बीवियों को अदल बदल कर चोदने का मज़ा – 1

आज मैं आप लोगों को अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरा नाम अनिकेत है और मेरी उम्र ३५ साल है। मेरी पत्नी का नाम नवोदिता है और उसकी उम्र ३३ साल है। हमारी शादी १३ साल पहले हुई थी और हमारे २ बच्चे हैं। बड़ा लड़का ११ साल और छोटी बेटी ६ साल की है। हमारी ज़िन्दगी और यौन-जीवन आज से ४ साल पहले तक वैसे ही चल रही थी, जैसे कि एक आम मध्यवर्ग के परिवार की चलती है। पिछले ११ सालों में हम लोग सेक्स बस एक ज़रूरत के हिसाब से करते थे। उसमें कोई रोमांच नहीं था, कि हमें सेक्स करने में और मज़ा नहीं आ रहा था।
फिर हमें लगा कि इस तरह तो हम दूर होते जाएँगे, हमने इसमें कुछ नयापन लाने की सोची। उस दिन से हम लोगों ने साथ में ब्लू-फिल्म देखनी शुरु की और गन्दी बातें करनी भी शुरु की। पहले मेरी पत्नी लंड-चूत जैसे शब्द बोलने में भी कतराती थी, पर धीरे-धीरे वह ये बातें आराम से बोलने लगी। उस दिन से हमने अपने यौन-जीवन में एक नयापन का अहसास किया और हमें मज़ा भी आने लगा। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | नवोदिता भी पहले से उलट खुलकर सेक्स करने लगी। पहले जिन सब कामों के लिए वह मना किया करती थी अब वे सारे काम वह ख़ुद ही करवाने-करने लगी। जैसे कि मुँह में लौड़ा लेना, और गांड मरवाना, मेरा वीर्य चेहरे पर लेना, उसे इन कामों में अब बड़ा मज़ा आने लगा था। मैं आप लोगों को अपनी बीवी के बारे में थोड़ा बताता चलूँ। उसकी उम्र ३३ साल है, गोरा बदन, दूध की तरह, उसकी फ़िगर भी ३७-२९-३८ है और उसका क़द ५’ ५” है। मैंने कई बार लोगों को उसे टेढ़ी नज़रों से देखते हुए देखा है, तब मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस होता है, उन लोगों पर गुस्सा भी नहीं आता। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | एक दिन मैंने नवोदिता से वेबकॅम पर सेक्स करने की बात की पर उसने मना कर दिया, लेकिन जब मैंने उससे कहा कि हम लोग अपना चेहरा नहीं दिखाएँगे तो वह मान गई। उस दिन से मैं ऐसे युगल की खोज में जुट गया जो हमारी तरह सोचते हों और एक दिन हमें ऐसा ही एक युगल मिल गया। हम लोगों ने शनिवार रात का समय तय किया कॅम पर सेक्स करने के लिए।
शनिवार रात जब बच्चे सो गए तो रात को ११ बजे, तय समयानुसार हम लोग इन्टरनेट पर मिले। दूसरा युगल था, सोहन ३८, और नेहा ३४। वे भी हमारी तरह एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे और सेक्स में नयापन चाहते थे। तो हम लोगों ने नेट से चैट शुरु की और धीरे-धीरे सेक्स की बातें करने लगे। जहाँ मैं नेहा के नंगे शरीर को देखने के लिए उतावला था वहीं नवोदिता भी सोहन का लंड देखने के लिए उतावली दिख रही थी। पर वह अपने चेहरे से ज़ाहिर नहीं कर रही थी। हमने जब उन लोगों से चैट करी तो उन लोगों ने बताया कि वह लोग फोन सेक्स और अदला-बदली करना चाहते है। हम लोगों ने कहा- हम अभी सोचेंगे।
उस दिन नवोदिता ने गुलाबी रंग की नाईटी पहन रखी थी और उसके अन्दर काले रंग की कच्छी और ब्रा। और मैंने काली हाफ पैंट पहन रखी थी। उधर नेहा ने सलवार कमीज़ और सोहन ने पाजामा पहना हुआ था।
