक महीना लगेगा, साहिल ने ये बात सीमा को बता दी सीमा ने हां कह दिया, एक महीने में उसने अपने शरीर को फिट कर लिया।

और जल्द ही शादी का दिन भी आ गया, सीमा ने तय कर लिया था कि वो अपने इस घर को कभी बेचेगी नहीं, इसलिए उसने अपने एक रिश्तेदार को वो घर रहने के लिए दे दिया।

क्योंकि वो कहीं अपनी फैमली के साथ किराये पर रह रहा था, सीमा ने सोचा इस तरह से घर कि देखभाल भी होती रहेगी और उसके रिश्तेदार का किराया भी बच जाएगा।

साहिल और सीमा की शादी कोर्ट में हुई, पर कुमकुम तो उस दिन भी ऐसे सजी हुई थी जैसे सच में किसी शादी में आयी हो, उसने लहंगा चोली पहना हुआ था जो उसे शबाना ने दिया था।

उसमे उसका सपाट पेट साफ़ दिख रहा था, वो आज बहुत खुश थी, आज उसकी मां कि जिंदगी बदलने वाली थी, वो भी अपनी मां के साथ नए घर में जाने वाली थी।

शादी कि रस्मे ख़त्म होने के बाद सभी घर कि तरफ चल दिए, रास्ते में कुमकुम ने शबाना को कॉल कर दिया कि वो जल्दी पहुंचे, शाम को दोनों ने एक साथ सजने संवरने का प्रोग्राम बनाया था।

साहिल ने शाम को अपने आलिशान बंगले में रिसेप्शन पार्टी रखी थी, जिसमे काफी मेहमान आये हुए थे, और पुरे घर में ही चहल पहल थी।

और ऊपर कुमकुम अपने कमरे में बैठ कर  शबाना से बाते भी कर रही थी, दोनों ने फेस पेक लगा रखा था, शबाना बोली यार तेरी तो ऐश हो गयी, इतना सेक्सी रूम है तेरा, सुपर्ब।

कुमकुम बोली थेंक्स यार, मुझे तो खुद भी विश्वास नहीं हो रहा है कि ये मेरा रूम है, मेरा अपना पर्सनल रूम, और वो रूम सच में शानदार था, एल ई डी, बालकनी, अटैच बाथरूम।

एक नया लैपटॉप और साथ ही एक बड़ी सी अलमारी जिसमे साहिल ने पहले से ही कुमकुम के लिए हर तरह के कपड़े भर दिए थे, वो बहुत खुश थी।

शबाना बोली यार, तेरे पापा ने तेरे लिए इतना कुछ किया है, तुझे भी कुछ करना चाहिए उनके लिए, कुमकुम बोली मुझे क्या ?, शबाना बोली आज उनकी सुहागरात है तेरी मम्मी के साथ।

क्यों न हम दोनों मिलकर उनका रूम डेकोरेट करे, कुमकुम ने तो ये बात सोची भी नहीं थी, और कोई भी ऐसा नहीं था जो ये काम करता, उन्हें ही ये सब काम करना होगा।

दोनों ने तय किया कि उनके कमरे को गुलाब के फूलो से सजा दिया जाए और इसके लिए शबाना ने अपने बड़े भाई निजाम को फोन कर दिया ।

निजाम शबाना से दो साल बड़ा है और कॉलेज जाता है, और मन ही मन वो कुमकुम पर मरता भी है, जैसे ही शबाना ने निजाम को सारी बात बतायी।

वो झट से मान गया, वो कुमकुम को देखने का एक भी अवसर छोड़ना नहीं चाहता था, निजाम मार्किट से जाकर एक फ्लावर शॉप वाले को ले आया।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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