चूत की आग पार्ट- 8 (Antarvasna)

लेखक- सीमा सिंह

वसीम ने शबाना को ऐसे उठाकर घुमाया कि शबाना वसीम के ऊपर आ गई और वसीम नीचे था पर लंड चूत के अंदर ही बना रहा, अब शबाना काउ गर्ल पोजीशन में थी।

और वो धीरे धीरे अपनी कमर हिला रही थी, वसीम के हाथ शबाना के चूतड़ सहला रहे थे, शबाना झुकी हुई थी तो उसके बूब्स उसके सामने लटक रहे थे।

और वो अपना मुंह खोल कर दोनों निपल्स को बारी बारी से चूस रहा था, शबाना बीच बीच में अपनी जीभ वसीम के मुंह में डाल देती।

जिसे वसीम चूसता और फिर वो हट जाती  और वसीम निपल्स चूसने लगता, वसीम बड़े मजे से निपल्स चूस रहा था, और साथ में वसीम शबाना के नितम्बों को मुट्ठी में भींच रहा था और बीच बीच में गांड के छेद पर उंगली भी फिरा रहा था।

उसकी इन हरकतों ने शबाना को फिर से उत्तेजित कर दिया, शबाना कभी अपने चूतड़ों को गोल घुमाती, कभी हल्के धक्के लगाती, कभी पंजों पर बैठकर अपनी सुडौल और मजबूत पिंडलियों से लंड पर उचकती।

कभी वह घुटनों के बल बैठकर जांघों से उचकती, वह मानो संगीत की धुन पर थिरक रही हो, शबाना के कोमल चूतड़ों की थाप वसीम की कसरती जांघों पर ताल दे रही थी।

और शबाना की मादक आवाजें आह हह हहह ओहह हह सीईईई ईईई हम्मम मममम जैसे राग भैरवी का आलाप छेड़ रही हों, वसीम ने ठिठोली करते हुए पूछा शबाना क्या कर रही हो ?

शबाना बोली मेरे लंड से तुम्हारी चूत को चोद रही हूं, वसीम ने पूछा कब तक चोदोगी ?, शबाना बोली आज मेरा लंड रातभर चोदेगा, आज तुम्हारी चूत की खैर नहीं है।

वसीम बोला तो ठीक है, मेरी चूत भी रात भर चुदने के लिए तैयार है, और दोनों हंसने लगे, शबाना बोली मैं मेरे लंड के बिना एक दिन भी नहीं रह सकती और तुम ?

वसीम ने कहा मैं भी मेरी चूत के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता, वसीम ने कहा हम पांच साल बाद बच्चा प्लान करेंगे, शबाना बोली मैं भी यही चाहती हूं ।

वसीम बोला तब तक एक नियम बनाते हैं कि जब भी हम अकेले होंगे, घर में बिना कपड़ों के रहेंगे और जब दिल करेगा तब चुदाई करेंगे, शबाना बोली बिल्कुल जब आप मुझे मिलने आओगे तो मैं आपको नंगी ही मिलूंगी।

बातों बातों में शबाना जोर जोर से कूदने लगी थी, थप थप थप की आवाजों से कमरा गूंज रहा था, वसीम भी स्तन मसलते हुए कमर चला रहा था।

शबाना पूरे लंड को अंदर बाहर कर रही थी, शबाना और वसीम की सांसें बेतरतीब हो रही थी, और शबाना बोली जोर से चोदो और पूरी ताकत से कूदने लगी।

चूत की जकड़ लंड को भींच रही थी, मानो उसे चूस रही हो, वसीम के शरीर में बिजली दौडने लगी, उसने उसकी जांघों के नीचे से हाथ डालकर उसके चूतड़ पकड़ लिये।

और शबाना को उठा उठा कर लंड के ऊपर किसी रबर की गुड़िया की तरह पटकने लगा, शबाना की सीत्कारें गुर्राहटों में तबदील हो गई, वसीम भी शेर की तरह दहाड़ने लगा।

दोनों एक साथ आहह आओह हहह आहह ओहह हहह ओह हहह करते हुए स्खलित हो गये, वसीम के लंड ने कई पिचकरियां शबाना की चूत में चलाईं।

शबाना साफ महसूस कर रही थी वीर्य की धार को, इस बार शबाना और ज्यादा जोर से झड़ी थी, दोनों तृप्त होकर एक दूसरे के बदन को बेतहाशा चूम रहे थे मानो एक दूसरे को थैंक्स कह रहे हों।

वसीम का लंड धीरे धीरे सिकुड़ कर बाहर आने लगा, शबाना के चूतड़, गांड, जांघें सब वीर्य से भीग गये थे, वसीम शबाना को उठाकर बाथरूम में ले गया।