जैसे-जैसे चैट की बात आगे बढ़ी, हम लोगों ने एक-दूसरे को कपड़े उतार देने के लिए कहा। उधर नेहा ने अपनी सलवार कमीज़ उतार दी और वह केवल लाल ब्रा और लाल कच्छी में थी। इधर नवोदिता ने उसको देखते हुए अपनी नाईटी उतार दी और अपनी ब्रा-कच्छी भी उतार दी। उधर सोहन और नेहा अपने सारे कपड़े उतार कर पूर्णतः नग्न हो चुके थे। उनकी देखा-देखी में इधर हम भी नंगे हो गए। आज हमें एक नए प्रकार का आनन्द मिल रहा था। नेहा के ख़ूबसूरत बद़न, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ देखकर, उसकी बिना बालों की गुलाबी चूत देखकर मेरा लंड तो फुँफकारे मार रहा था। उधर सोहन का लंड देखकर नवोदिता की भी यही हालत थी। सोहन का लंड मेरे बराबर ही था पर मेरे से थोड़ा मोटा होगा। वैसे मेरा लंड भी ख़ूब मोटा-तगड़ा है, पर उसका मेरे से थोड़ा अधिक मोटा लगा। जब हम लोग नंगे हुए तो सोहन ने कहा क्यों ना फोन सेक्स करें। तो हम भी राज़ी हो गए। पिर सोहन ने हमें फोन किया और हम लोग स्पीकर ऑन करके बातें करने लगे। फिर हम लोगों ने खुल्लम-खुल्ला चूत-लंड की बातें शुरु कर दीं। नवोदिता मेरा लंड चूसने लगी। अब हम लोग टाईप नहीं कर रहे थे। बस फोन पर ही बातें करके कैमरे के सामने आनन्द का आदान-प्रदान कर रहे थे। अब मैंने नवोदिता की चूत को नेहा की चूत समझ कर चाटना शुरु कर दिया, और आज मुझे वही चूत चाटने में अलग प्रकार का आनन्द आ रहा था। कुछ देर चाटने के बाद नवोदिता मेरे मुँह में ही झड़ गई। आज जितना मज़ा हमें सेक्स करने में आ रहा था, उतना पहले कभी नहीं आया था। अब मैंने और सोहन ने अपनी बीवियों को घोड़ी बना कर चोदना शुरु कर दिया था और फोन पर ही गन्दी-गन्दी बातें कर रहे थे। अब हम लोगों के चेहरे भी एक-दूसरे के सामने थे। इसलिए मज़ा दुगुना हो गया था।

२०-२५ मिनट चोदने के बाद मैंने और सोहन ने अपना सारा वीर्य अपनी बीवियों के मँह में डाल दिया। आज हमने महसूस किया कि जितना मज़ा हमे आज आया, उतना मज़ा पहले कभी नहीं आया। उस दिन का कार्यक्रम खत्म करके हमलोग सो गए। दूसरे दिन सोहन का फोन मेरे पास आया और उसने हमसे बीवियों के अदला-बदली के बारे में पूछा। मैंने उससे कहा कि मैं नवोदिता से बात करके बताऊँगा। उसने मुझे बताया कि नेहा को मेरा लण्ड बहुत पसन्द आया और उसे नवोदिता की गाँड बहुत पसन्द आई। यह सब बातें सुनकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं फिर से नवोदिता की चुदाई करने चल पड़ा। उस समय वह बाथरूम में कपड़े धो रही थी। मैंने वहीं जाकर उसकी नाईटी ऊपर उठाकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। वह इसके लिए तैयार नहीं थी, इसलिए ना-नुकर करने लगी. पर मेरी हरक़तों ने उसे भी उत्तेजित कर दिया और वह मस्त होकर चुदवाने लगी। मैंने इसी उत्तेजना में उससे अदला-बदली के बारें में बात की। सोहन और नेहा के साथ उस समय उसने कुछ जवाब नहीं दिया, और पूरी ताक़त से चुदाई में जुट गई। मैंने महसूस किया कि आज वह और अधिक मज़े से चुदवा रही है। फिर थोड़ी ही देर में वो झड़ गई।
उसने पलट कर मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह ज़ोरों से चूसने लगी। उसकी इस हरक़त से मैं भी थोड़ी ही देर में उसके मुँह में ही झड़ गया। मैंने उससे फिर अदला-बदली के बारे में पूछा तो उसने कुछ कहा तो नहीं पर हल्के से मुस्कुरा दी। यह मेरे लिए हरी झंडी थी। मैंने फटाफट सोहन को फोन करके बता दिया कि हमलोग तैयार हैं और मैंने उससे जगह और समय भी तय करने को कह दिया।
हमलोगों ने अगले शनिवार की योजना तय की और हम लोग बेसब्री से शनिवार की प्रतीक्षा करने लगे। इस बीच हम लोग कभी-कभी फोन सेक्स भी कर लेते थे। उस शनिवार को हम लोगों ने अपने बच्चों को उनकी नानी के घर भेज दिया। मैं एक बोतल वोदका लेकर घर आ गया था दोपहर में ही।
