चूत की आग पार्ट 14

लेखक- सीमा सिंह

साहिल के मुंह से एक लम्बी आआअह निकल गयी, थोड़ी देर तक अपना लंड चुस्वाने के बाद साहिल असली काम पर आ गया, उसने अपने बाकी के बचे खुचे कपड़े उतार फेंके।

और सीमा को भी पूरा नंगा कर दिया और उसे बिस्तर पर लिटा कर उसकी टांगो को चौड़ा करके उसके ऊपर आ गया और एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर अपना लंड पेल दिया, चूत में गीला पन होने के कारण लंड आसानी से चला गया।

एक झटके में लंड जाते ही सीमा की चीख निकल गई, उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ उसने झट से अपने मुंह पर हाथ रख दिया की कही कुमकुम को उसकी चीख सुनाई न दे जाए।

और वो कुछ गलत न सोचे, उदर साहिल सीमा को चोदे जा रहा था, उसके रसीले और थरथराते हुए चूतड़ अपनी जांघ पर महसूस करते हुए साहिल की मस्ती की कोई सीमा ही नहीं रही ।

दोनों को नंगा देखकर एक पल के लिए तो कुमकुम भी शर्मा गयी, अपनी मां को हालांकि उसने कई बार नहाते हुए या कपड़े बदलते हुए नंगा देखा था।

पर इस तरह से नहीं, पूरी नंगी होकर वो किस तरह से बिहेव कर रही थी, कुमकुम ने तो सोचा भी नहीं था कि सेक्स करते हुए एक दूसरे के साथ इतने मजे आते हैं।

उसने आज तक सिर्फ अपनी दोस्त शबाना के साथ शोकिया तौर पर लेस्बियन  सेक्स किया था, पर उसे नहीं पता था की चूदाई में ज्यादा मजा आता है लेस्बियन सेक्स से।

पर आज इतनी तरह से चूदाई की कार्यवाही देखकर उसके मन कि भी कई शंकाए मिट सी गयी थी, साहिल का लंड अंदर बाहर होता जा रहा था।

और सीमा के मुंह से सिसकारियां निकल रही थी, ओह आह्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आईईईईई आईईईई

फिर अचानक सीमा को अपने अंदर एक गुबार बनता हुआ महसूस होने लगा और अगले ही पल वो गुबार फूट गया और वो बिलबिलाती हुई झड़ने लगी।

अययययी ईईईईईई अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्हह्ह ह्हह्हह, और उसने अपनी चूत के मुहाने पर चिपचिपा सा द्रव्य छोड़ दिया, उसकी चिपचिपाहट को अपने लंड पर महसूस करके साहिल ने सीमा को घुमाकर उल्टा कर दिया।

और अपनी चूदाई की स्पीड बड़ा दी और सीमा को चोदने लगा, इस अवस्था में बीस मिनट के बाद आखिरी मौका आते ही अपना लंड बाहर निकाला और पिचकारी बना कर उससे सीमा की पीठ को पूरा रंग दिया ।

और गद्दे पर गिरकर गहरी सांस लेने लगा, सीमा ने अपनी पीठ से साहिल के वीर्य को साफ किया और साहिल से चिपक गई, उदर कुछ देर वेट करने के बाद कुमकुम और शबाना वहां से निकल कर अपने कमरे की ओर चली गई।

उदर साहिल सीमा को बाहों में लिए वो सोचने लगा कि अभी तो ये शुरुवात है, इतने सालो से सीमा के अंदर जमा हुई एनेर्जी को कम करने के लिए कम से कम तीन चार बार चोदना होगा उसे आज रात सीमा को।

कुमकुम के कमरे में पहुंचते ही शबाना ने अपना पायजामा और पैंटी उतार फेंकी और अपनी बीच वाली उंगली अपनी चूत के अंदर डाल कर जोर जोर से हिलाने लगी।

कुमकुम आंखे फाड़े उसे देखने लगी, दोनों ने पहले भी कई बार मास्टरबेट और लेस्बियन सेक्स किया था और एक दूसरे को सिखाया भी था।

आज शबाना की चूत को देखकर वो मंत्रमुग्ध सी हो गयी, बिल्कुल सफाचट चूत, बिना बालो के उसकी चूत ऐसे लग रही थी मानो चेहरे के कोमल होंठ चिपके हो वहां, रसीले और मोटे ।

कुमकुम बोली शबाना, कुछ शर्म है या नहीं, मेरे नए घर में ही शुरू हो गयी तू, शबाना अपनी उंगली अंदर करते हुए बड़ी मुश्किल से बोली यार, मुझसे तो वहां सब्र ही नहीं हो रहा था।