दोनों ने एक दूसरे को साफ किया, पेशाब करने के बाद वसीम शबाना को उठाकर बैड पर लेकर आया, दोनों फिर से एक दूसरे को चूमने और सहलाने लगे।

शबाना की चूत के पूरे एक घंटे तक चूदाई हुई थी, वो तो ब्रांडी की ताकत थी जिससे शबाना ये सब कर सकी वही वसीम ने दो सेक्स गोली खा रखी थी, जिसके कारण वो जल्दी झड़ा नहीं था।

अब दोनों थक चुके थे, तो दोनों ड्रायफूट और फ्रूट्स खाने लगे, और एक दूसरे की बाहों में लेकर दोनों आधे घंटे तक खेलते रहे, 12 बज चुके थे।

वसीम ने फिर से ब्रांडी उठा ली इस ब्रांडी की सलाह उसके दोस्त ने दी थी और ये ब्रांडी भी उसी ने दी थी, वसीम ने पूरी बची ब्रांडी शबाना को पिला दी अब वो होश में नहीं थी।

दो सेक्स गोली के कारण उसका लंड खड़ा हो चला था, उसने दूसरे राउंड की शुरुआत शबाना को घोड़ी बनाकर शुरू किया फिर कई पोजीशन में चोदा।

शबाना तो होश में ही नहीं थी की उसके साथ क्या क्या हो रहा है ?, वसीम जैसा कह रहा था वो तो वैसा कर रही थी, वसीम ने पूरी रात उसकी चार बार चूदाई की।

सुबह दोनों लेट जागे और नहा कर वसीम और शबाना नीचे आ गए, वसीम किसी को फोन करने लगा और शबाना किचन  में सासू मां और फुफो के साथ आ गई।

क्योंकि नई बहू घर में पहली खीर बनाती है, अब राबिया भाभी और कनीजा भाभी सुहागरात वाले कमरे में सफाई करने पहुंची क्योंकि अगर कुछ गलत हुआ हो तो वो घर से बाहर न जाए।

दोनों ने देखा कमरा पूरी रात की कहानी बयां कर रहा था, उन्होंने जब चादर पर लगा खून देखा तो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराईं, कनीजा भाभी बोली देवर जी किस्मत वाले हैं।

राबिया भाभी बोली सही कह रही हो, आजकल ऐसी लड़की किस्मत से ही मिलती है, चादर को उठाकर उन्हौंने बाथरूम में डाल दिया और बैड पर नयी चादर बिछा दी।

कमरे में झाड़ू पौंछा करके कचरे को कूड़ेदान में डाल दिया और नीचे आकर अपने अपने घर जाने की तैयारी करने लगी, क्योंकि इसी काम के लिए उने रोका गया था ?

तभी भाभियों ने शबाना को आते हुए देखा शबाना अपनी टांगे फैलाकर चल रही थी, और कुछ लंगड़ा भी रही थी, तो दोनों शबाना से मजाक करने लगी।

कनीजा भाभी बोली, आंखें बता रही हैं कि पूरी रात नहीं सोई हो, शबाना शर्म से लाल हो रही थी क्योंकि भाभी सच कह रही थी ?, वह बिल्कुल नहीं सोई थी।

फिर राबिया भाभी बोली और चाल बता रही है कि देवर जी ने तुम्हारी कुंवारी चूत को आराम करने नहीं दिया है, शबाना मन ही मन अपने सौहर पर अभिमान भी कर रही थी।

घोड़े जैसा सौहर पाकर वह बहुत खुश थी, कुछ देर बाद सब ने खीर खाई और सब ने शबाना को नेग दिया, कुछ देर में कनीजा और राबिया भाभी चली गई।

उस रात को उन दोनों के बीच में कुछ नहीं हुआ था क्योंकि शबाना की चूत पर सूजन आ गई थी ?, उसका कारण ये था कि शबाना की चूत इस चूदाई को झेलने के लायक नहीं थी।

वो तो कल शराब के नशे में थी इसलिए कर लिया और सुबह चूत पर सूजन कम करने वाली क्रीम लगा ली और पेंकिलर खा ली, तीसरी रात भी कुछ नहीं हुआ।

चौथे दिन वसीम के पिता ने उसे बुलाकर बताया मैं, तुम्हारी मां और फूफो, आज अजमेर जा रहे है परसो सुबह तक आ जाएंगे।

हमने दुआ मांगी थी की हम तुम्हारी शादी के बाद अजमेर जाएंगे, और शाम को वो तीनों निकलने लगे तो वसीम की मां ने नई बहू को घर की सब चाबी दे दीं और सबकुछ समझा दिया।

फिर शबाना और वसीम अंदर आये मुख्य दरवाजा बंद किया और बैठ गए, वसीम बोला नियम भूल गई ?, शबाना बोली बिल्कुल नहीं, पर तुम ने उसे चोदने लायक छोड़ा ही नहीं है।

और मैंने दर्द सहन कर लिया वरना डॉक्टर के पास जाना पड़ता और आप को अबू से डाट पड़ती, वसीम बोला में क्या करता वो दवाई मुझे रियेएकसन कर गई थी ?

