चूत की आग पार्ट – 7

लेखक- सीमा सिंह

जो उसको बहुत पसंद आ रहा था, शबाना की सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थी, उसे बहुत मजा आ रहा था, शबाना वसीम से बोली मुझे भी चूसना है।

ये सुनकर वसीम ने चूत छोड़ दी और बेड पर लेट गया, उसे ऐसा करते देख शबाना समझ गई वसीम क्या करना चाहता है ?, उसने जल्दी से घूम कर अपनी टांगे फैला कर वसीम के मुंह पर अपनी चूत रख दी।

और खुद झुक कर अपने मुंह को उसके लंड पर रख दिया, और उसे चूसने लगी, वही जैसे ही शबाना ने अपनी चूत उसके मुंह पर रखी तो उसने शबाना के नितम्बों को मसलते हुए उसकी चूत को चाटने लगा। Antarvasna

वो दोनों एक दूसरे को बड़े प्यार से चूसते चूसते मजे दे रहे थे, और कुछ देर में इस चुसाई का असर दिखने लगा, शबाना का शरीर कांपने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

इस स्वादिष्ट रस को वसीम पीने और चाटने लगा, शबाना काफी समय से उत्तेजित थी अब वो शांत हो चुकी थी, काफी देर से चटाई की वजह से उसको पेशाब लग रही थी।

जब वसीम से उसने बोला तो वसीम ने उस को गोद में उठाया और बाथरूम में लेकर गया, वसीम ने शबाना को किसी फूल की तरह उठा लिया जिससे उसको वसीम के कसरती, बलिष्ठ और मजबूत शरीर का अंदाजा हो गया।

शबाना ने पेशाब किया और वसीम के लंड को पकड़कर उसे पेशाब कराया और खुद के और वसीम के कामरस से सने अंगों को पानी से साफ करके पौंछ दिया।

शबाना का प्यार देखकर वसीम बहुत खुश हो रहा था, वही दूसरी तरफ शबाना पर ब्रांडी का असर हो रहा था जिसकी वजह से वो ये सब कर रही थी।

वसीम ने उठाकर वापस शबाना को बैड पर लिटा दिया, फिर वो दोनों चुम्बन करते हुए एक दूसरे के अंगों का मर्दन करने लगे और सहलाने लगे और गर्म होने लगे।

अब शबाना और वसीम दोनों ही उत्तेजना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे, शबाना की चूत कामरस से फिर भीग गई और वसीम का लंड फिर से खड़ा होकर कठोर हो चुका था।

वसीम ने शबाना से बोला क्या पहले संभोग के लिए तुम तैयार हो ?, शबाना ने हां में सिर हिलाया, वसीम ने शबाना को छेड़ते हुए बोला और तुम्हारा लंड ?

शबाना शर्माती हुई मुस्कुराई और फिर धीरे से बोली हां वो भी तैयार है, वसीम ने बोला वो कौन ?, शबाना धीमे स्वर में वसीम के कान में बोली मेरा लंड।

और वसीम के लंड को थोड़ा जोर से दबा दिया, वसीम की दर्द से आह निकल गई, फिर शबाना ने वसीम से पूछा क्या तुम्हारी वो भी तैयार है ?

वसीम बोला वो कौन ?, शबाना ने धीरे जवाब दिया तुम्हारी बिल्ली, वसीम ने जानबूझकर बोला मैं कुछ समझा नहीं, साफ साफ कहो, शबाना ने शर्माते हुए बोली तुम्हारी चूत।

शबाना वसीम के सामने कुछ अनजान बन रही थी, जिससे वसीम को लगे की शबाना सेक्स के बारे में कम जानती है, उसकी असली सचाई उसके सामने न आए।

वही वसीम शबाना की चूत के दाने को सहलाते हुए बोला मेरी चूत तुम्हारे लंड के स्वागत के लिए बांहें फैलाकर खड़ी है, और उसने चूत की फांकें खोल दी।

अब उत्तेजना दोनों पर हावी हो गई थी, दोनों एक दूसरे में समा जाने के लिए बेकरार थे, वसीम शबाना की जांघों के बीच में बैठ गया।

शबाना ने अपनी टांगें खोलकर ऊपर उठा दीं, जिससे लंड और चूत आमने सामने थे, वसीम ने लंड को पकड़कर चूत की दरार में फिराया, शबाना आनन्द के सागर में गोते लगाने लगी।

