हेलो मेरे दोस्तों मेरा नाम अर्जुन है और मेरी उम्र 26 साल हैं! आज आपको मैं टीचर की गांड चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ!
दोस्तों मैं कन्नौज का रहने वाला हूँ और दिल्ली में जॉब करता हूँ! तो बिच बिच में समय मिलता था तो मैं कन्नौज आ जाता था रहने!
ये बात आज से एक महीने पहले कि हैं मुझे शादी के लिए एक टीचर का रिस्ता आया था! मैंने उससे बात करि और मुझे वो बहुत हराम लगी तो मैंने घरवालों को माना कर दिया!
उसका नाम निशा था और वो कन्नौज की रहने वाली थी! दिखने में थोड़ी सावली थी और बाकि उससे बात करके पता चल गया वो पैसो वाला ढूंढ रही हैं!
तो रिश्ते के लिए तो मैंने समझा दिया उसे की नहीं हो पायेगा! पर मैंने उसे इस तरीका से ना कहा की बुरा नहीं लगा और वो फिर भी मुझसे बात करती थी!
तो बात करते करते इतना हो गया की हर रात हम बात करने लग गए !
धीरे धीरे हमारे बिच उस तरह की बात होना शुरू हो गया जैसे मैंने पूछा कभी सेक्स किया हैं उसने बोला नहीं और उसने पूछा तुमने? मैंने कहा मौका नहीं मिला आजतक!
मैं तो झूट बोल रहा था मैंने तो कहि बार चुदाई करी हुई थी और जंहा तक लगता हैं वो भी झूट बोल रही थी!
वो मुझसे कहती थी सूट दिला दो तो मैंने उससे कहा दिला दूंगा बदले में क्या मिलेगा?
तो उसने कहा क्या चाहिए तुम्हे? तो मैं हस देता था और वो कहती मुझे पता हैं तुम्हे क्या चाहिए! फिर मैं पूछता क्या चाहिए बताओ तुम? तो वो कहती मैं बोलूंगी नहीं ठरकी इंसान!
मतलब साफ़ था उसे सूट चाहिए था और मुझे चूत चाहिए थी!
तो एक दिन मैंने उससे मिलने का प्लान बनाया और वो भी त्यार थी आने को पर उसने कहा कहि रुकेंगे नहीं!
मैंने कहा मतलब उसने कहा खाएंगे पिएंगे और घर आ जायेंगे मैंने कहा ठीक हैं!
तो हम मिले थोड़ा दूर जंहा से उसका घर पास था और मेरा बहुत दूर! 11 बजे हमने शॉपिंग करी और करीब 1 बज गए उसने दो सूट लिए और फिर हमने खाना खाया!
डेड बजे के करीब उसने पूछा अब कँहा चले? तो मैंने कहा थक तो गए तो चलो तुम्हारे घर चले तो उसने कहा नहीं नहीं वंहा सब हैं!
तो मैंने कहा अब इतनी थकान में वापिस घर तो जा नहीं सकता बताओ आप! उसने कहा देखलो आस पास कोई होटल में चल लो फिर!
मैं तो अंदर से ख़ुशी से पागल हो गया मैंने कहा चलो वंहा पास में हमने रूम लिया और रूम में आ गए! मुझे पता हैं उसे मैंने शॉपिंग कराई है तभी वो राजी हुई वरना नहीं जाती!
वंहा एक बेड पर दोनों सो गए फिर मैंने धीरे से उसके कमर पर हाथ रखा उसने कुछ नहीं कहा!
मैंने उसका सूट ऊपर किया और पेट पर हाथ फेरा उसने कुछ नहीं कहा वो जगी हुई थी उसने मेरी तरफ पीठ करी हुई थी!
मैंने सूट के अंदर हाथ फेरा और उसकी ब्रा को छुआ मेरा लंड खड़ा हो गया! फिर मैंने धीरे से ब्रा के अंदर हाथ डाला और मस्त बूब्स पर हाथ फेरा!
कमाल के बूब्स थे उसके मजा ही आ गया मुझे तो और फिर मेरा हाथ उसके पेट से होकर पाजामे की नाड़े की तरफ गया!
मैंने नाडा खोल दिया और उसकी पैंटी के साथ उसका सलवार दोनों निचे कर दिए!
क्या मोटी गांड थी उसकी कस्सी हुई मजा आ गया छू कर!
फिर मैंने उसको अपनी तरफ पलटा और वो मुस्कुरा रही थी मैं भी हसने लगा और दोनों शर्माने लगे!
मैंने उससे पूछा करलु न? उसने कहा अब मना कर दूंगी तो बिना किये मानोगे फिर हम हसने लगे!
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और देखा चूत पूरी साफ़ थी उसकी मतलब ये चुदने आयी थी आज!
मैंने सीधा चूत में लंड डाल दिया और उसका सूट और ब्रा ऊपर करके बूब्स निकाल दिए!
मस्त मोटे बूब्स मेरी चुदाई करते ही हिलने लगे और मैं उन्हें चूसने लगा! मैंने उसके होंठ चूमे और वो मेरी पीठ पर हाथ फेर रही थी मजा ही आ गया हमे!
थोड़ी देर बाद मैंने उसे कहा पीछे से करना हैं तो वो मना करने लगी की बहुत दर्द होता हैं!
तो मैंने कहा तुम्हे कैसे पता दर्द होता हैं? उसने कहा यार सुना है मैंने की दर्द होता हैं बहुत!
तो मैंने कहा दर्द नहीं मजे आते हैं करके देखो वो आखिर में मान गयी और मैंने थूक लगाया और घोड़ी बनाया उसे!
धीरे से लंड रखा और अंदर डालने लगा तो उसे दर्द हो रहा था तो मैंने एक झटका दिया और वो चिल्लाने लगी की बहार निकालो प्लीज दर्द हो रहा हैं!
मैं नहीं माना उसे सहलाता रहा चूमता रहा चुत पर हाथ फेरता और बूब्स दबाता! मैंने गांड चुदाई शुरू नहीं की जबतक उसका दर्द न जाए!
फिर उसका दर्द चला गया और मैंने गांड चोदना शुरू कर दिया क्या मजा आ रहा था गांड का अलग ही मजा है दोस्तों!
गांड टाइट थी तो कुछ देर चुदाई के बाद मेरा सारा माल उसकी गांड में निकल गया और हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे!
फिर कपड़े पहन कर घर चल दिए और अब जब भी उसे सूट लेना होता तो हम चुदाई जरूर करते!
तो ये थी मेरी कहानी टीचर की गांड चुदाई वाली !