चुत पर झापड़ भाग

वो आदमी मेरी चुत पर झापड़ मारने लगा और मैं नल की तरह पानी निकालने लगी। मेरा नाम वर्षा है मैं आपको अपनी जिंदगी का सबसे सेक्सी पल बताने जा रही हूँ। जिस वक्त मैं ये कहानी लिख रही हूँ उस वक्त मैं 29 साल की हूँ पर मेरी ये अन्तर्वासना चुदाई कहानी तब की है जब मैं 23 साल की थी और अपने कोचिंग वाले सर के साथ सेक्स कर बैठी। अब करती भी क्या चुत की मजबूरी थी। मैंने अपनी कहानी का नाम “चुत पर झापड़” क्यों रखा ये आपको कहानी पढ़कर ही पता चलेगा।  

मैं नर्सिंग कर रही थी इसी वजह से मेरे पापा ने मुझे एक कोचिंग में लगवा दिया जहा मैं 3 घंटे पढ़ा करती। कोचिंग की फीस काफी ज्यादा थी 5 महीनो के 2 लाख रुपए लेते थे वो इसलिए मैं रोज जाया करती और दिल लगा कर पढ़ा करती। 

इसी तरह 3 महीने निकल गए और मुझे पढ़ने वाले सर से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई। सर का नाम परवीन था और वो 38 साल के थे। वो दिखने में कुछ खास नहीं थे पर काफी मजाकिया थे। 

धीरे धीरे मैं उन्हें पसंद करने लगी और परवीन तो मर्द थे तो उन्हें तो बस चुदाई से मतलब था इसलिए वो शादी शुदा आदमी होते हुए भी मुझे गन्दी नजर से देखा करते। ये सब मुझे पहले नहीं पता था जिस वजह से मैं उनके झांसे में आ गई। 

क्लास के बाद सब बच्चे अपने अपने घर चले जाया करते और सर मुझे बाहर कुछ खाने पिलाने लेजाया करते। धीरे धीरे हम करीब आए और परवीन सर मुझे कभी कभी पब्लिक प्लेस पर गन्दी जगह छू भी लिए करते। 

उनकी गन्दी हरकतों का मैं मुस्कुरा कर जवाब दिया करती जो मेरी नादानी थी। देखते देखते 1 महीना निकल गया और मैं उनके बारे मैं गन्दा और सेक्सी सोचने लगी। कभी मेरा मन उन्हें चूमने का करता तो कभी नीचे बैठ कर उनका लिंग चाटने का करता।  

मैंने अपनी अंदर की बात एक रात सर को बता दी और उन्होंने मुझे होटल चलने को कहा। 

होटल सुनते ही मुझे डर सा लगने लगा पर परवीन सर इतना पीछे पड़े थे की मैं मना नहीं कर पाई। 

पर मैंने एक शर्त पर जाने के लिए हाँ कहा की हम दोनों पूरा सेक्स नहीं करेंगे और सर ने हाँ बोल दिया। 

उसके बाद आगे दिन सर ने कोचिंग में कोई बहाना मारा और मैंने बैंक मारी। 

होटल के अंदर जाते हुए मुझे ऐसा लगने लगा जैसे मैं कोई रंडी हूँ और होटल में काम करने वाले लोग भी मुझे हस्ते हुए देख रहे थे। उस वक्त मुझे बोहोत बुरा लगा पर अब क्या कर सकती थी मैं। 

हम अंदर गए तो सर ने दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझे हस्ते हुए देखने लगे। मैं शर्म से आँखे नीचे करके कड़ी रही और सर ने मेरी तरफ कदम बढ़ाना शुरू कर दिया। 

वो मेरे पास आए और मेरे दोनों कंधो को पकड़ कर मेरी गर्दन पर चूमने लगे। 

जैसे ही उनके होठ मेरी गर्दन पर लगे मेरी सासे तेज हो गई और मैंने सर की कमर पर अपने हाथ लपेट लिए। मैंने अपनी आंखे बंद की और सर अपनी हवस निकालने लगे और मुझे अलग अलग जगह से चूमने लगे। 