शाम को हम लोग तैयार होकर सोहन और नेहा की प्रतीक्षा करने लगे। मैंने ढीली टी-शर्ट और लोअर पहन लिया। मैंने अन्दर से कुछ नहीं पहना था। नवोदिता ने गुलाबी रंग की सेक्सी सी साड़ी पहन रखी थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। ठीक ७ बजे सोहन और नेहा आ गए। हम लोग आपस में बहुत गर्मजोशी से मिले। जैसे एक दूसरे को काफी पहले से जानते हों। हमारी बीवियाँ थोड़ा सा झिझक रहीं थीं, लेकिन मैंने और सोहन ने माहौल को सँभालने की पूरी कोशिश की।
मैंने सोहन को कपड़े बदलने को कहा, जिससे हम आराम से बातें करने लगे। नेहा ने भी हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी, और बहुत ही सुन्दर लग रही थी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरा लंड तो उसको देखकर ही आपे से बाहर हो चला था। शायद उसने भी मेरी हालत पहचान ली थी। थोड़ी ही देर में सोहन भी कपड़े बदल कर आ गया। उसने शॉर्टस और शर्ट पहन रखी थी और वह भी बारबार नवोदिता को देखने की कोशिश कर रहा था। मुझे लगा उसने भी अन्दर से कुछ नहीं पहन रखा था।
मैं तब तक वोदका की बोतल, लिम्का और ४ गिलास ले आया और पैग बनाने लगा। हम लोग बातें करते-करते वोदका की बोतल खतम करने लगे। हम लोग पहले बातें करने में थोड़ा शरमा रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे पैग खत्म हो रहे थे हमलोग आपस में खुलते जा रहे थे। अब मैं आप लोगों को यह कहानी एक एकांकी की तरह सुनाता हूँ कि हम आगे कैसे बढ़े।
————दृश्य – 1 (ड्राईंग रूम में वोदका पीते हुए)
सोहन – नवोदिता तुम्हारी चूत किस रंग की है?
(नवोदिता शरमा जाती है है और कुछ नहीं बोलती, बस धीरे-धीरे मुस्कुरा देती है।)
अनिकेत – यार उसी रंग की होगी जैसी नेहा भाभी की है, वैसे नवोदिता की चूत एकदम चिकनी है और गुलाबी रंग की है। नेहा भाभी की चूत कैसी है।
सोहन – नेहा की चूत भी एकदम मक्खन की तरह है और एकदम लाल। तुम चाहो तो देख सकते हो। (नेहा यह सुनकर शरमा जाती है।)
(हमलोग और वोदका पीने लगते हैं, मैं जानबूझ कर बीवियों के पैग बड़े और अपने पैग छोटे बना रहा था।)
अनिकेत – चलो यार, थोड़ा नाश्ता कर लेते हैं।
सोहन – आज तो हम चूत और मम्मों का ही भोजन करेंगे।
अनिकेत – यह ठीक है नेहाजी आपके मम्मे दिखाओ ना।
नेहा – पहले अपना लंड तो दिखलाओ।
नवोदिता – चलो हम लोग बेडरूम में चलते हैं।
——————————————-दृश्य – 2

(बेडरूम – हाथ में अन्तिम पैग) सोहन, नेहा, मैं और नवोदिता चारों बिस्तर पर हैं
सोहन – अनिकेत टीवी ऑन कर दो ना यार, कोई फिल्म है तो लगा दो। (उसने मेरी ओर देखकर आँख मारी, और मैं उसका इशारा समझ गया था।)
फिल्म चलाते ही उसमें ब्लू-फिल्म शुरु होती है। हम लोग मूड में थे इसलिए कोई कुछ नहीं बोला और फिल्म देखनी शुरू कर दी। बिस्तर पर पहले मैं लेटा था, फिर नेहा, उसके बाद नवोदिता और फिर सोहन। हमारा बिस्तर काफी बड़ा था पर अगर चार लोग उसमें लेटे तो एक दूसरे से छू जाते ही। हमारा शरीर भी एक-दूसरे से छू रहा था। मुझे नेहा की टाँग लग रही थी, वही हाल सोहन का भी था। सामने ब्लू फिल्म चल रही थी, जिसमें २ लड़के और २ लड़कियाँ थीं, पहले लड़के ने लड़की के मुँह में अपना लंड डाल रखा था और दूसरी लड़की उसकी चूत चाट रही थी, दूसरा लड़का दूसरी लड़की की चूत चाट रहा था।

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