अगर फिंगरिंग करते हुए मेरे मुंह से चीखे न निकलती तो में वहीं शुरू हो जाती, इतना कहते हुए उसने एक जोरदार चीख मारी आआयययय यययययी ईईईईई स्स्स्स्स्स्स्स्स।

कुमकुम बोली धीरे चीख पागल, तू तो मरवाएगी मुझे, मम्मी पापा ने अगर सुन लिया तो क्या सोचेंगे ?, तभी साहिल के कमरे से सीमा की चीख आयी।

अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह गोड, और वो भी काफी तेज, शबाना मुस्कुराते हुए बोली ये बात जब वो दोनों नहीं सोच रहे तो तुझे क्या जरुरत है ?

और उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी, कुमकुम की चूत के अंदर भी अब खुजली होने लगी थी, पहले तो उसने अपनी मां की चूत को साहिल पापा से चुदते हुए देखा।

और फिर अपनी बेस्ट सहेली की चूत देखी, जैसे वो कई बार चूस चुकी थी और अब फिर से अपनी मां कि उन्माद में डूबी आवाजें सुनकर उसके अंदर भी कुछ होने लगा था।

उसे लगने लगा कि उसके अलावा आस पास के सभी लोग उसकी मां की चूदाई के  मजे ले रहे हैं, और मेरी मम्मी पापा को परेशानी नहीं है तो वो अपने आप को क्यों रोक रही है ?

इतना सोचते ही उसकी आंखों में गुलाबी पन उतर आया, उसके लाल सुर्ख होंठ काम्पने लगे और उसका छोटा सा हाथ लहराकर अपनी चूत कि तरफ चल पड़ा।

वो सोच रही थी कि अभी एक मिनट पहले वो शबाना को भाषण दे रही थी, कि वो अपनी चूत की आग पर काबू नहीं रख पाई और अब वो खुद पर काबू नहीं रख पा रही है।

कुमकुम की परेशानी भांप कर शबाना अपनी चूत में उंगली करते हुए बोली अब क्या सोचने लग गयी है ?, मत रोक अपने आप को, यही टाइम है हमारी जिंदगी का।

जी ले इसे, मजे ले, जैसे मैं ले रही हूं, तेरी मां ले रही है, इसी के साथ एक और चीख आयी सीमा के कमरे से, शबाना बोली वैसे एक बात बोलू, तेरे पापा का लंड है शानदार।

जैसा मूवीज में होता है, लम्बा और मोटा, मैं तो बस उसी को सोचकर कर रही हूं, आजा तू भी कर ले, शबाना कि भी हद थी, वो कुमकुम के सामने ही उसके नए पापा के लंड के बारे में बात कर रही थी।

और उसे भी सोचने और करने कि सलाह दे रही थी, कि कितना गलत कर रही थी वो ?, फिर उसने सोचा पर इसमें गलत ही क्या है ?, वो उसके असली पापा थोड़े ही हैं।

वो तो उसका सौतेला बाप है, एक ऐसा इंसान जिसका कुछ दिन पहले तक उसकी जिंदगी में नामो निशान नहीं था, एकदम से वो उसका बाप बनकर उसकी जिंदगी में आ गया है।

वैसे शबाना ठीक कह रही है, उसके पापा का लंड है तो कमाल का, लम्बा और मोटा, जैसा हर लड़की सोचती है, दुसरो का तो पता नहीं पर वो जरुर सोचती है।

वो ये सब सोच ही रही थी कि शबाना ने आगे बढ़कर उसका हाथ खींचा और अपनी गोद में बिठा लिया, वो खुद सोफे पर बैठकर अपनी चूत मसल रही थी।

कुमकुम भी बिना किसी विरोध के उसके साथ खींचती चली गयी, एक हाथ से अपनी चूत मसलते हुए शबाना ने दूसरे हाथ को जैसे ही कुमकुम कि चूत के ऊपर लगाया वो सिसक उठी।

शबाना बोली ओह माय गोड, तेरी चूत तो बुरी तरह से गर्म पानी फेंक रही है, चल जल्दी से उतार इसको, और उसने अपना हाथ चूत से निकालकर कुमकुम को खड़ा किया।

उसका अपने सामने और कुमकुम का पायजामा धीरे धीरे नीचे खिसका दिया, उसने पिंक कलर कि पैंटी पहनी हुई थी, जिसके आगे का हिस्सा चिपचिपे पानी से लिसढ़ कर बुरी तरह से गिला हो चूका था।