इस तरह मेरी गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड की चुदाई कहानी शुरू हुई और सर ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पैंट में घुसा दिया। मैं उनका गर्म और नरम लिंग पकड़ कर उसे टाइट करने लगी और वो मुझे चूमते रहे। 

कुछ देर बाद सर ने भी मेरी जीन्स में हाथ डाला और मुझे नीचे रगड़ने लगे देखते ही देखते मैं सेक्स करने के लिए पूरी तैयार थी। चौकाने वाली बात तो ये थी की मैंने खुद कहा था की हम पूरा सेक्स नहीं करेंगे और अब मैं ही बुल गई। 

सर ने मेरा पूरा आनंद लिए और मुझे दिया भी। उन्होंने मेरी छाती दबानी शुरू करदी और मुझे सेक्स की वो दुनिया देखने लगे जो मैंने कभी नहीं देखती थी। 

उन्होंने मेरी टीशर्ट उतारी और मेरी छाती को प्यार से चूमने लगे और मुझे नीचे रगड़ते रहे।  

उसके बाद उन्होंने मुझे उठाया और बेड पर लेटा दिया और मेरी जीन्स उतारने लगे मैंने कहा “नहीं मैंने मना किया था की हम सेक्स नहीं करेंगे !”

सर – अरे हम सेक्स कहा कर रहे है देखो !!

मैंने कहा – हाँ बात तो सही है। 

सर ने मेरी जीन्स उतरी और मेरी अंडरवियर उतार कर मुझे नीचे तेजी से रगड़ने लगे और मैं सेक्सी और कोमल आवाज निकालते हुए कुछ न कुछ बोलने लगी। 

उस वक्त सर नई दोनों आंखे बस मेरे ही जिस्म को देख रही थी। वो कभी मेरी हिलती छाती तो कभी योनी देखते। 

सब कुछ काफी जोरदार और सेक्स हो रहा था की तभी मेरे नीचे से पानी की धार निकलने लगी और सर ने मेरी चुत पर झापड़ मारने शुरू कर डाले। 

वो जोर जोर से मेरी पूरी योनी और अपने बड़े बड़े हाथो से झापड़ मारने लगे और मैं किसी पानी ने नल की तरह अपनी निकालती रही। चुत के पानी से पूरा बिस्तर खराब हो गया और सर तो आधे गीले भी हो गए।  

कुछ देर वो इसी तरह मुझे नीचे से रगड़ते रहे और चाटे लगाते रहे और मैं सेक्स के आनंद से पागल सी हो गई। 

आज तक मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था इसलिए मैं हैरान थी और सर जी के हाथ भी बिना रुके किसी मशीन की तरह मुझे रगड़ रहे थे। 

तो ये थी मेरी देसी चुदाई कहानी का पहला भाग अगर दूसरा भाग पढ़ने के लिए थोड़ा इंतजार करिए। 

दोस्तों इस तरह मैं पूरा आनंद लेती रही और कुछ देर बाद सर ने अपना लिंग निकाल कर मेरे सामने कर दिया। बड़ा सा लाल सर वाला लिंग देख मुझे अजीब सा डर खाने लगा। 

सर ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपना लंड पकड़ा दिया और मैं उसे धीरे धीरे हिलाने लगी। दोस्तों इस तरह मैंने खुद अपनी ही चुत पर लंड मार दिया। 

सर ने मुझे बिस्तर पर लेटाया और कुछ देर तक मेरी जंघे चूमते रहे। धीरे धीरे मैं भी गीली हो गई और मैं सर को बोलने लगी मुझे चाटने के लिए। 

पर सर तो कुछ और ही सोच रहे थे उन्होंने अपने हथोड़े जैसा लिंग पकड़ा और उसे मेरे अंदर घुसा दिया। दोस्तों इस तरह मैं उनके साथ सेक्स करने लगी और अपनी चुत में पहला लंड ले लेने लगी। 