उसकी चीत्कारें तेज होने लगीं सीईई ईईई, वसीम का लंड भी पत्थर की तरह सख्त होकर फुंफकारने लगा, शबाना से भी रहा नहीं जा रहा था, उसने हाथ बढ़ाकर लंड को पकड़ा और चूत के मुंह पर लगा दिया।

वसीम समझ गया, वसीम में अपने हाथों को शबाना की दोनों टांगो में से निकल कर दोनों हाथों को पकड़ लिया, फिर उसने थोड़ा दबाव बनाया तो लंड का सुपाड़ा शबाना की चूत के होठों को फैलाने लगा।

वह धीरे धीरे दवाव बड़ा रहा था, शबाना की आहें अब कराहों में बदलने लगी, दर्द उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था, उसने अपने होठों को जोर से भींच लिया और वसीम के कंधे मजबूती से पकड़ लिए।

वसीम ने एक झटका मारा जिससे लंड का सुपाड़ा शबाना की चूत की झिल्ली को चीरता हुआ अंदर जा चुका था, शबाना के मुंह से एक चीख निकली उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईई।

उसने छूटने के कोशिश की पर छूट नहीं पाई उसकी आंख से आसू की धारा बह रही थी, वसीम खुश था की शबाना की चूत का कौमार्य पट टूट चुका था।

शबाना बहुत रो रही थी तो वसीम उसके होठों पर किस करने लगा, कुछ ही देर में शबाना शांत हो गई थी, क्योंकि ब्रांडी असर दिखा रही थी।

चुम्बन करते हुए उसने एक और जोर का झटका मारा तो कुछ और लंड अंदर जा चुका था, शबाना का शरीर फिर से कांपने लगा पर मुंह बंद होने के कारण आवाज बाहर नहीं आई।

कुछ देर ऐसे करते करते धीरे धीरे पूरा लंड चूत में जा चुका था, करीब पांच सात मिनट लगे लंड को चूत के अंदर जाने में और शबाना के शांत होने में फिर वसीम धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा।

शबाना की चूत बहुत कसी हुई थी, वसीम को लग रहा था की किसी ने उसके लंड को पकड़ रखा है, आठ दस मिनट की धीमी चूदाई के बाद शबाना ने उसे रोक दिया।

क्योंकि अब शबाना आश्वस्त होना चाहती थी कि लंड पूरा चूत में समा गया या कुछ बाकी है, उसने लंड की जड़ में हाथ फिराया तो महसूस किया कि पूरा लंड समा गया है।

पर उसको हाथ में कुछ गीला महसूस हुआ उसने देखा तो उसके हाथ में खून लगा था, चूत की झिल्ली फटने से निकला खून था जो वसीम के लंड की जड़ में लगा था।

और कुछ शबाना की गांड के छेद को गीला करते हुए और दरार में होते हुए कुछ बूंदें चादर पर भी पहुंच गई थी, शबाना बोली प्लीज इसे साफ कर दो।

वैसे तो वसीम लंड बाहर नहीं निकालना चाहता था और वो शबाना की बात टालना नहीं चाहता था, तो उसने लंड बाहर निकाल लिया और जल्दी से एक गीले टावल से शबाना की चूत को साफ किया।

और अपने लंड को भी, फिर से दो पेग ब्रांडी शबाना को पिला दी जिससे शबाना खुल कर चूदाई करे, पहले तो शबाना पीने से मना कर रही थी।

पर वसीम उससे बोला दर्द कम हो जायेगा, तो वो पी गई, वसीम को पता था कुछ दी देर में शबाना उसे पूरा मजा देगी, वसीम ने उसे फिर से लिटाया और लंड को चूत पर रख दिया।

और वसीम शबाना के स्तनों को मजबूती से पकड़ कर चूसने लगा और एक जोर से कमर को धक्का दिया और जिससे करीब छः इंच तक लंड चूत में पेल दिया।

शबाना अचानक हुए इस हमले को बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी हल्की चीख निकल गई उईई ईईई, वह कांपने लगी और दो आंसू उसके गालों पर लुढ़क गए।

दर्द के बाबजूद उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे और वो मुस्कुरा रही थी, वसीम ने दबाब डालना जारी रखा धीरे धीरे सरकते हुए फिर से शबाना की चूत पूरा लंड निगल चुकी थी।

तब वसीम रूककर शबाना को चुम्बन करने लगा और उसके बदन को सहलाने लगा, वो भी चुम्बन का जवाब देने लगी और वसीम की चौड़ी पीठ पर हाथ फेरने लगी।