शबाना ने उसकी पैंटी को भी नीचे खिसका दिया, उसके स्तन भले ही छोटे थे और चूतड़ों का भराव भी कुछ कम था, लेकिन चिकने, गोल और कोमल चूतड़ देखकर वो अपने आप को रोक नहीं पायी।

और उन्हें मसल मसलकर मजे लेने लगी, उसकी कुंवारी चूत पर हलके फुल्के बाल थे, जिन्हे देखकर शबाना बोली कुमकुम डार्लिंग, मैंने तुझे एक बार पहले भी समझाया था न।

कि इसे हमेशा साफ़ रखा करो, उसकी बात का कुमकुम ने कोई जवाब नहीं दिया, क्योंकि इस वक़्त उसकी चूत में जो आग लगी हुई थी ?, वो उसके बारे में ही सोच रही थी।

शबाना ने अपनी चूत से निकली उंगली को उसकी चूत पर फेराया, जिसे महसूस करते ही कुमकुम अपने पंजो पर खड़ी होकर सुलग उठी और एक हल्की सी चीख उसके मुंह से भी निकल आयी।

आआह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म शबाना के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी और अगले ही पल बिना किसी वार्निंग के शबाना ने वही उंगली उसकी चूत के दरार पर रगड़ दी।

कुमकुम ने अपनी आंखों को फैलाते हुए, अपने मुंह को गोल करते हुए, एक हुंकार भरी और अपने दोनों हाथों से शबाना के हाथ को थाम लिया और अपने पंजो पर खड़ी होकर गहरी गहरी सांस लेने लगी।

शबाना ने थोड़ी सी उंगली अंदर की ओर की और चूत में डालकर हिलाने लगी, कुमकुम ने आज तक चूत में उंगली नहीं धकेली थी, क्योंकि शबाना उसकी चूत में अपनी जीभ डालती थी।

और वो चूत के ऊपर से ही फिंगरिंग करती थी, वो डर के मारे सोचने लगी कि कहीं उसकी सील न टूट जाए, और आज शबाना ने कितनी बेदर्दी से उसकी चूत के अंदर अपनी उंगली हिला दी है।

कहीं कुछ हो न गया हो, ऐसा सोचते हुए उसने धीरे धीरे उसके हाथ को बाहर की तरफ खींचा, और उसकी उंगली को गोर से देखने लगी, शबाना समझ गयी कि उसके मन में क्या चल रहा है ?

शबाना बोली अरी पागल, इतनी सी उंगली  डालने से कुछ नहीं होता, उस झिल्ली को तोड़ने के लिए लंड चाहिए, वैसे भी इससे कही ज्यादा अंदर तो मेरी जीभ तुम्हारी कुंवारी चूत की गहराई नाप चुकी है।

और उसने कुमकुम को आंख मार दी, कुमकुम ने धीरे से सर हिलाया और उसकी उंगली को फिर से अपनी चूत के मुहाने पर रखकर खुद ही अंदर धकेल दिया।

और इस बार जब वो उंगली रगड़ खाती हुई अंदर तक गयी तो उसका रोम रोम पुलकित हो उठा, ऐसी फीलिंग उसे बहुत दिन बाद आई थी, जैसे परम आनंद, जिसे शब्दो में बयां नहीं किया जा सकता है।

उसकी चूत के अंदर उंगली डालने के बाद शबाना ने दूसरे हाथ कि दो उंगली अपने अंदर डाल ली और एक ही लय में दोनों हाथ हिलाने लगी थी।

शबाना बोली ऐसे सिर्फ आंखे बंद करने से कुछ नहीं होगा, तू किसी के बारे में सोच, ऐसे किसी लड़के के बारे में, किसी हीरो के बारे में जिसके लंड को तू इस समय अपने अंदर महसूस करना चाहती हो।

और मेरी उंगली को वही लंड समझकर मजे ले बस, बंद आंखों के पीछे कुमकुम ने काफी कोशिश कि पर ऐसा कोई भी इंसान उसकी सोच में नहीं आया।

जिसके बारे में सोचकर वो इस पल का मजा ले सके, उसने तो आजतक किसी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था और ना ही किसी के लंड कि तरफ कभी देखा था।

पर आज तो उसने अपने साहिल पापा का लंड देख लिया, पहली बार लंड देखा और वो भी अपने बाप का, और उनके लंड के बारे में सोचते ही कुमकुम के शरीर में एक अजीब सी ऐठन आने लगी।

और वो शबाना कि उंगली को साहिल पापा का लंड समझ कर उसके ऊपर लहराने लगी, और मजे कि बात ये थी कि शबाना भी साहिल के लंड के बारे में ही सोचते हुए फिंगरिंग कर रही थी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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