परवीन सर गन्दी और गहरी सासे लेते हुए मेरी आँखों में देखने लगी। उनके अंदर मेरे लिए प्यार और चुदाई भरी थी। वो अपने मर्दाना हाथो को मेरे शरीर पर चलाने लगे और कभी मेरे मुँह में ऊँगली डालते तो कभी मेरी छाती दबाते। 

काफी मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी से और गर्म हो गए। सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था की तभी परवीन सर ने धको की रफ़्तार काफी तेज करदी। 

मुझे से चुत का आनंद आने लगा पर साथ साथ लिंग की मोटाई की वजह से दर्द भी उठने लगा। चुत में लिंग रगड़वा कर मेने बड़ी गलती की। धीरे धीरे मुझे नीचे जलन भी होने लगी। 

पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी सर तो पुरे पागल से होने लगे और मुझे पेल पेल कर चोदने लगे। वो बिस्तर में इंसान की जगह पुरे गोरिला बन गए। 

पुरे कमरे में चुत लंड के पानी की बू फेल गई और चुदाई की जोरदार आवाज गूंजने लगी। वो पल पूरा हवस से भरा था और मैं भी धीरे धीरे दर्द को मजे की तरह लेने लगी। 

कुछ देर मुझे ऊपर से चोदने के बाद सर ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी कमर नीचे कर के गांड पूरी उठा ली और अचानक पीछे से अपने मजबूत हाथो से मेरे बाल  खींचे और मुझे धड़ा धड़ चोदने पर उत्तर आए। 

वो पूरा लिंग अंदर बाहर अंदर बाहर करने में लगे रहे और उनकी गोटिया मेरी चुत पर झापड़ लगाने लगी। 

काफी मजा आ रहा था की तभी चुत से मलाई निकल गई जिस कारण लिंग पूरा सफ़ेद और गंदा हो गया। सर ने गोटो से मेरी चुत का पानी टपकने लगा और वो उसे देख और पागल हुए जा रहे थे। 

तभी उन्होंने जल्दी जल्दी मेरी ब्रा पूरी खोली और मेरे दूध दबाते हुए चुदाई करने लगे। मेरे सेक्सी शरीर को देख उन्हें मजा आने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे उनकी बीवी काफी बदसूरत है और आज उन्हें अपनी हवस एक सुंदर लड़की पर निकालने का मौका मिला।

इस तरह वो मुझे घपा गप चोदने लगे और मुझे अपने आप पर शर्म आने लगी की ये मैंने क्या किया। उसके बाद सर ने मुझे उठाया और शीशे के सामने खड़ा कर के पीछे से चोदने लगे। 

मैं अपने आप को नंगी शीशे में देखने लगी और मुझे ये लगने लगा की आज से मैं एक रंडी बन जाऊगी। 

मेरे दोनों पैर खड़े खड़े काप रहे थे बाल खराब और साथ ही साथ काजल और लिपस्टिक भी फैले हुए थे। मेरे थन आगे पीछे जोर जोर से हिल रहे थे और परवीन सर भी शीशे में देखते हुए सेक्स कर रहे थे। 

तभी सर का लंड जरूरत से ज्यादा सख्त हो गया और उन्होंने गन्दी आवाजे निकालना शुरू कर डाला। देखते ही देखते वो गोरिला की तरह मुझे चोदने लगे और अचानक से लंड बाहर निकाल कर मुझे छोड़ दिया। 

बिना सहारे के मैं जमीन पर जा गिरी और परवीन सर ने मेरे ऊपर अपना लंड का सारा रस छोड़ दिया। उसके बाद मैं आराम करने लगी और कुछ देर बाद होटल के बाथरूम में नहाने चली गई। 

उस दिन के बाद मैं परवीन सर से दूर रही पर ये सब ज्यादा नहीं चला। वो चुदाई का दिन मेरे दिमाग में बार बार आता रहा और मैं रोज उसे याद कर अपनी चुत रगड़ती। 

इस तरह मैं वापस परवीन सर के बाद गई और उनके साथ सेक्सी करती रही। ये थी मेरी सेक्सी कहानी अगर आपको जरा भी पसंद आयी तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना। 

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