जिसकी वजह से मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था, और शरीर गर्म हो रहा था, इसलिए मैंने सुबह छः बजे तक तुम्हारी चूदाई की थी, तुम उसके लिए मुझे माफ कर दो।

शबाना बोली मुझे तो उस रात शराब के नशे में होश ही नहीं था, और पिछले दो रात से शराब पीकर ही सो रही हूं जिससे मुझे रात में दर्द न हो, तो वसीम बोला अब ऐसी गलती फिर नहीं होगी।

शबाना बोली कोई बात नहीं है, फिर वसीम बोला अभी मेरा मन एक और छेद का फीता काटने का हो रहा है, आज उसे काट ही देता हूं, शबाना बोली मैं समझी नहीं सही से बोलो।

वसीम बोला मेरा तो इस समय सबसे ज़्यादा मन तुम्हारी कुंवारी गांड़ मारने को कर रहा है, अगर तू मुझे इसकी इजाज़त दे तो मैं उसे भी अपना बना लूं ?

शबाना बोली आपको किस ने रोका है, मैं आपकी सरीखे हयात हूं, मेरे बदन के हर अंग पर आपका पूरा हक है और आप जैसे चाहो वैसे मेरी कुंवारी गांड मार लो।

वसीम ने तो यह सोचा ही नहीं था कि  शबाना कुछ ऐसा कह देगी, इतने में शबाना अपने कमरे की ओर मटक मटक के जाने लगी, वसीम उसे देखकर मुस्कुरा दिया।

और उसके पीछे जाने लगा शबाना उसे पीछे घूम घूम कर कामुक इशारे कर रही थी, कमरे में जाते ही वसीम ने झट से शबाना को अपनी बांहों में ले लिया और उसके होठ चूमने लगा।

वसीम बोला तुम सच में बहुत अच्छी हो और सच में मैं बहुत किस्मत वाला हूं, शबाना बोली और आप नहीं हो क्या ?, और वो धीरे से मुस्कुरा देती है।

वसीम बोला सच में तेरी जैसे बीबी को चोदकर तो मेरा नसीब खुल गया, और इतना कहकर वो शबाना की चूतड़ों को कसकर अपने दोनों हाथों से भींच लेता है।

वसीम बोला जान, मेरे लंड को पूरा खड़ा कर ना फिर मैं तुम्हारी गांड मारूंगा, और शबाना वसीम के कपड़े निकालने लगी और वसीम शबाना के कपड़े निकालने लगा।

और साथ ही एक दूसरे को चुम्बन कर रहे थे और साथ में एक दूसरे के जिश्म को सहला भी रहे थे, फिर शबाना नीचे बैठ गई और करीब पांच मिनट तक वो उसके लंड पर पूरा थूक लगाकर चूसती और चाटती रही।

जब वसीम का लंड शबाना की कुंवारी गांड को फाड़ने के लिए तैयार हो गया तो वसीम बोला पहले मैं तुम्हारी कोमल गांड से जी भर के प्यार कर लूं ।

और उसने शबाना को कुतिया बनाया और  उसके सर को पूरा नीचे झुका दिया, वो देखने लगा कि शबाना की गांड़ बहुत खूबसूरत थी, उसके मुंह से निकला कि उफफ्फ़ क्या नज़ारा है।

शबाना बोली क्या बोल रहे हो ?, तो वसीम बोला कुछ नहीं, फिर वो कोमल गोल गोल उभरे हुए गोरे गोरे चूतड़ जिन्हें वो अपनी हथेलियों से बड़े ही हल्के से दबाता हुआ अलग करता है।

और गांड़ की दरार चौड़ी हो जाती है, दरार के बीच थोड़ी सी लाइट डार्कनेस लिए गांड़ के छेद की चारों ओर का मास था और शबाना की गांड की सूराख पूरी तरह से एकदम टाइट थी।

ज्यादा कसा सूराख इस बात की गवाही दे रहा था कि गांड़ में कोई लंड अंदर नहीं गया है और पूरी दरार वेक्सन की हुई चिकनी और चमकदार थी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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