कुछ पल बाद शबाना वसीम के कूल्हों को पैरों की जकड़ से छोड़कर दोनों पैर हवा में फैला कर चुम्बन करते हुए पीठ मसल रही थी, वसीम इशारा समझ गया कि शबाना धक्कों के लिए तैयार है।

तभी वसीम घर्षण करते हुए हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, अब शबाना भी उसका पूरा साथ दे रही थी, वह हर एक धक्के के जवाब में थोड़ा अपने नितम्ब उठा देती और मुंह से आहह हह निकल जाती।

अब ब्रांडी का असर शबाना के सर पर चढ़ चुका था, वो कभी उसके होंठों को चूसती, कभी उसकी पीठ सहलाती, कभी उसके कूल्हों को पकड़ कर चूत पर दबा देती।

वसीम को भी शबाना की तंग चूत में घर्षण करने में बड़ा मजा आ रहा था, वह धीरे धीरे धक्कों की गति बढ़ा रहा था, सांसों की गति को दोनों नियंत्रण रखे हुए थे।

फिर भी सासें तेज हो रही थी और शबाना आहें भर रही थी, धीमे संगीत में शबाना की पायल और चूड़ियाँ एक अलग संगीत पैदा कर रही थी।

फिर वसीम करवट के बल लेडकर शबाना को चोदने लगा, जब वसीम की जांघें के धक्के शबाना के कोमल चूतड़ों पर पड़ते तो हर धक्के के साथ थप थप थप तो कभी पट्ट पट की आवाज से कमरा गूंज रहा था।

तब वसीम बोला शबाना, ये हम क्या कर रहे हैं ?, अब शबाना मदहोश होकर तुरन्त बोली आहह हह चुदाई ईईई, वसीम बोला किसकी चुदाई शबाना ?

शबाना बोली आहह हह सीईई ईईई मेरे लंड और तुम्हारी चूत की, आहह हहह हहहह हहह हम्मम बहुत मजा आ रहा है वसीम मेरी जान निकलने वाली है।

वसीम बोला दुनिया के किस काम में सबसे ज्यादा मजा आता है ?, शबाना बोली मुझे आज ही पता चला है वसीम कि चुदाई से ज्यादा मजेदार कोई चीज नहीं है ।

वसीम समझ गया कि शबाना फिर से झड़ने वाली है, उसने शबाना को सीधा लिटाया और उसकी पीठ के नीचे हाथ डालकर उसके चूतड़ मुट्ठी में भींच लिये और पूरे जोर से धक्के लगाने लगा।

शबाना भी कमर को जोर जोर से ऊपर उछालने लगी, कमरे में थप थप थप थप की आवाज और लंड के गीली चूत में तेजी से अंदर बाहर होने पिच्च पिच्च पुच्च किच्च किच्च और आह हहहह हहह हओह ओहह हम्मम सीईई ईईई से पूरा कमरा गूंज गया।

शबाना ने अपने शरीर से नियंत्रण खो दिया, वह छटपटाने लगी, पूरा बदन थर्राने लगा उसका, वह गुर्राने लगी और हहह हहह हह ओहह हहहह करते हुए स्खलित हो गई और निढाल होकर गिर गई जैसे सच में जान निकल गई हो।

उसकी चूत की पकड़ भी लंड के ऊपर बिल्कुल ढीली हो गई, झड़ते समय शबाना ने वसीम की कमर को इतनी जोर से पकड़ा जैसे तोड़ देगी।

वसीम भी अचंभित था शबाना में इतनी ताकत देखकर, वसीम शबाना को सहलाता रहा, वसीम का लंड अभी भी उसकी चूत में था और पूरी तरह सख्त था।

थोड़ी देर वसीम शबाना के ऊपर ऐसे ही लेटा रहा, अभी वसीम को चरम सुख नहीं मिला था पर शबाना को संतुष्ट करने के बाद जो सुख उसको मिला वह चरमसुख से कहीं बढ़कर था उसके लिए।

वसीम भी थोड़ा थक गया था, शबाना ने उसे थैंक्स कहा और उसको चूमने सहलाने लगी, चूत फिर से लंड पर अपनी जकड़ बनाने लगी।

वसीम ने शबाना को ऐसे उठाकर घुमाया कि शबाना वसीम के ऊपर आ गई और वसीम नीचे था पर लंड चूत के अंदर ही बना रहा, अब शबाना काउ गर्ल पोजीशन में थी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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